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Hindi Newsबिहार न्यूज़JDU welcomed sending the Waqf Board bill to JPC Vijay Chaudhary said there should be no confusion

वक्फ बोर्ड बिल को JPC में भेजने का जेडीयू ने किया वेलकम, विजय चौधरी बोले- किसी तरह का भ्रम न रहे

वक्फ बोर्ड बिल को जेपीसी में भेजने के केंद्र सरकार के फैसले को नीतीश कुमार की जेडीयू ने उचित और सराहनीय बताय है। नीतीश के मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि बिल के चर्चा में आने के बाद से ही तरह-तरह की भ्रांतियां उठ रही थी। ऐस में अब गहराई से समीक्षा होगी।

sandeep हिन्दुस्तान, पटनाFri, 9 Aug 2024 05:48 PM
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वक्फ बोर्ड संशोधन बिल 2024 को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) में भेज दिया गया। केंद्र सरकार के इस फैसले का नीतीश कुमार की जेडीयू ने स्वागत किया है।और इसे सराहनीय कदम बताया है। नीतीश सरकार के संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि जब से यह संशोधन विधेयक चर्चा में आया है, तभी से अल्पसंख्यक समाज के लोगों में अनेक तरह की आशंकाएं और भ्रान्तियां पनप रही थीं। इन हालातों में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री द्वारा सरकार की तरफ से ही इसकी गहराई से समीक्षा और विमर्न हेतु जेपीसी में भेजने का प्रस्ताव दिया गया। जो कि पूरी तरह मुनासिब है।

विजय चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की शुरू से मान्यता रही है कि अल्पसंख्यक से जुड़े मामलों को संवेदनशीलता से देखना चाहिए, जिससे कोई भ्रम या संशय की स्थिति उत्पन्न न हो। इस विधेयक के मामले में अब अल्पसंख्यक संगठनों को भी अपनी चिताओं और आशंकाओं को प्रवर समिति के समक्ष पहुंचाना चाहिए, जिससे उनका निदान हो सके। बिहार सरकार द्वारा अल्पसंख्यकों के कल्याणार्थ अनेक योजनाएं चलाई गई हैं, जिसका सकारात्मक प्रभाव उस समाज पर दिखने लगा है। अल्पसंख्यक छात्र-छात्राएं शिक्षा एवं आर्थिक विकास के मामले में लगातार आगे बढ़ रहे हैं।

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आपको बता दें जेडीयू ने सदन के अंदर इस बिल को पूरी तरह समर्थन दे दिया। जिसके बाद पटना में जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुस्लिम नेताओं संग बैठक की। इस दौरान अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान और बिहार सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष मो. ईर्शादुल्लाह एवं बिहार शिया वक्फबोर्ड के अध्यक्ष इरशाद अली आजाद ने अपनी चिंता जाहिर की थी।

जमा खान ने नीतीश से आग्रह किया है कि संशोधन बिल में कौन-कौन से नए प्रावधान किए जा रहे हैं, इसे गंभीरता से देखा जाना चाहिए। दूसरी ओर, जेडीयू प्रदेश प्रवक्ता अंजुम आरा ने कहा कि विपक्ष इस मामले पर राजनीतिक रोटी सेंक रहा है। गरीब तबके के तथा जो वंचित लोग हैं उनका उत्थान हो सके, इसी को पूरा करने के लिए यह संशोधन बिल है। वहीं पूर्व सांसद गुलाम रसूल बलियावी ने केंद्र सरकार से सवाल किया था कि क्या वह मठों को लेकर भी कोई बिल लेकर आएगी। वहीं, जेडीयू एलएससी गुलाम गौस ने बिल को लोकसभा में पेश करने से पहले मुस्लिम समाज के बीच इस पर चर्चा कराने की मांग की थी।

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