Bihar Land Survey: कहीं जमीन के रकबे में अंतर तो किसी का दाखिल- खारिज के बाद भी कटा चालान, सर्वे में कई खामियां उजागर
Bihar Land Survey 2024: कहीं रजिस्टर टू व जमीन के रकबा में अंतर तो कहीं खेसरा में अंतर सामने आ रहा है। इतना ही नहीं, दाखिल खारिज और रसीद कटने के बाद जमाबंदी में विक्रेता के नाम में भी अंतर मिल रहे हैं। इस अनियमिततापूर्ण कार्यों को लेकर जमीन मालिक परेशान हैं।
Bihar Land Survey 2024: राज्य सरकार के आदेश के आलोक में जमीन सर्वेक्षण कार्य तेजी से चल रहा है। प्रखंड स्तर पर भी यह कार्य हो रहा है। लिहाजा, जमीन मालिक सरकारी दस्तावेज खंगालने और सहजने में लगे हैं। इस दौरान अंचल कार्यालय द्वारा बरती गई अनियमिता भी उजागर हो रही है। कहीं रजिस्टर टू व जमीन के रकबा में अंतर तो कहीं खेसरा में अंतर सामने आ रहा है। इतना ही नहीं, दाखिल खारिज और रसीद कटने के बाद जमाबंदी में विक्रेता के नाम में भी अंतर मिल रहे हैं। इस अनियमिततापूर्ण कार्यों को लेकर जमीन मालिक परेशान हैं।
ऐसे मामलों से डुमरांव अंचल क्षेत्र के हथेलीपुर मठिया निवासी व रसूलपुर मौजा के दर्जन भर जमीन मालिक पीड़ित हैं। पीड़ित परिवारों में राधेश्याम पांडेय, जगनारायण भारती, हरेराम भारती, दिनेश कुमार, भोला यादव, श्यामसुंदर पांडेय, बाबूलाल भारती, राजेन्द्र पांडेय ने बताया कि नया भोजपुर निवासी अब्दुल रसीद से रसूलपुर मौजा में कुल 6 एकड़ के भू स्वामी अब्दुल रशीद से उन लोगों ने वर्षों पहले जमीन खरीदी थी। जमीन के दाखिल-खारिज के बाद रसीद भी कट गया है। लेकिन, विशेष भूमि सर्वेक्षण की प्रक्रिया के दौरान अंचल कार्यालय की जमाबंदी और रजिस्टर टू में मामला अलग दिखा।
अब तक ऑनलाइन जमाबंदी में जमीन विक्रेता का नाम दर्शा रहा है। पीड़ित जमीन मालिकों ने बताया कि रजिस्टर टू जमाबंदी के अलावा रकबा में अंतर पाए जाने के आलोक में डुमरांव सीओ को सुधार करने के लिए आवेदन दिया गया है। आवेदन के आलोक में एक माह बीत जाने के बाद भी रजिस्टर टू और ऑनलाइन जमाबंदी का सुधार नहीं हुआ है। अंचल कार्यालय की गड़बड़ी के चलते भू माफियाओं की नजर उस जमीन पर गड़ी है। सीओ शमन प्रकाश ने बताया कि रैयतों से प्राप्त आवेदन के आलोक में शीघ्र समस्या का निदान किया जाएगा।