जेठ में पड़ रहे कई व्रत—त्योहार
जेठ में पड़ रहे कई व्रत-त्योहार जेठ में पड़ रहे कई व्रत-त्योहारजेठ में पड़ रहे कई व्रत-त्योहारजेठ में पड़ रहे कई व्रत-त्योहार

जमुई । मनोज तिवारी इस वर्ष जेठ माह में कई व्रत-त्योहार पड़ रहे हैं। वैसे भी सनातन धर्म में इस माह को पुण्यकारी माना गया है। वैसे, पंचागों और हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, जेठ माह 13 मई को शुरू हो चुका है जो अनामी 11 जून तक रहेगा। इस माह में वट सावित्री, गंगा दशहरा के अलावा निर्जला एकादशी भी है। ऐसी मान्यता है कि जेठ माह में जल और अन्नदान से दुष्ट ग्रह शांत हो जाते हैं। जमुई के प्रसिद्ध पत्नेश्वर धाम के राजीव पांडेय बताते हैं कि सनातन धर्म के लिए जेठ माह का अपना बहुत बड़ा महत्व है।
मान्यता है कि इस माह हर सनातनियों को अपनी हैसियत के अनुसार, दान करना चाहिए। वैसे यह गर्मी का महीना होता है इसलिए हर इंसान को गरीबों के बीच छाता, चप्पल, अन्न आदि का दान करना चाहिए। इससे व्यक्ति के ग्रह-गोचर पर सीधे रूप से सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इस माह में छाता और चप्पल तथा अन्न दान करने से दुष्ट ग्रह शांत होते हैं। पंडित शिरोमणि झा बताते हैं कि पवित्र माह जेठ में इस साल व्रत-त्योहार की शुरुआत 23 मई से हो रही है। दिन शुक्त्रवार पड़ रहा है। इस दिन हमसब अपरा एकादशी करेंगे। यह व्रत सर्वार्थ सिद्ध और अमृत सिद्धि योग में श्रद्धालु मनाएंगे। श्री झा के अनुसार, 24 मई को अपरा एकादशी का पारण रेवती नक्षत्र में होगा। 26 मई को वट सावित्री व्रत मनाया जाएगा: इस साल जेठ माह में पड़ने वाला वट सावित्री व्रत 26 मई को मनाया जाएगा। पति की लंबी आयु्, सुख-समृद्धि और सौभाग्य के लिए सुहागिनें यह व्रत करतीं हैं। इस बार यह व्रत सोमवार को पड़ रहा है। सोमवार को अमावस्या होने से व्रती महिलाओं को सोमवती अमावस्या का पुण्य भी प्राप्त होगा। इस दिन सुहागिनें पीपल व बरगद वृक्ष की पूजा कर धागा बांधकर पति की लंबी आयु की कामना करती हैं। मनोहर आचार्य बताते हैं कि इस व्रत के करने से सुहागिनों के पतियों के अशुभ और हानिकारण ग्रह शांत होते हैं। इसलिए हर पतिव्रता महिलाओं को यह व्रत अनिवार्य रूप से करना चाहिए। पांच जून को पड़ रहा गंगा दशहरा: पंडित मनोहर आचार्य बताते हैं कि सनातन धर्म में गंगा दशहरा का खास महत्व है। इसकी एक अलग ही महत्ता है। इस दिन गंगा स्नान के बाद श्रद्धालु जरूरतमंदों को सत्तू, पंखा, गुड़ आदि दान कर सुख, समृद्धि और वंश वृद्धि की कामना करते है। पांच जून गुरुवार को श्रद्धालु उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र और सिद्धि के साथ-साथ सिद्ध और रवियोग में गंगा दशहरा मनाएंगे। महीने में भगवान राम और हनुमान की पहली मुलाकात हुई थी। इसलिए यह महीना हनुमान जी के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। मान्यता यह है कि ज्येष्ठ माह में शनि देव का जन्म हुआ था, इसलिए इस महीने में शनि देव की पूजा का विशेष महत्व है। इस महीने में गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था, इसलिए गंगा दशहरा का पर्व मनाया जाता है। इस महीने में लोग धार्मिक अनुष्ठान और पूजा-पाठ करते हैं, जिससे जलवायु के प्रभाव से बचा जा सके। वे बताते हैं कि सनातन धर्म में निर्जला एकादशी अपने आप में बड़ा महत्व रखता है। छह जून को इस वर्ष निर्जला एकादशी पड़ रहा है। इस व्रत में श्रद्धालु भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और इस दिन अनाज के साथ-साथ जल का भी त्याग करते हैं। भीषण गर्मी और उमस में पानी त्याग कर श्रद्धालु भगवान विष्णु के सहस्त्रनाम और विष्णु मंत्र का जाप करते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से उन्हें पुण्य की प्राप्ति होती है। ज्येष्ठ माह में 11 जून को स्नान दान की पूर्णिमा के साथ यह माह समाप्त होगी। मात्र दो वर्ग कक्षों के सहारे नव प्राथमिक विद्यालय ताराकूरा मंडल टोला 19 वर्षों में भी विद्यालय को नहीं मिल पाया पर्याप्त संसाधन फोटो-01 : ताराकूरा मंडल टोला में बना प्राथमिक विद्यालय झाझा, नगर संवाददाता जिले में शिक्षा विभाग की भी अजब गजब कहानी है। झाझा के अत्यंत पिछड़े कभी लाल क्षेत्र के रूप में चिन्हित सुदूर ग्रामीण वन क्षेत्र में अवस्थित करहरा पंचायत के अत्यंत पिछड़े आदिवासी मुस्लिम दलित मंडल नईया अनुसूचित जाति जनजाति बहुल गांव ताराकूरा मंडल टोला के गरीब ग्रामीण इलाके के बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए निर्मित सरकारी प्राथमिक विद्यालय मात्र दो छोटे-छोटे कमरों में चलाई जा रही हो, और वह भी वर्षों से, तो इसे आप क्या कहेंगे ? क्या हमारे माननीय मुख्यमंत्री डबल इंजन की सरकार के कार्यकाल की इसे उपलब्धि कहेंगे या फिर सरकारी एवं विभागीय उदासीनता का प्रतिफल, पूछते मिले वहां के गरीब ग्रामीण। यहां के ग्रामीणों की आय के साधन झाझा एवं आसपास के गांवों में जाकर दैनिक मजदूरी करना अथवा दूसरे राज्यों में जाकर मजदूरी के लिए दर-दर भटकना। यदि मजदूरी मिलती है तो बल्ले बल्ले और नहीं मिली तो फिर पानी पीकर ईश्वर का नाम लेकर सो जाना है। बुद्धिजीवी कहते हैं कि ऐसे ही क्षेत्रों में रहने वाले ऐसे ही वंचित समाज के लोगों के बच्चों को शिक्षित करने के लिए सरकार ने विद्यालय खोले हैं ताकि विकासशील बिहार की धारा में वे भी साथ-साथ चलने की रेस में शामिल हो सकें। विकसित बिहार का जो सपना हमारे राज्य के माननीय देख रहे हैं, उस विकसित बिहार का वे भी हिस्सा बन सकें। लोग कहते हैं कि मात्र दो वर्ग कक्षों के सहारे 2007 में स्थापित नव प्राथमिक विद्यालय ताराकूरा मंडल टोला को 19 वर्षों में भी पर्याप्त संसाधन युक्त नहीं बनाया जा सका है। करहरा पंचायत जैसे झाझा के पिछड़े क्षेत्र के अत्यंत पिछड़े इस गांव के स्कूल 114 नामांकित नौनिहालों को सरकार क्या इसी प्रकार से उनके माता-पिता की तरह मजदूरी कर जीवन यापन करने के लिए तैयार कर रही है, पूछ रहे हैं ग्रामीण। विद्यालय की प्रभारी प्रधानाध्यापिका श्रीमती मिक्की कुमारी के अलावे इस विद्यालय में दो अन्य शिक्षकों सुबोध कुमार एवं निशा कुमारी का कहना है कि विद्यालय में संसाधनों का तो अभाव है परंतु हम लोग अपना मैक्सिमम बच्चों को देने की कोशिश में लगे रहते हैं। बताया कि विद्यालय में शौचालय है पेयजल के लिए एक चापाकल है। तीन कमरों एवं एक किचन शेड की मांग विभाग से की जा चुकी है। विभाग जाने विद्यालय को संसाधन युक्त बनाने में कितना विलंब लगता है। बताया गया कि शौचालय की एक अन्य इकाई निर्माणाधीन है, निर्माण कार्य महीनों से लंबित पड़ा हुआ है। कब तक पूरा होगा पता नहीं और इसकी ढलाई थोड़ी झुकी हुई भी प्रतीत होती है, कहते मिले ग्रामीण। तीन कमरों में होती है ,वर्ग आठ तक की पढ़ाई फोटो-04 : उत्क्त्रमित मध्य विद्यालय धपरी कोलटक्स की तस्वीर झाझा, निज प्रतिनिधि सरकार द्वारा सर्व शिक्षा अभियान के तहत शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। शहर से लेकर गांव तक विद्यालय भवन का निर्माण कराया जा रहा है। बच्चों के लिए किताब समेत अन्य सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है। बावजूद व्यवस्था में सुधार होने का नाम नहीं ले रहा है। बता दें कि प्रखंड अंर्तगत उत्क्त्रमित मध्य विद्यालय धपरी कोलटक्स, झाझा में सुविधाओं का घोर अभाव है । यहां तीन कमरा में कक्षा का संचालन हो रहा है। कमरा के अभाव में बच्चों का कक्षावार पढ़ाई नहीं हो पाती है। तीन कमरा में बैठकर कक्षा एक से आठ तक के छात्र-छात्रा पढ़ाई करते हैं। एक कमरा में कक्षा एक से लेकर चार व दूसरा कमरा में पांच व छह कक्षा के छात्र-छात्रा साथ बैठकर पढ़ाई करते हैं। इसके अलावा तीसरा कमरा में सात व आठ कक्षा के छात्र-छात्रा एक साथ बैठकर पढ़ाई करते हैं। जिसके कारण बच्चों की शिक्षा पर बुरा असर पड़ रहा है। बावजूद विभागीय पदाधिकारियों द्वारा इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इस विद्यालय में एक से आठवीं कक्षा तक कुल मिलाकर 211 बच्चों का नामांकन है। लेकिन भवन के अभाव में बच्चों को बैठने में काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। तीन कमरा में सभी बच्चों को भेड़-बकरियों जैसा बैठाकर पढ़ाया जा रहा है। विद्यालय में प्रधानाध्यापक समेत नौ शिक्षकों को पदस्थापित किया गया है। क्या कहते हैं अधिकारी विद्यालय में कमरा का अभाव है। एक कमरा में तीन कक्षा का संचालन किया जा रहा है। जिसमें बैठने में काफी परेशानी होती है।प्रभारी प्रधानाध्यापक द्वारा प्रत्येक साल प्रपत्र के माध्यम से विभागीय अधिकारियों को अवगत कराया जा रहा है। ऐसे विभाग के उच्च अधिकारी से मिलकर समस्या का बहुत जल्द समाधान किया जाएगा। महेंद्र प्रसाद सिंह, बीईओ, झाझा। प्रखंड में पिछले 18 घंटे से बिजली गायब चकाई, निज संवाददाता चकाई प्रखंड में पिछले 18 घंटे से बिजली नही रहने के कारण उपभोक्ताओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बताया जाता है कि बीते रविवार रात्रि 10 बजे के करीब अचानक बिजली कट गई जो अभी तक बाधित हैं। वहीं इस भीषण गर्मी में लाइट कट जाने के कारण लोगों को बिस्तर पर करवट बदलते रात कटी। उम्मीद थी की सुबह तक लाइन आ जाएगी मगर अभी तक बिजली नही आई।वहीं बिजली नही रहने के कारण मोवाइल, बैटरी, कम्प्यूटर सहित बिजली चलित अन्य उपकरण ठप्प पड़ गये हैं। उपभोक्ताओं का कहना है कि चकाई में बिजली सप्लाई बराबर बाधित रहती है। रविवार सुबह से लाइन कटा हुआ था।दोपहर को बिजली आई भी तो हर पांच से दस मिनट के बाद बिजली कट जाती थी जिससे लोगों को काफी परेशानी हो रही थी। वहीं इस बारे में बिजली विभाग के जेई कृष्णनंदन से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि सोंन्हो के पास बीते रविवार की रात बालू लदे हाइवा के चपेट में आने से बिजली का पोल क्षतिग्रस्त हो गया जिस कारण बिजली बाधित हो गया है। काम चल रहा है जल्द से जल्द बिजली बहाल कर दी जाएगी। 23 मई को विद्यालयों में कक्षा 6 से 10 के बच्चों के बीच बाल श्रम निषेध विषय पर पेंटिंग प्रतियोगिता होगी आयोजित झाझा, नगर संवाददाता 23 मई को विद्यालयों में कक्षा 6 से 10 के बच्चों के बीच बाल श्रम निषेध विषय पर पेंटिंग प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी।श्रम अधीक्षक जमुई के पत्रांक 386 दिनांक 14.05.2025 के प्रसंग में प्राथमिक शिक्षा एवं समग्र शिक्षा, जमुई की जिला कार्यक्त्रम पदाधिकारी सीमा कुमारी ने जिले के सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र संप्रेषित किया है। प्रसंगाधीन पत्र के आलोक में कहा है कि विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर जन जागरूकता कार्यक्त्रम के अंतर्गत विद्यालय में कक्षा 6-10 के बच्चों के बीच बाल श्रम निषेध विषय पर कराये गये पेंटिंग प्रतियोगिता में चयनित बच्चों को श्रमायुक्त बिहार द्वारा दिनांक 12 जून 2025 को पुरस्कृत किया जायेगा। इस हेतु श्रम अधीक्षक जमुई द्वारा दिनांक 27 मई 2025 तक पेटिंग प्रतियोगिता आयोजित करवाते हुए चयनित बच्चों की सूची की मांग की गई है। उपरोक्त के आलोक में निदेश दिया है कि प्रखंडाधीन सभी मध्य एवं माध्यमिक विद्यालयों में दिनांक 23 मई 2025 को बाल श्रम निषेध विषय पर पेंटिंग प्रतियोगिता आयोजित करवाते हुए सर्वश्रेष्ठ 03 बच्चों की सूची (पेटिंग सहित) दिनांक 25 मई 2025 तक उनके कार्यालय को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
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