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Hindi Newsबिहार न्यूज़HAM demands naming of Gaya airport after Mountain Man Dashrath Manjhi

माउंटेन मैन दशरथ मांझी के नाम पर हो गया एयरपोर्ट का नाम, HAM की मांग

14 जनवरी, 1934 को जन्मे दशरथ मांझी गया के नजदीक एक गांव गहलौर के श्रमिक थे। उन्होंने हथौड़े और छेनी की मदद से 360 फीट लंबा और 30 फीट चौड़ा तथा 25 फीट गहरा रास्ता बना दिया था।

Nishant Nandan हिन्दुस्तान टाइम्स, गया, प्रसून के मिश्राWed, 14 Aug 2024 05:05 AM
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केंद्र की NDA सरकार में शामिल हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा Hindustani Awam Morcha (HAM) ने मांग की है कि गया एयरपोर्ट का नाम माउंटेन मैन दशरथ मांझी के नाम पर रखा जाए। बता दें कि HAM के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी अभी केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन बिहार में कैबिनेट मंत्री हैं।

14 जनवरी, 1934 को जन्मे दशरथ मांझी गया के नजदीक एक गांव गहलौर के श्रमिक थे। उन्होंने हथौड़े और छेनी की मदद से 360 फीट लंबा और 30 फीट चौड़ा तथा 25 फीट गहरा रास्ता बना दिया था। एक पहाड़ी क्षेत्र में अकेले अपने दम पर रास्ता बना कर दशरथ मांझी ने बेहतरीन नजीर पेश की थी और इसी वजह से उनका नाम माउंटेन मैन पड़ा था। 22 सालों तक अथक प्रयास के बाद दशरथ मांझी को यह सफलता मिली थी। 17 अगस्त, 2007 को उनकी मौत हुई थी।

दशरथ मांझी की पत्नी फागुनी देवी पानी लाने के लिए पहाड़ पर दूर तक जाती थी। साल 1959 में उनकी पत्नी की मौत हो गई थी। इसके बाद दशरथ मांझी ने पहाड़ काट कर रास्ता बनाया था। इससे अटरी और वजीरगंज ब्लॉक के बीच की 55 किलोमीटर की दूरी 15 किलोमीटर में तब्दील हो गई थी। उनकी इस उपलब्धि के लिए राज्य और केंद्र सरकार ने उन्हें इनाम और सम्मान दिया था।

बुधवार को HAM के राष्ट्रीय प्रवक्ता और इंजीनियर नंद लाल मांझी ने गया एयरपोर्ट का नाम दशरथ मांझी के नाम पर रखने की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि माउंटेन मैन ने ना सिर्फ मुसहर जाति को गौरव दिलाई बल्कि वो सभी गरीब और लाचार लोगों के प्रेरणास्त्रोत हैं।

नंद लाल ने कहा कि केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी और बिहार के मंत्री संतोष सुमन 17 अगस्त को दशरथ मांझी की पुण्यतिथि पर कालचक्र ग्राउंड से उनके समाधि स्थल तक जाने वाली एक बाइक रैली को हरी झंडी दिखाएंगे।

हम के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि एयरपोर्ट का नाम चर्चित शख्सियत के नाम पर रखने से राज्य के गरीबों और पिछड़ों का सम्मान होगा। उन्होंने सरकार से इस संबंध में जल्द फैसला लेने का आग्रह किया है। इधर राजनीतिक विशलेषकों का मानना है कि यह मुसहर समुदाय से जुड़ी अहम मांग है। बिहार विधानसभा में यह समुदाय अहम वोट बैंंक माना जाता है। 

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