मेजबान जमुई ने लखीसराय को किया 248 रन से परास्त
मेजबान जमुई ने लखीसराय को किया 248 रन से परास्त मेजबान जमुई ने लखीसराय को किया 248 रन से परास्तमेजबान जमुई ने लखीसराय को किया 248 रन से परास्त

झाझा । निज संवाददाता बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के तत्वाधान एवं जमुई जिला ्त्रिरकेट एसोसिएशन की मेजबानी में झाझा के रेलवे चांदवारी ग्राउंड में इन दिनों जारी में श्यामल सिन्हा इंटर डिस्ट्रिक्ट अंडर-16 क्रिकेट टूर्नामेंट का सातवां मैच शुक्रवार को जमुई एवं लखीसराय के बीच खेला गया। जमुई ने टॉस जीत कर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। जमुई के बल्लेबाज आज पूरे फॉर्म में नजर आ रहे थे और शुरुआत से ही विपक्षी गेंदबाजों की गेंदों की जमकर धुनाई करते हुए अपनी धुआंधार बल्लेबाजी के जरिए 49.3 ओवर में सभी विकेट खोने तक 338 रनों का विशाल स्कोर खड़ा कर दिया था।
इस टूर्नामेंट में किसी भी टीम का यह अब तक का संभवत: सर्वाधिक बड़ा स्कोर था। जमुई के उक्त स्कोर में उसके बल्लेबाज अर्णव के 79,निशु के 59 तथा आयुष के 37 व बकास के 36 रनों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। गेंदबाजी में लखीसराय के प्रिंस ने 4 ओर हिमांशु ने 3 विकेट झटके। इसके बाद जमुई से मिले लक्ष्य को साधने उतरे लखीसराय के बल्लेबाजों का आज काफी निराशाजनक प्रदर्शन रहा,जिसके नतीजे में उसकी पूरी टीम मात्र 90 रन ही ढे़र हो गई थी। जमुई के सुमित और मोहम्मद सनाउल्लाह ने विपक्षी टीम पर कहर बरपाते हुए उसके क्रमश: 5 एवं 4 बल्लेबाजों को काफी सस्ते में ही पवेलियन की राह पकड़ा दी थी। इस प्रकार जमुई ने इस मैच को 248 रनों के अब तक के सबसे बड़े अंतर से जीत लिया। लखीसराय के 5 विकेट चटकाने वाले जमुई के गेंदबाज सुमित मैन ऑफ द मैच के पुरस्कार से नवाजे गए। मैच में अंपायर का किरदार मुजफ्फरपुर के सचिन कुमार और रवि कुमार ने तथा स्कोरर की भूमिका सुमन कुमार, जमुई व शुभम कु.सिंह ने निभाई। मैच के दौरान इमरान अख्तर खां,गौरीशंकर पाल,जावेद अंसारी, स्टेशन क्लब के अमित पासवान, संदीप रावत, राहुल सिंह आदि समेत खासी संख्या में खेल प्रेमी दर्शक भी मौजूद थे। आज शनिवार का मैच जमुई बनाम मुंगेर के बीच सुबह 7 बजे से खेला जाएगा। गोरियारी के किसान श्याम सुंदर मरांडी को प्रथम पुरस्कार खैरा के गोरियारी गांव में आयोजित हुआ प्रक्षेत्र दिवस कार्यक्रम फोटो - 18 परिचय - तरबूज प्रदर्शन के मौके पर मौजूद कृषि विज्ञान केंद्र के सदस्य व किसान बरहट, निज संवाददाता गर्मी के मौसम में खाली पड़े खेत से भी किसान अच्छी आमदनी प्राप्त कर सकते हैं। उक्त बातें कृषि विज्ञान केंन्द्र जमुई के प्रमुख डा. सुधीर कुमार सिंह ने खैरा प्रखंड के गोरियारी गांव में आयोजित प्रथम पंक्ति प्रदर्शन योजना अंतर्गत तरबूज की वैज्ञानिक खेती विषय पर प्रक्षेत्र दिवस कार्यक्रम के अवसर पर कहा। उन्होंने आगे कहा कि जमुई जिले में जब औसत तापमान 38 से 42 डिग्री सेल्सियस के बीच होता है तो जिले की ऊंची भूमि का बड़ा हिस्सा खाली रह जाता है जिसे फॉलो लैंड के रूप में जाना जाता है एवं खेत खाली रहने के कारण क्रॉपिंग इंटेंसिटी घटती है एवं किसानों की आमदनी प्रभावित होती है। इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर कृषि विज्ञान केंद्र ने प्रथम पंक्ति प्रदर्शन योजना के अंतर्गत गोरियारी, कपलो, एकतरवा आदि गांव में तरबूज की वैज्ञानिक खेती का प्रदर्शन किया था। इन्हीं प्रदर्शन स्थल पर आज किसानों के साथ प्रक्षेत्र दिवस मनाया गया। उक्त कार्यक्रम में चर्चा के दौरान गोरियारी गांव के किसान श्याम सुंदर मरांडी ने बताया कि उन्होंने अपने दो कट्ठा खेत में तरबूज की खेती की है। इस खेत से परिवार के लोगों ने तरबूज खाया उसके बाद लगभग 11000 रुपया प्रतिकट्ठा की दर से शुद्ध आमदनी प्राप्त हुई। इस फसल की बुवाई फरवरी माह में की गई थी और मई माह तक में पूरे फसल की बिक्री हो जाएगी। इस प्रकार चार माह में 10 से 11000 रुपया प्रति कट्ठा के दर से आमदनी प्राप्त की गई है । इस कार्यक्रम मे अन्य गांव से भी किसान चमन मुर्मू, मुन्नी हांसदा, सुनीता सोरेन, बुधनी मरांडी, पानू मुर्मू, पानो हेंब्रम, कुशल मरांडी, भैया टुडू, बीरबल मुर्मू, भोगांव मुर्मू, वासी सोरेन आदि किसानों ने अपना उत्पाद लाया। सभी के उत्पादों का वजन सभी उपस्थित किसानों के समक्ष किया गया एवं वजन के आधार पर पानो हेंब्रम को तृतीय पुरस्कार जिनके तरबूज का वजन 3.5 किलो पाया गया। मुन्नी हांसदा को द्वितीय पुरस्कार जिनके तरबूज का वजन 4.3 किलो पाया गया एवं श्याम सुंदर मरांडी को प्रथम पुरस्कार जिनके तरबूज का वजन 5.2 किलो पाया गया। इन सभी किसानों को केंद्र की तरफ से सम्मानित किया गया। उपस्थित किसानों ने अगले वर्ष तरबूज की खेती को बड़े पैमाने पर करने में केंद्र से सहयोग की बात रखी। उक्त कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र के डा. प्रभाकर, डा. सुधीर कुमार सिंह के साथ 50 किसानों ने भाग लिया। पोषण भी पढ़ाई भी का तीन दिवसीय प्रशिक्षण प्रारंभ फोटो - 19 और 20 परिचय - बाल विकास परियोजना कार्यालय में प्रशिक्षण लेती सेविकागण चकाई, निज संवाददाता सक्षम आंगनबाड़ी और मिशन पोषण 2.0 के तहत महिला और बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार के द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत विकास के प्रमुख क्षेत्र में कौशल निर्माण हेतु 6 साल से कम उम्र के सभी बच्चों का समग्र विकास सुनिश्चित करने के उद्देश्य से पोषण भी पढ़ाई भी कार्यक्रम शुरू किया गया है। जिसके तीन दिवसीय प्रशिक्षण का शुभारंभ प्रखंड विकास पदाधिकारी चकाई कृष्ण कुमार एवं बाल विकास परियोजना पदाधिकारी चकाई श्रीमती ज्योति द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस कार्यक्रम के अंतर्गत पोषण पर ध्यान देने के साथ-साथ आंगनवाड़ी केन्द्रों में शिक्षा के गुणवत्ता में सुधार के उद्देश्य से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की क्षमता निर्माण की परिकल्पना की गई है। जिससे आंगनबाड़ी को उच्च गुणवत्ता वाले बुनियादी ढ़ांचे, खेल आधारित ई सीसीई गतिविधियों के संचालन हेतु अच्छी तरह से प्रशिक्षित आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ एक शिक्षण केंद्र के बदले में बदलने की दिशा में पहला कदम के रूप में की गई है । बाल विकास योजना पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि इसका उद्देश्य 0 से 3 वर्ष के बच्चों का प्रारंभिक उत्प्रेषण ,दिव्यांग एवं 3 से 6 वर्ष की आयु के बच्चे का प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा को बढ़ावा देना, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का क्षमता वर्धन तथा कुपोषण का प्रबंध है। श्रीमती ज्योति द्वारा यह भी बताया गया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 एवं निपुण भारत निर्देशिका के अनुसार गुणवत्तापूर्ण प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा कार्यक्रम छोटे बच्चों के शारीरिक मानसिक संज्ञानात्मक सामाजिक और भावनात्मक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। जिसमें भाषा शिक्षण और प्रारंभिक साक्षरता भी शामिल है इन वर्षों के दौरान सीखने के लिए मस्तिष्क सबसे लचीला और अनुकूल होता है और 6 वर्ष की आयु तक बच्चे का 90 प्रतिशत मस्तिष्क का विकास हो जाता है इसलिए प्रारंभिक वर्षों में आंगनबाड़ी और पूर्व प्राथमिक शिक्षा केंद्रों में उचित प्रावधान और गुणवत्ता कार्यक्त्रम के रूप में निवेश करना अत्यंत महत्वपूर्ण है | इन वर्षों को व्यवहार निर्माण वर्षों के रूप में भी जाना जाता है जिसमें अच्छी आदतों की नींव बच्चों में पड़ती है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति इस बात पर बल देता है की ईसीसीई के सार्वभौमिक पहुंच के लिए आंगनबाड़ी केंद्र प्रीस्कूलों की तरह अच्छी तरह से प्रशिक्षित कार्यकर्ता के साथ मजबूत किया जाना चाहिए इसके क्रियान्वयन को सक्षम करने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की दृष्टि के आधार पर बुनियादी स्तर के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा विकसित की गई है जिसमें नवचेतना और आधारशिला से संबंधित गतिविधियों को आंगनवाड़ी पर करवाया जाना है नवचेतना के तहत तीन वर्ष तक के बच्चों और आधारशिला के तहत 3 से 6 वर्ष के बच्चों के सर्वांगीण विकास हेतु कई प्रकार की गतिविधियां किए जाने हैं जिसमें अभिभावक और समुदाय की भी साझेदारी लेनी है जिससे बच्चे का संपूर्ण शारीरिक मानसिक सामाजिक विकास हो सके। पोषण भी पढ़ाई भी के प्रशिक्षण तीन बैच में दी जाएगी प्रत्येक बैच 100 सेविकाओं का होगा और यह प्रशिक्षण प्रत्येक बैच के लिए 3 दिनों के लिए आयोजित की जाएगी जिसमें मास्टर ट्रेनर के रूप में महिला पर्यवेक्षिका रानी कुमारी सुलोचना कुमारी कुमारी निहारिका वंदना कुमारी एवं प्रखंड समन्वयक गौतम कुमार शर्मा नामित है एवं आयोजन में डाटा एंट्री ऑपरेटर मुकेश कुमार तथा लिपिक दिव्यांशु कुमार द्वारा सहयोग किया जा रहा है सभी सेविकाओं के द्वारा आज प्रथम दिन उदघाटन सत्र में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के साथ-साथ ऑनलाइन प्री टेस्ट भी दिया गया साथ ही साथ उन सभी सेविका की ऑनलाइन उपस्थिति उनके फोटो के साथ बनाई गई जिससे 100 प्रतिशत सेविकाओं की उपस्थिति प्रशिक्षण में सुनिश्चित किया जा सके। पोषण भी पढ़ाई भी प्रशिक्षण का शुभारंभ फोटो - 21 परिचय - प्रशिक्षण प्राप्त करती सेविकाएं खैरा, निज संवाददाता बाल विकास परियोजना खैरा द्वारा आंगनबाड़ी के सेविकाओं के लिए 9 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ शुक्रवार को प्रखंड मुख्यालय के सभागार में किया गया। इस कार्यक्रम में 3 वर्ष से 5 वर्ष के बच्चों का पोषण भी और पढ़ाई भी कार्यक्रम पर विस्तार पूर्वक सेविकाओं को बताया गया। प्रत्येक सेविकाओं को 3 दिन का प्रशिक्षण लेना आवश्यक है। सभी सेविकाओं के बीच तीन बैच बनाया गया है। इस अवसर पर प्रशिक्षण का शुभारंभ करते हुए बाल विकास परियोजना पदाधिकारी प्रेरणा कुमारी ने बताई की बच्चों के लिए प्रारंभिक बाल्यावस्था जीवन के शुरुआती वर्षों का आधार है। बच्चों के 6 वर्ष के दौरान उसके शारीरिक मानसिक भावनात्मक और सामाजिक विकास को बढ़ावा देना आवश्यक है। इस उम्र में बच्चों के स्वास्थ्य खानपान उसके रहन-सहन का प्रभाव दूरगामी और सकारात्मक होता है ।बच्चों के जन्म के समय उसके मस्तिष्क का विकास 25 प्रतिशत होता है जबकि 3 वर्षों में ही 75 प्रतिशत विकसित हो जाता है। उन्होंने कहा कि पोषण कार्यक्रम के दौरान पोषण के प्रति जितना आप सभी सेविका जवाब देह हैं और दिन-रात कार्यरत रहती है। केंद्रों पर बच्चों की सेवा करती है। इस प्रकार बच्चों के माता-पिता को उसके स्वास्थ्य के बारे में उचित सलाह देना भी आपकी जिम्मेदारी बनती है। उन्होंने कहा कि सरकार का यह कार्यक्रम कल्याणकारी है। इसे धरातल पर उतारने के लिए परियोजना के सभी कर्मियों एवं सेविकाओं को एकजुट होकर इसे सफल बनाना आवश्यक है । बच्चों में शैक्षणिक विकास के लिए स्कूल जाने के पूर्व की शिक्षा देना भी आवश्यक है। इस मौके पर महिला पर्यवेक्षिका जानकी देवी किरण कुमारी स्वाती कुमारी सुधा कुमारी, बबली कुमारी विशाखा कुमारी कुमारी मीरा सोनी सिंह सहित कार्यालय के सभी कर्मी वहां मौजूद थे ।
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