BPSC पीटी रद्द हो? जीतन मांझी ने बताया अपना स्टैंड; तेजस्वी पर बरसे, बोले- उनका केयर नहीं करता
- जीतनराम मांझी ने कहा कि जब 911 परीक्षा केंद्रों पर गड़बड़ी नहीं हुई तो एक सेंटर के लिए तीन लाख छात्रों की परीक्षा रद्द करना सही नहीं होगा। तेजस्वी यादव के दबाव पर उन्होंने कहा कि उनकी बातें का केयर नहीं करता।
बीपीएससी पीटी परीक्षा को रद्द करने की मांग पर बिहार में सियासत रफ्तार में है। तेजस्वी यादव, पप्पू यादव, प्रशांत किशोर समेत कई नेता प्रदर्शन कर रहे छात्रों की मांग मानते हुए फिर से पीटी लेने के लिए सरकार पर दबाव बना रहे हैं। इस पर मोदी सरकार में एमएसएई मंत्री और हम पार्टी के संस्थापक जीतनराम मांझी ने अपना स्टैंड क्लियर कर दिया है। उन्होंने कहा कि जब 911 परीक्षा केंद्रों पर गड़बड़ी नहीं हुई तो एक सेंटर के लिए तीन लाख छात्रों की परीक्षा रद्द करना सही नहीं होगा। तेजस्वी यादव के दबाव पर उन्होंने कहा कि उनकी बातें का केयर नहीं करता। वे गया में पत्रकारों से बात
परीक्षा रद्द नहीं करने के बीपीएससी के फैसले को चुनौति देते हुए तेजस्वी यादव ने री एग्जाम कराने की मांग की है। इस सवाल पर जवाब में जीतनराम मांझी ने कहा कि मीडिया के लोग तेजस्वी यादव को इतना क्यों लेते हैं। हमलोग उनकी बातों का कोई केयर नहीं करते। लेकिन आप लोग तेजस्वी यादव को पोपुलर बनाने में लगे हैं। उनकी बातों को आप लोग जरूरत से ज्यादा आगे बढ़ा देते हैं। हम लोग उनकी बातों का कोई केयर ही नहीं करते। 13 दिसम्बर को राज्य भर में 912 केंद्रों पर बीपीएससी की परीक्षा हुई। 911 सेंटर पर कोई गड़बड़ी नहीं हुई। पटना में एक सेंटर पर स्थिति ठीक नहीं थी तो आयोग ने कैंसिल कर दिया और फिर से परीक्षा तीरीख घोषित कर दी गई है।
जीतनराम मांझी ने कहा कि किसी को बी टीम बना देते हैं किसी को सी टीम बताते हैं। उनका कोई ठीक नहीं है। कहा कि एक सेंटर पर गड़बड़ी की आशंका पर तीन लाख बच्चों के भविष्य की अनदेखी नहीं की जा सकती। इसमें आगे अगर कोई बढ़कर बोलता है तो ठीक बात नहीं है। बच्चों को किसी के दबाव में आकर कोई काम नहीं करना चहिए।
बताते चलें कि रविवार को पटना में प्रदर्शन कर रहे बीपीएससी अभ्यर्थियों पर दूसरी बार लाठीचार्ज कर पुलिस ने दौड़ा दौ़ड़ाकर पीटा। गांधी मैदान में छात्र संसद के बाद छात्रों ने मुख्यमंत्री आवास के लिए मार्च निकाला। जेपी गोलम्बर के पास पुलिस ने उन्हें रोक दिया। तीन घंटों के तक सड़क जाम के बाद पुलिस ने बल पूर्वक छात्रों को खदेड़ दिया। पहले वाटर कैनन से पानी की बौछाड़ की गई फिर लाठीचार्ज कर उन्हें तितर वितर कर दिया गया। सोमवार को इसके विरोध में छात्र संगठन आइसा, लेफ्ट पार्टी और राजद ने चक्का जाम किया।