साइबर फ्रॉड पर कंट्रोल, मोबाइल चोरी थमेगी; बड़े काम का है 'संचार साथी', इस एप को जानें
- संचार साथी मोबाइल एप से धोखाधड़ी वाले नंबर को पकड़ना आसान होगा। अब तक संचार साथी पोर्टल केवल कंप्यूटर पर ही उपलब्ध था। अब एप आ गया है। इससे चोरी वाले मोबाइल बरामद करना आसान होगा।
संचार साथी मोबाइल एप से धोखाधड़ी वाले नंबर को पकड़ना आसान होगा। अब तक संचार साथी पोर्टल केवल कंप्यूटर पर ही उपलब्ध था। अब एप आ गया है। इससे चोरी वाले मोबाइल बरामद करना आसान होगा। एप को दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य माधवराव सिंधिया ने लॉन्च किया। साथ ही नेशनल ब्रॉडबैंड मिशन 2.0 और डिजिटल भारत निधि के तहत इंट्रा सर्किल रोमिंग की भी लॉन्चिंग हुई।
कार्यक्रम का ऑनलाइन आयोजन टेलीफोन भवन में हुआ। मौके पर अपर महानिदेशक, दूरसंचार बिहार एवं झारखंड बाबू राम ने बताया कि संचार साथी मोबाइल एप से साइबर फ्रॉड करने वाले मोबाइल नंबर को पकड़ना आसान होगा। एप पर रजिस्टर होंगे तो मोबाइल पर कोई फ्रॉड कॉल आता है तो वो उस नंबर को तुरंत ब्लॉक कर दिया जाएगा। संबंधित फ्रॉड नंबर को ट्रेस भी किया जा सकेगा। कार्यक्रम में दूरसंचार विभाग के आरआर यादव, सूर्य प्रकाश, दिलीप कुमार, एके मिश्रा आदि पदाधिकारी मौजूद थे।
डेढ़ साल में 34707 मोबाइल नंबर किए गए बंद
संचार साथी पोर्टल को जुलाई 2023 में लॉन्च हुआ था। अब तक बिहार के 34 हजार 707 उपभोक्ताओं ने मोबाइल चोरी की शिकायत दर्ज की। इनके मोबाइल नंबर को तुरंत ब्लॉक (बंद) कर दिया गया। इसके बाद संबंधित पुलिस विभाग ने इसमें से 23523 मोबाइल नंबर को बंद कर दिया, लेकिन इसमें से केवल 2547 मोबाइल नंबर ही बरामद हुए। राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो के पुलिस महानिरीक्षक ने सभी वरीय पुलिस अधीक्षक और पुलिस अधीक्षक (रेल सहित) को पत्र लिख कर चोरी हुए मोबाइल हैंडसेट को जल्द से जल्द बरामद करने का आदेश दिया है।
इंट्रा सर्किल रोमिंग के तहत नहीं होगी नेटवर्किंग की दिक्कतें
इंट्रा सर्किल रोमिंग के तहत बिहार में किसी भी कंपनी का सिम हो, हर नेटवर्क में काम करेगा। अगर बीएसएनसल का टावर लगा है लेकिन सिम एयरटेल का है तो दोनों को बेहतर नेटवर्क मिल सकेगा। साथ ही नेशनल ब्रॉडबैंड मिशन 2.0 को भी लॉन्च किया गया। इसके तहत बिहार में 85 सौ गांव को नेशनल ब्रॉडबैंड मिशन से जोड़ा जा चुका है।
एप में ये सुविधाएं मिलेंगी
1. अवांछित ईमेल, कॉल की जानकारी मिलेगी
2. फ्रॉड नंबर की जानकारी दे सकतें हैं
3. चोरी हुए मोबाइल को प्राप्त करना आसान होगा
4. तमाम कार्यरत मोबाइल कनेक्शन की जानकारी ले सकते हैं
5. इंटरनेट सेवा देने वाले की जानकारी प्राप्त करना