लाल निशान को छूने को बेताब गंगा नदी के जलस्तर में हुई मामूली कमी
गंगा नदी का जलस्तर पिछले कुछ दिनों से घट रहा है, जिससे तटीय इलाके के निवासियों को थोड़ी राहत मिली है। केंद्रीय जल आयोग ने जलस्तर 60.27 मीटर दर्ज किया, जो खतरे के निशान से नीचे है। फिर भी, बाढ़ की...
कमी के बावजूद बाढ़ के खतरे को कमतर नहीं आंका जा सकता 60.27 मीटर दर्ज किया गया केंद्रीय जल आयोग ने 60.32 मीटर पर बना है खतरे का लाल निशान बक्सर, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। पिछले कुछ दिनों से लाल निशान को छूने को बेताब गंगा नदी का जलस्तर अब बढ़ने की बजाय बीते दो दिनों से धीरे-धीरे घटने लगी है। इसे लेकर गंगा के तटीय इलाके में रहने वाले लोग ने थोड़ी राहत की सांस ली है। लेकिन अभी भी बाढ़ की आशंका का नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। तटवर्ती इलाके में रहने वाले लोग इन दिनों काफी चिंतित है। ग्रामीणों की मानें तो हर साल गंगा का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर जाती है। लेकिन इस वर्ष अबतक ऐसी स्थिति नहीं बनी है। बावजूद बाढ़ के खतरे को कमतर नहीं आंका जा सकता। गंगा नदी के गर्भ में बसे चौसा, सिमरी, चक्की, ब्रह्मपुर व सदर प्रखंड के गांवों में गंगा का पानी मुख्य सड़कों तक पहुंच गया है। गंगा की उफनती लहरें तटवर्ती गांवों के आसपास हिलकोरे मार रही है। इसके वजह से ग्रामीणों में भय व दहशत का माहौल कायम हो गया है। बाढ़ के खौफ से सहमें संबंधित गांवों के लोग अभी भी सुरक्षित ठिकानों की तलाश में जुटे है। ताकि अगली बार गंगा का जलस्तर बढ़ा तो बाढ़ के खतरे की घंटी बज जायेगी। साथ ही इसके तबाही से होने वाले नुकसान से भारी क्षति उठाना पड़ जायेगा। बता दें कि बाढ़ से सबसे ज्यादा खतरा चौसा और सिमरी प्रखंड के तटीय इलाके में बसे लोगों को होता है। इसमें सिमरी प्रखंड का दियरा क्षेत्र बाढ़ के दौरान सबसे अधिक प्रभावित होता है। बाढ़ का पानी बढ़ने के हालात में उनका न केवल घर-बार, बल्कि मवेशी व खेती-बारी भी बर्बाद हो जाती है। इसे लेकर वे काफी चिंतित है। इधर, केंद्रीय जल आयोग से मिली जानकारी के मुताबिक, गुरूवार के दोपहर 03 बजे गंगा का जलस्तर 60.27 मीटर दर्ज किया गया। इस वक्त तक जलस्तर की रफ्तार पिछले पांच घंटे से जलस्तर में 2 सेमी. की कमी रिकॉर्ड की गई। इससे पूर्व सुबह 08 बजे गंगा नदी का पानी 60.29 मीटर पर आंकी गई थी। यानि 07 घंटे के अंतराल पर जलस्तर में 02 सेमी. की कमी हुई। जानकारी के लिए बता दें कि 60.32 मीटर पर खतरे की घंटी बजनी शुरू हो जाती है। गंगा का पानी जिले के पांच तटवर्ती प्रखंडों के गांवों में पहुंच गई है। बाढ़ का पानी बक्सर, ब्रह्मपुर, सिमरी, चौसा और चक्की प्रखंड के करीब 15 पंचायतों तक पहुंच गई है। जिससे वहां के लोग डरे सहमे है। अगर बाढ़ का पानी लाल निशान को पार करती है तो इन इलाकों में स्तिथि और भयावह होगी।
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