राजस्व और भूमि सुधार विभाग में विशेष सर्वेक्षण और बंदोबस्त के काम में 11262 कर्मी कार्यरत हैं। नए कर्मियों की बहाली के बाद सर्वे कर्मियों की संख्या बढ़कर 12511 हो जाएगी। इससे भूमि सर्वे के काम में और तेजी आएगी।
बिहार भूमि सर्वे में नीतीश सरकार ने रैयतों को बड़ी राहत दी है। अब स्वघोषणा के साथ जमीन के सभी कागजात संलग्न करके देना जरूरी नहीं है। फिलहाल जमीन के जितने कागजात रैयत के पास उपलब्ध हैं, उतने ही संलग्न कर सकते हैं
बिहार में मठ और मंदिरों की जमीन का रिकॉर्ड जल्द ही एक ऑनलाइन पोर्टल पर उपलब्ध होगा, जिसे सभी लोग देख सकेंगे। इससे धार्मिक स्थलों की जमीन पर अतिक्रमण होने से बचेगा।
पटना से आए डीएसपी सुजीत कुमार सागर ने बताया कि कानूनगो विकास कुमार प्रखंड क्षेत्र के महेशुआ निवासी अनुपम कुमार से जमीन के सर्वे के लिए रिश्वत मांग रहा था। अनुपम ने इसकी शिकायत निगरानी विभाग पटना से की थी। निगरानी की टीम ने शिकायत का सत्यापन किया और गिरफ्तारी के लिए जाल बिछाया।
मंत्री ने कहा कि अब तक आम लोगों के द्वारा की जा रही शिकायतों की निगरानी नहीं हो पा रही है। विभाग ने इसके लिए ऑनलाइन कम्प्लेन पोर्टल विकसित करने का निर्णय लिया है। इससे यह आसानी से पता चल सकेगा कि किसने शिकायत की और उनकी शिकायत पर क्या कार्रवाई की गई।
बिहार में जमीन सर्वे के तहत स्वघोषणा और वंशावली की समयसीमा बढ़ाई जा सकती है। राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी ने बुधवार को विधानसभा में इसके संकेत दिए।
बिहार के सभी 9 प्रमंडलों में जमीन सर्वे का सर्वर काम करना शुरू हो गया है। रैयत अब बिना किसी परेशानी के अपनी वंशावली और जमीन से जुड़े अन्य दस्तावेज सर्वर पर अपलोड कर सकते हैं।
बिहार में जमीन सर्वे के दूसरे चरण के 18 जिलों के जिन 26786 मौजों में भूमि सर्वे का काम शुरू किया गया है, उनमें 70 फीसदी से अधिक मौजों में तेरीज लेखन का काम पूर्ण कर लिया गया है। शेष मौजों में इस माह के आखिर तक यह काम पूरा कर लिया जाएगा।
बिहार में चल रहे जमीन सर्वे में फिर से रुकावट आ गई है। 21 फरवरी तक ऑनलाइन दस्तावेज और वंशावली जमा करने की प्रक्रिया बंद हो गई है। बताया जा रहा है कि सर्वर में समस्या आना के कारण राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने फैसला लिया है।
वर्तमान में राजस्व विभाग की कवायद गलत ऑनलाइन जमाबंदी में सुधार से संबंधित है। वर्तमान में 4.39 करोड़ जमाबंदियों को ऑनलाइन किया जा चुका है। जमाबंदियों के डिजिटाइजेशन एवं उसे त्रुटिरहित करने के लिए 15 मार्च तक विशेष अभियान चलेगा