राजस्व कर्मी और पंचायत सचिवों के सामूहिक हड़ताल से कार्य प्रभावित
सहदेई बुजुर्ग। संवाद सूत्र राजस्व कर्मी और पंचायत सचिवों के सामूहिक हड़ताल से कार्य प्रभावितराजस्व कर्मी और पंचायत सचिवों के सामूहिक हड़ताल से कार्य प्रभावितराजस्व कर्मी और पंचायत सचिवों के सामूहिक...

सहदेई बुजुर्ग। संवाद सूत्र राजस्व कर्मी और पंचायत सचिवों के अनिश्चितकालीन सामूहिक हड़ताल पर चले जाने से सहदेई और देसरी प्रखंड और अंचल में प्रशासनिक कार्यों की रफ्तार थम-सी गई है। एक ओर जहां पंचायत स्तर पर विकास योजनाएं पूरी तरह ठप है। वहीं छात्र-छात्राओं और बेरोजगार युवाओं को आवश्यक प्रमाणपत्र बनवाने में परेशानी हो रही है। राजस्व कर्मचारी संघ राज्यस्तरीय आह्वान पर 17 सूत्री मांगों को लेकर कर्मी सामूहिक हड़ताल पर है। इधर, पंचायत सचिव संघ भी अपनी 9 सूत्री मांगों को लेकर 2 मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है। संघ का कहना है कि जब तक मांगे पूरी नहीं होतीं, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
हड़ताल के कारण आरटीपीएस काउंटरों पर पूरी तरह से सन्नाटा छा गया है। स्थानीय अंचल कार्यालय में 200 से अधिक प्रमाणपत्रों के लिए ऑनलाइन आवेदन किए गए, लेकिन सत्यापन नहीं होने से सभी आवेदन लंबित है। कई युवाओं ने बताया कि समय पर प्रमाणपत्र नहीं बनने से वे नामांकन और नौकरी के अवसर से वंचित हो सकते हैं। ठप पड़े पंचायत स्तर के कार्य पंचायत सचिवों की हड़ताल का सीधा असर ग्राम स्तर पर दिख रहा है। विकास योजनाओं के अलावा राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्र जैसी जनकल्याणकारी योजनाएं पूरी तरह बाधित हैं। कई पंचायतों में लोग रोजमर्रा के जरूरी कामों के लिए चक्कर काट रहे हैं, लेकिन खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। वर्जन स्थिति को देखते हुए दो संविदा आधारित राजस्व कर्मियों के माध्यम से सीमित वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। हालांकि, आवेदनों की संख्या और कार्यभार के अनुपात में यह व्यवस्था फिलहाल अपर्याप्त साबित हो रही है।
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