भूकंप के झटके झेलने में कितना सक्षम है मकान, इंजीनियर करेंगे जांच; मिलेगी यह खास ट्रेनिंग
- बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से अभियंताओं को रैपिड विजुअल स्क्रीनिंग का प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण प्राप्त अभियंता सरकारी भवन देखकर जांच करेंगे। उसके बाद मानक के आधार पर बताएंगे कि भवन कितनी तीव्रता तक का भूकंप झेल सकता है।
हिमालय क्षेत्र में भूकंप की बारंबारता को देखते हुए सरकारी भवनों को सुरक्षित करने की कवायद शुरू हो गई है। स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, थाने सहित सभी सरकारी भवनों की रैपिड विजुअल स्क्रीनिंग (आरवीएस) कराई जाएगी। इसके जरिए यह पता लगाया जाएगा कि भवन भूकंप के झटके झेलने में कितना सक्षम है। बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से अभियंताओं को रैपिड विजुअल स्क्रीनिंग का प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण प्राप्त अभियंता सरकारी भवन देखकर जांच करेंगे। उसके बाद मानक के आधार पर बताएंगे कि भवन कितनी तीव्रता तक का भूकंप झेल सकता है।
आरवीएस के अलग-अलग तरीके हैं। बिहार में पटना आईआईटी की ओर से तैयार मार्गदर्शिका के अनुसार मकान की मजबूती की परख होगी। आमतौर पर यह डैमेज ग्रेड में बंटा होता है। पहली बार आईआईटी पटना ने एक से 100 तक के स्केल तय किए हैं। आईआईटी पटना का यह शोध इटली वर्ल्ड कॉन्फ्रेंस ऑफ सिविल इंजीनियर में प्रकाशित हुआ है।
मास्टर ट्रेनर किए जा रहे तैयार
आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से आरवीएस के लिए मास्टर ट्रेनर तैयार किए जा रहे हैं। पहले चरण में सौ सिविल अभियंताओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। ये अभियंता राज्य के अन्य सिविल अभियंताओं को प्रशिक्षण देंगे। उसके बाद सरकारी भवनों की रैपिड विजुअल स्क्रीनिंग का काम शुरू होगा।
सरकारी भवनों की पहले जांच
बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने भूकंपरोधी मकान बनाने की अपील की है। पहले से बने सरकारी भवनों की जांच आरवीएस के जरिए की जाएगी। इसके तहत पहले चरण में सभी स्कूल, अस्पताल, थाना भवन, प्रखंड कार्यालय, अंचल कार्यालय, कलेक्ट्रेट सहित अन्य सरकारी भवनों और ऐतिहासिक इमारतों की जांच की जाएगी। उसके बाद अन्य पुराने भवनों की जांच होगी।
20 हजार राजमिस्त्री को दिया जा चुका है प्रशिक्षण
भूकंपरोधी मकान बनाने के लिए आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से राजमिस्त्रित्त्यों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। अब तक 20 हजार राजमिस्त्रित्त्यों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। ये राज्य और राज्य के बाहर काम कर रहे हैं। वहीं, राष्ट्रीय कौशल विकास निगम से भी प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है। प्राधिकरण की योजना राज्य के बाकी बचे राजमिस्त्रित्त्यों को भी प्रशिक्षण देने की है।
यह है आरवीएस
रैपिड विज़ुअल स्क्रीनिंग (आरवीएस) इमारत की संरचनात्मक क्षमता के आकलन का एक प्रभावी और कुशल तरीका है। इसमें देखकर पता लगाया जाता है कि भवन कितना मजबूत बना है। इस पद्धति का उपयोग इमारतों के बाहरी और आंतरिक भाग का अवलोकन में किया जाता है। इसके बाद अभियंता डेटा संग्रह कर विश्लेषण करते हैं। भवन के भूकंपीय जोखिम का आकलन करते हैं।