Hindi Newsबिहार न्यूज़If there is no loot then why the hurry Pressure to install smart meter RJD 13 questions to Nitish government

लूट नहीं तो जल्दबाजी क्यों? डंडे के जोर पर लगाए जा रहे स्मार्ट मीटर; नीतीश सरकार से आरजेडी के 13 सवाल

राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने राज्य सरकार पर स्मार्ट मीटर को लेकर विपक्ष के सवालों का जवाब नही देने का आरोप लगाया। उन्होंने 13 सवाल सरकार के समक्ष रखे। जगदानंद ने कहा कि अगर लूट नहीं हो रही, तो स्मार्ट मीटर लगाने की जल्दीबाजी में सरकार क्यों है

sandeep हिन्दुस्तान, पटनाSat, 28 Sep 2024 05:35 PM
share Share

बिहार में स्मार्ट मीटर को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है। एक तरफ आरजेडी और कांग्रेस ने 2 अक्टूबर से स्मार्ट मीटर के खिलाफ जन आंदोलन का ऐलान किया है। तो वहीं खुद शुक्रवार को सीएम नीतीश ने ऊर्जा विभाग की बैठक ली। जिसमें उन्होने जनता से स्मार्ट मीटर को लेकर फैलाई जा रही अफवाहों और भ्रांतियों से दूर रहने की सलाह दी। लेकिन आज दूसरे दिन आरजेडी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर स्मार्ट मीटर को लेकर नीतीश सरकार से 13 सवाल पूछे हैं।

राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने प्रेस कांफ्रेस कर राज्य सरकार पर स्मार्ट मीटर को लेकर विपक्ष के सवालों का जवाब नहीं देने का आरोप लगाया। उन्होने कहा कि अगर लूट नहीं हो रही, तो स्मार्ट मीटर लगाने की जल्दीबाजी में सरकार क्यों है। 15 सितंबर को सीएमडी ने लाठी-डंडे के जोर पर स्मार्ट मीटर लगाने की बात क्यों कही। जगदानंद ने कहा कि बिहार का एक भी व्यक्ति स्मार्ट मीटर से संतुष्ट नहीं है।

ये भी पढ़ें:स्मार्ट मीटर को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा, ऊर्जा विभाग की बैठक में बोले CM नीतीश

जगदानंद ने ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र के बयान के जवाब में कहा कि मेरा बिजली बिल कैसे कम हुआ है। इसका मैं भुक्तभोगी हूं। दो कमरे में रहने वाला जगदानंद एक कमरे में जिंदगी गुजार रहा हूं। मेरी इतनी हैसियत नहीं है कि हम इतना बिजली बिल दे सकें, जबकि सरकार से मुझे पेंशन मिलती है। दरअसल ऊर्जा मंत्री ने कहा था कि राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद का बिजली बिल 17 फीसदी कम हुआ है।

आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने नीतीश सरकार से 13 सवाल भी पूछे

1-जो स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं, उसमें उपभोक्ताओं के समक्ष थर्ड पार्टी की ओर से मीटर की गति पुराने मीटर और स्मार्ट मीटर की गति में कोई फर्क नहीं है। इस बात का भरोसा दिलाया गया है।

2-किसानों को केवल 8 घंटे की बिजली क्यों?

3-कृषि फीडर लगाने के लिए डेडिकेटेड फीडर का निर्माण खेती के उत्पादन में सहयोग के लिए है, या उन्हें तबाह करने के लिए बन रहा है?

4-सच है कि 2023-2024 में 2200 करोड़ की बिजली 4 रुपए में 5280 एमयू (मिलियन यूनिट) अन्य राज्यों को बिक्री क्यों? क्या बिहार की खेती को बर्बाद करने के लिए?

5-क्या भारत सरकार ने बिजली के उत्पादन के लिए 80000 करोड़ व्यय नहीं किया है। बिहार की सरकार ने पूर्व से स्थापित बिजली उत्पादन केन्द्रों कांटी और बरौनी की भी बिक्री नहीं कर दी?

6-लालू प्रसाद ने यूपीए की सरकार 2004 में शामिल होते ही केन्द्र द्वारा उपेक्षित बिहार के लिए 4 अप्रैल, 2005 को ग्रामीण विद्युतीकरण की योजना शुरू करती है, तब बिहार के गांवों में बिजली लगाने का कार्य शुरू होता है, क्या यह सच नहीं है?

7- 5 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से खरीद कर बिजली को 5.85 रुपए से 8 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से क्या बिक्री नहीं हो रही? फिक्स्ड चार्ज और विद्युत शुल्क बिजली बिल पर अंकित ये दो चार्ज किसलिए लिये जाते हैं?

ये भी पढ़ें:यह स्मार्ट मीटर नहीं स्मार्ट चीटर; तेजस्वी ने दुबई से अपने वर्कर को किया चार्ज

8- बिहार सरकार का अपना उत्पादन शून्य है, इससे आम लोगों को बचाया गया है ?

9- भयंकर सूखाड़ के वक्त इस वर्ष भूगर्भीय जल का ही सहारा था। इसके लिए 24 घंटे बिजली के बदले कृषि फीडर में कटौती कर क्या अन्य राज्यों को सस्ते दर पर बिजली नहीं बेची गई?

10- वर्ष 1998 से 2004 तक नीतीश भाजपा की केन्द्रीय सरकार में मंत्री रहते बिहार को बिजली के मद में एक भी पैसे का योगदान करा पाए ?

11- वर्ष 2003 में नया विद्युत एक्ट बना। इसमें यूनिवर्सल विद्युत दर के बदले उत्पादन केन्द्रों द्वारा तय बिजली की दर लागू कराने में अपनी भूमिका के बारे में बताएंगे? उसी समय से बिहार को अधिक कीमत पर बिजली खरीदनी पड़ती है। राज्य सरकार में बिहार की तबाही का रास्ता नीतीश कुमार, आपने तय किया था, क्या यह सही नहीं है?

12- अब बर्बादी के कगार पर खड़े बिहार को स्मार्ट मीटर लगाने के नाम पर पूंजीपतियों के हाथों गिरवी रखने का षड्यंत्र किया है। लूट में यदि आपकी हिस्सेदार नही हैं तो इतने स्मार्ट मीटर लगाने के लिए बेचैन क्यों हैं?

13- नीतीश कुमार, बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड के पटना के पत्रांक 19/सी. एम.डी. दिनांक 15.09.2024 को जारी कर आपने साबित नहीं कर दिया है कि स्मार्ट मीटर लगाने के लिए ग्रामीण तैयार नहीं हैं। लाठी-डंडे की ताकत की बदौलत आप कार्य करना चाहते हैं। विरोधी पक्ष कोई अफवाह नहीं फैला रहा है। बल्कि, आपके इस अत्याचार के खिलाफ जनता उठ खड़ी हो चुकी है। आप जनता के खिलाफ हैं।

अगला लेखऐप पर पढ़ें