विदेश में ब्लैकमनी छिपाने वालों की शामत, आयकर विभाग ने शुरू की जांच; 2 दर्जन लोग रडार पर
- अपनी संपत्ति के विवरण में विदेश में मौजूद धन का खुलासा नहीं करने वालों या अपने आयकर रिटर्न में इसका जिक्र नहीं करने वाले लोग आयकर विभाग की रडार पर हैं। इसमें व्यवसायी से लेकर अधिकारी समेत कई स्तर के व्यक्ति इस जांच के दायर में आ सकते हैं।
विदेश में अपनी काली कमाई को छिपाने की नीयत से निवेश करने वाले बिहार के लोगों की अब खैर नहीं है। ऐसे लोगों के विदेशी निवेश की पड़ताल आयकर विभाग ने शुरू कर दी है। उनकी संदिग्ध संपत्ति के बारे में पूरी जानकारी जुटाई जा रही है ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके।केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की तरफ से ऐसी संदिग्ध संपत्तियों से संबंधित प्रारंभिक स्तर की जानकारी बिहार आयकर विभाग के कार्यालय को भेजी गई है। साथ ही ऐसे लोगों के खिलाफ अभियान चला कर जानकारी जुटाने और कार्रवाई के लिए कहा गया है।
अपनी संपत्ति के विवरण में विदेश में मौजूद धन का खुलासा नहीं करने वालों या अपने आयकर रिटर्न में इसका जिक्र नहीं करने वाले लोग आयकर विभाग की रडार पर हैं। इसमें व्यवसायी से लेकर अधिकारी समेत कई स्तर के व्यक्ति इस जांच के दायर में आ सकते हैं। शुरुआती जांच में फिलहाल ऐसे करीब दो दर्जन लोग निशाने पर हैं। हालांकि, जांच पूरी होने के बाद ही स्पष्ट रूप से इसकी संख्या के बारे में पता चल सकेगा। आयकर विभाग ने एक विशेष टीम का गठन कर उसे मामले की जांच में लगाया है।
संपत्ति जब्ती से लेकर जेल भेजने तक का प्रावधान
इस जांच में जो लोग पकड़े जाएंगे, उनके खिलाफ 2015 के ब्लैकमनी एक्ट (काला धन अधिनियम) के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी। इस कानून में स्पष्ट तौर पर जिक्र है कि विदेश में किसी तरह के चल एवं अचल निवेश या संपत्ति की जानकारी आयकर रिटर्न में देना अनिवार्य है। ऐसा नहीं करने वालों पर नए अधिनियम के तहत सख्त कार्रवाई करने का उल्लेख है। इसमें संपत्ति जब्ती के साथ दोषी को जेल भेजने तक का प्रावधान है।