IAS संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव पर शिकंजा टाइट, ED ने केस के लिए SUV को लिखा पत्र
पत्र में काली कमाई और पद का दुरुपयोग करके जमा की गई करोड़ों की अवैध संपत्ति से जुड़े सभी साक्ष्य दिए गए हैं जिसके आधार पर पूरी तरह से आय से अधिक संपत्ति (डीए) का मामला बनता है। दो दिन पहले लिखा यह पत्र राज्य की एसवीयू को प्राप्त हो गया है। इस पर संबंधित एजेंसी ने उचित कार्रवाई भी शुरू कर दी है।
प्रवर्तन निदेशालय, ईडी ने आईएएस अधिकारी संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति (डीए) मामले में मुकदमा दर्ज करने की सिफारिश राज्य सरकार से की है। इसे लेकर ईडी मुख्यालय ने बिहार के डीजीपी और विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) के एडीजी नैयर हसनैन खान को पत्र लिखा है। करीब 13 पेज के इस पत्र में आईएएस अधिकारी और पूर्व एमएलए की अवैध संपत्ति से संबंधित पूरा ब्योरा प्रस्तुत किया है। जांच एजेंसी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा- 66(2) का प्रयोग करते हुए यह सिफारिश की है।
ईडी ने पत्र में काली कमाई और पद का दुरुपयोग करके जमा की गई करोड़ों की अवैध संपत्ति से जुड़े सभी साक्ष्य दिए गए हैं जिसके आधार पर पूरी तरह से आय से अधिक संपत्ति (डीए) का मामला बनता है। दो दिन पहले लिखा यह पत्र राज्य की एसवीयू को प्राप्त हो गया है। इस पर संबंधित एजेंसी ने उचित कार्रवाई भी शुरू कर दी है। राज्य सरकार के स्तर पर अंतिम निर्णय होने के बाद इन दोनों के खिलाफ डीए केस में मुकदमा दर्ज हो सकता है। जल्द ही ईडी राज्य सरकार को इस मामले से जुड़े कुछ और ठोस साक्ष्य प्रस्तुत कर सकती है। पीएमएलए की धारा 66(2) के अंतर्गत भेजे गए सभी साक्ष्य ईडी ने अपनी सघन जांच के बाद पाया है। इसके आधार पर राज्य की एजेंसी को इन दोनों के साथ ही इनसे जुड़े अन्य लोगों के बारे में डीए की धाराओं के अंतर्गत मुकदमा दर्ज करना अनिवार्य हो जाता है। क्योंकि, धारा-66(2) को लेकर कुछ वर्ष पहले सुप्रीम कोर्ट ने विजय मदन लाल चौधरी के एक मामले में पारित आदेश में कहा था कि ईडी के स्तर से ऐसे साक्ष्य प्रस्तुत करने पर कार्रवाई करना अनिवार्य होगा।
16 जुलाई को ईडी ने 20 से अधिक स्थानों पर की थी छापेमारी
ईडी ने 16 जुलाई को संजीव और गुलाब के बिहार, दिल्ली, यूपी, पंजाब, पुणे के दो दर्जन ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी। इसमें संजीव के साले और अन्य रिश्तेदारों के अलावा एक जमीन ब्रोकर के ठिकाने भी शामिल थे। इलाहाबाद की एक महिला वकील ने इन दोनों के खिलाफ रेप समेत अन्य मामलों को लेकर 2021 में मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें महिला को फ्लैट और गाड़ी भी देने की बात कही गई थी। इसी प्राथमिकी को आधार बनाकर ईडी ने कार्रवाई शुरू की थी। हालांकि हाईकोर्ट ने हाल ही में इस केस को खारिज कर दिया था।
लेनदेन से जुड़े वीडियो फुटेज और कई फोटो भी ईडी ने सरकार को भेजे
गायत्री देवी के स्तर से संजीव हंस और उनकी पत्नी के बैंक खातों में 90 लाख रुपये कैश जमा करने तथा 2 करोड़ 44 लाख रुपये हवाला के जरिए भेजने के पुख्ता प्रमाण दिए गए हैं। लेनदेन से जुड़े वीडियो फुटेज और कई फोटो भी ईडी ने राज्य सरकार को समर्पित किए हैं। वहीं, गुलाब यादव के खाते में जमा 5 से 6 करोड़ रुपये के वैध स्रोत की जानकारी ईडी की पूछताछ में वे बताने में पूरी तरह से विफल रहे हैं। संजीव हंस के लिए गुलाब यादव मुख्य रूप से बिचौलिया का काम करते थे। अनेक योजनाओं में अवैध तरीके से ठेका लेने और दिलाने के नाम पर मोटी कमीशनखोरी की गई है।
बेनामी लेनदेन से लेकर हवाला से पैसे भेजने तक के साक्ष्य दिए
राज्य सरकार को भेजे साक्ष्य में ईडी ने आईएएस संजीव हंस के पास 20 करोड़ रुपये से अधिक की बेनामी संपत्ति का उल्लेख किया है। ये संपत्तियां नोएडा, गुड़गांव, पंजाब समेत अन्य स्थानों पर हैं। इनके कई निजी ठेकेदारों से नजदीकी साठगांठ से जुड़े तमाम तथ्य भी प्रस्तुत किए गए हैं। इन ठेकेदारों पर भी शिकंजा कस सकता है। संजीव हंस और गुलाब यादव के साथ उनकी पत्नी एमएलसी गायत्री देवी के साथ साक्षा कारोबार के प्रमाण और काली कमाई से जुड़े कई महत्वपूर्ण प्रमाण प्रस्तुत किए गए हैं।