नगर निगम चाह कर भी इन्हें मुक्त नहीं करा पा रहा है। बीते दो साल में कुछ जगहों पर अतिक्रमण हटाने को लेकर निगम के स्तर से हुए कागजी प्रयास भी विफल रहे। हद तो यह कि शहर के सबसे बड़े फरदो आउटर नाले से लेकर सिकंदरपुर स्लुईस गेट से जुड़े नाले की जमीन तक पर मकान आदि स्थायी निर्माण हो चुके हैं।
राज्य के 12 अंचल अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है वहीं 189 अफसरों का वेतन रोक दिया गया है। मंत्री ने कहा है कि कोई मेरी नजरों से बचाने वाला नहीं है। जिसकी गलती पकड़ में आएगी उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी।
Bihar Land Survey: मौजूदा व्यवस्था के अंतर्गत जमीन सर्वे में दस्तावेजों को जमा करने की समय सीमा 30 नवंबर को पूरी हो रही है। इसके बाद किस्तवार(क्रॉस चेकिंग) का कार्य शुरू होना था, लेकिन अब समय सीमा में तीन महीने की वृद्धि होने के बाद किस्तवार का कार्य इसके बाद शुरू होगा।
बिहार में जमीन सर्वे की जटिलता को सरल बनाने के लिए जल्द ही नीतीश सरकार नया कानून लाने जा रही है। आगामी कैबिनेट बैठक में इसके ड्राफ्ट को मंजूरी मिल सकती है। राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री दिलीप जायसवाल ने यह बात कही है।
केंद्र सरकार बिहार और झारखंड की सीमा का सर्वे कराने जा रही है। बिहार से अलग होकर झारखंड राज्य बनने के बाद भूमि सर्वे नहीं हो पाया है। सीमा पर मौजूद प्रखंडों एवं गांवों के नाम, मौजा, खाता, खेसरा नए सिरे से खतियान में दर्ज किया जाएगा।
बिहार में चल रहे जमीन के सभी दस्तावेज 31 दिसंबर तक ऑनलाइन होंगे। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने दस्तावेजों को स्कैन करके ऑनलाइन अपलोड करने के कार्य को तेजी करने के निर्देश सभी जिलों को दिए हैं।
बिहार में जमीन का मालिकाना हक सुनिश्चित करने के मकसद से चल रहे सर्वेक्षण के बीच अब नीतीश कुमार सरकार ने राज्य की लाखों एकड़ जमीन का खाता-खेसरा लॉक कर दिया है ताकि कोई उसे कोई खरीद या बेच नहीं सके।
राजस्व विभाग के सचिव जय सिंह ने ई-मापी की रफ्तार बढ़ाने और लंबित मामलों का निपटारा तेजी से करने से संबंधित निर्देश दिया है। साथ ही राज्यभर के अमीनों के कामकाज की अब जिलावार समीक्षा होगी। अमीन के स्तर पर जमीन मापी के कार्य में भी लापरवाही बरती जाती है।
विभाग के स्तर से सभी तरह के जमीन दस्तावेजों की स्कैनिंग का काम तेजी से चल रहा है। जैसे-जैसे स्कैनिंग का काम बढ़ेगा, वैसे-वैसे इनके प्रकार की संख्या में बढ़ोतरी होगी। विभाग ने अभी करीब 2 दर्जन प्रकार के राजस्व दस्तावेजों की स्कैनिंग एवं डिजिटाइजेशन का काम किया है।
राज्य में लंबे समय से एक ही जगह पर जमे राजस्व कर्मचारियों का तबादला होगा। जिसको लेकर सभी जिलों को विभाग ने आदेश भेज दिया है। साथ ही दो दिन में पालन कराने का निर्देश भी दिया है। अमीनों पर बीते 5 सालों में हुई कार्रवाई का ब्यौरा भी तलब किया है।
सबसे अधिक बिहार सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी के मानदेय में 10 हजार रुपये की बढ़ोतरी करते हुए इसे 55 हजार रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 65 हजार कर दिया गया है
बिहार में जमीन सर्वे से जुड़े 6 तरह के कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी की गई है। इसी तरह संविदा पर काम कर रहे जूनियर इंजीनियर (जेई) का मानदेय भी बढ़ाया गया है।
बिहार में सरकारी गैर-मजरुआ जमीन पर सालों से रह रहे गरीब और जरूरतमंद लोगों को राज्य सरकार मालिकाना हक देने की तैयारी कर रही है। इसके लिए जमीन सर्वे में बड़ा प्रावधान लाया जाएगा। हालांकि, बेवजह सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने वालों को मालिकाना हक नहीं मिलेगा।
डीसीएलआर के पद पर राजस्व सेवा के अनुभवी पदाधिकारियों की तैनाती होनी चाहिए जो 7-8 साल की सेवा पूरी कर चुके हों, खासकर सीओ के पद पर 3 साल या इससे अधिक सेवा दे चुके हो। वर्तमान में सभी डीसीएलआर के पद पर बिहार प्रशासनिक सेवा के नव चयनित पदाधिकारियों की तैनाती की गई है।
बिहार जमीन सर्वे में लगे हर अमीन के काम की जांच होगी। जिसका आदेश राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने दिया है। ई-मापी की संख्या को लेकर विभाग ने नाराजगी जताई है। और अधिकारियों को ई-मापी में बढ़ोतरी लाने का निर्देश दिया है।
मृतका के पोता सूरज कुमार ने पुलिस को बताया कि दादी का भाई गिरो बिंद एवं उसके पुत्र सुनील बिंद पड़ोस में रहते हैं। उससे पांच डिसमिल जमीन के लिए विवाद चल रहा है।उन्हीं लोगों ने हत्या कर दी।
Bihar Land Survey: विभाग के स्तर से रैयतों के लिए कुछ सामान्य अनुदेश जारी किए गए हैं। इसमें क्या आवश्यक है या क्या आवश्यक नहीं है, इसकी अलग से बिन्दुवार जानकारी दी गई है। विभाग का मकसद लोगों के बीच इन बातों को लेकर संशय की स्थिति दूर करना है।
Bihar Land Survey: भूमि सर्वे को लेकर अंचल क्षेत्र अंतर्गत मौजा में व शिविर कार्यालयों में अमीन द्वारा प्रपत्र 2 स्व घोषणा पत्र व प्रपत्र 3 (1) वंशावली के साथ जमीन से जुड़े साक्ष्य जमा लिया जा रहा है। एक शिविर प्रभारी ने बताया कि रैयतों को दस्तावेज इकट्ठा करने के लिए समय दिया गया है।
राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री दिलीप जायसवाल ने विभागीय पदाधिकारियों से कहा कि रैयतों को जमीन से जुड़े दस्तावेज हासिल करने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। दाखिल खारिज और परिमार्जन के जितने भी ऑनलाइन आवेदन हैं, उनका अगले तीन महीने के भीतर निपटारा हो जाना चाहिए।
Bihar Land Survey: ये विशेषज्ञ प्राथमिकता के आधार पर पहले उन जिलों में जाकर प्रशिक्षण दे रहे हैं, जहां पुराने या पुश्तैनी यानी कैडेस्टल खतियान की संख्या अधिक है या इसके आधार पर ही राजस्व संबंधित सभी कार्य होते हैं।
बिहार में जमीन सर्वे चल रहा है। भूमि के पुराने दस्तावेज कैथी लिपि में लिखे हैं, जिन्हें समझने में राजस्व कर्मियों को परेशानी हो रही है। ऐसे में अब विभाग ने कैथी लिपि में पुस्तिका छपवा कर इनका वितरण अमीन, कानूनगो, शिविर प्रभारी के बीच किया जाएगा।
Bihar Land Survey: कोई एक दस्तावेज जिसमें भूमि का रकबा, चौहद्दी, खाता, खेसरा और थाना आदि का सही जिक्र है, यदि दिया गया है तो सर्वे उसी के आधार पर होगा। भौतिक सत्यापन के पहले यदि लोग सुधार करा लेते हैं तो बेहतर होगा।
पश्चिम चंपारण के डीएम दिनेश कुमार राय को 26.03 अंक, नवादा के आशुतोष कुमार वर्मा को 26.61 और नीचे से 5वें स्थान पर पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह हैं, जिन्हें सिर्फ 26.92 अंक मिले हैं।
विभाग के अनुसार, भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय की निदेशक जे. प्रियदर्शनी भोजपुर, पश्चिमी चंपारण, नवादा, बांका में विशेष सर्वेक्षण कार्यक्रम की जांच करेंगी। निदेशक चकबंदी राकेश कुमार पटना के मोकामा, अररिया के सिकटी, सुपौल के निर्मली और सहरसा के बनमा इटहरी जाएंगे।
Bihar Land Survey: देखा जाएगा कि कोई पन्ना जोड़ा या फाड़ा तो नहीं गया है। अगर रजिस्टर में बीच का कोई पन्ना खाली या अधूरा पड़ा है तो उसे लाल कलम से क्रास कर दिया जाएगा ताकि खाली स्थान में कोई कर्मी गलत तरीके से किसी की जमीन से संबंधित जानकारी भर न सके।
अगरआपकी जमीन की जमाबंदी नहीं है तो भी वह आपकी ही रहेगी। इसके लिए आपतक वह जमीन कैसे आयी, इसका प्रमाण देना या बताना होगा।
बिहार में जमीन सर्वे के तहत अब तक 38 लाख लोगों ने ऑनलाइन और ऑफलाइन स्वघोषणा पत्र दायर कर अपनी भूमि का ब्योरा दिया है। वहीं, राज्य के लगभग 10 हजार राजस्व गांवों में खतियान लेखन का काम पूरा हो चुका है।
बिहार में जमीन सर्वे में गड़बड़ियों के खिलाफ भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने 15 अक्टूबर से भूमि सर्वे शिविरों पर धरना-प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। इसकी जानकारी राज्य सचिव रामनरेश पांडेय ने दी है।
बताया जाता है कि उक्त भूमि बियाडा द्वारा ली गई है। विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, राजपुर अंचल अंतर्गत अनाबाद बिहार सरकार के नाम पर दर्ज भूमि की जमाबंदी के रद्दीकरण का आदेश दिया गया है।
मंत्री दिलीप जायसवाल ने कहा है कि बाढ़ से प्रभावित जिलों के वैसे भूस्वामी जिनके जमीन के कागजात नष्ट हो गये हैं, उन्हें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ऐसे तमाम रैयतों को कागजात उपलब्ध कराएगा।