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प्रशांत किशोर ने 14 दिनों बाद अनशन तोड़ा; BPSC कैंडिडेट के हाथ पिया जूस, खाया केला

  • प्रशांत किशोर ने गुरुवार को दोपहर बाद जन सुराज आश्रम में केला खाकर आमरण अनशन समाप्त किया। उन्होंने बीपीएससी 70वीं पीटी री-एग्जाम समेत 5 मांगों को लेकर 2 जनवरी से पटना गांधी मैदान में खुले आसमान को नीचे आमरण अनशन पर शुरू किया था। 6 जनवरी को उन्हें गिरफ्तार कर लिया था लेकिन कोर्ट ने बेल दे दिया।

Sudhir Kumar लाइव हिन्दुस्तान, patnaThu, 16 Jan 2025 04:06 PM
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70वीं बीपीएससी पीटी परीक्षा दोबारा कराने की छात्रों की मांग के समर्थन में 15 दिनों से आमरण अनशन कर रहे जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने गुरुवार(16 जनवरी) को अनशन तोड़ दिया। गुरुवार को दोपहर बाद एलसीटी घाट पर जन सुराज आश्रम में केला खाकर आमरण अनशन समाप्त किया। उन्होंने बीपीेएससी 70वीं पीटी परीक्षा समेत 5 मांगों को लेकर 2 जनवरी से पटना गांधी मैदान में खुले आसमान को नीचे आमरण अनशन पर शुरू किया था।

अनशन तोड़ने से पहले प्रशांत किशोर ने गंगा नदी में एलसीटी घाट पर डुबकी लगाकर स्नान किया और महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। मंत्रोच्चार के बीच पीके ने पूजा किया जिसके लिए हवन कुंड बनाया गया था। विधिवत पूजा और हवन के बाद प्रशांत किशोर ने बीपीएससी अभ्यर्थियों के हाथों से जूस पिया और केला खाया।

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जूस पीने के बाद प्रशांत किशोर ने मीडिया कर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि पुलिस मुझे जबरन उठाकर ले गई लेकिन कोर्ट ने बगैर किसी शर्त के बेल दिया। बिहार के युवाओं के लिए जन सुराज ने एक प्रयास किया ताकि छात्रों के साथ न्याय हो सके। इस लड़ाई की शुरुआत उन छात्रों ने की जिनका मानना है कि बीपीएसएसी के एग्जाम में अनियमितता हुई और गर्दनीबाग में अपनी मांगों को लेकर वे धरना पर बैठे पर सरकार ने संवेदनशीलता से काम नहीं लिया।

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पीके ने कहा कि अब छात्रों की बात करने से काम नहीं चलेगा बल्कि गांधी जी के बताए रास्ते पर चलना पड़ेगा। अब हम लोग इसी आश्रम से जन सुराज के साथ अपने छात्र मित्रों के साथ सत्याग्रह जारी रहेगा। इस आश्रम को बिहार सत्याग्रह का नाम दिया गया है। जो लोग बिहार की व्यवस्था के पीड़ित हैं, या आश्रम उनकी आवाज बनेगा। जो भी शोषित दमित पीड़ित हैं वे इस आश्रम से जुड़ सकते हैं और शांतिपूर्ण तरीके से उनकी लड़ाई लड़ी जाएगी। प्रशांत किशोर उनके साथ खड़ा होगा। इस आश्रम से एक लाख युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा जो समाज में जाकर बिहार के समग्र विकास की चेतना जगाएंगे।

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पीके ने कहा कि जब कोई सरकार की व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाता है उसे उपद्रवी बता दिया जाता है। इसीलिए यह सरकार से परमिशन लेकर आश्रम बनाया गया है कि आपको सरकार की व्यवस्था से डरने की जरूरत नहीं है। हमारा संकल्प है कि अगले आठ सप्ताह में बिहार के एक लाख युवाओं को बुलाकर प्रशिक्षित किया जाएगा जो समाज में जनजागरण का काम करेंगे। एक बार अपने और अपने बच्चों के भविष्य के लिए, बिहार में शिक्षा और रोजगार के लिए वोट करें। बिहार के हर बच्चे के लिए अच्छी शिक्षा मिले, बिहार का हर किसान हरियाणा पंजाब के किसान की तरह धनी हों, लोकतंत्र को लाठीतंत्र में बदलने वालों के खिलाफ लोग खड़े हों इन उद्येश्यों को लेकर इस आश्रम की स्थापना की गयी है। यहां हर समय पांच हजार लोगों के रहने की व्यवस्था है।

बताते चलें कि गांधी मैदान में अनशन पर बैठे प्रशांत किशोर को 6 जनवरी को पटना पुलिस ने अहले सुबह गिरफ्तार कर लिया लेकिन उसी दिन कोर्ट से उन्हें बेल दे दिया गया। उसके बाद प्रशांत किशोर ने अनशन जारी रखा और उनकी तबीयत भी बिगड़ गई तो उन्हें पटना के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सेहत में सुधार होने के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई लेकिन प्रशांत किशोर ने अपना अनशन जारी रखा।

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अस्पताल से प्रशांत किशोर की छुट्टी के बाद गंगा किनारे निजी जमीन पर टेंट सिटी का निर्माण शुरू किया गया। माना जा रहा था कि यहीं पीके अपना अनशन जारी रखेंगे और आंदोलन की आगे की रूपरेखा तय की जाएगी। प्रशासन ने टेंट सिटी के निर्माण पर रोक दिया। लेकिन मंगलवार को जिला प्रशासन ने उन्हें मरीन ड्राइव के पास अस्थाई कैंप बनाने की अनुमति दे दी। इसके बाद जन सुराज पार्टी के तरफ से टेंट सिटी बनाई गई। टेंट में पार्टी कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग देने के लिए एक बड़ा हॉल भी बनाया गया है। जिसे जन सुराज आश्रम नाम दिया गया। जिसमें रहने को कमरे भी हैं। सुबह गंगा स्नान करने के बाद कार्यकर्ता महात्मा गांधी का भजन भी करेंगे और जन सुराज का आन्दोलन जारी रहेगा। मरीन ड्राइव पर टेंट सिटी के हर गतिविधि पर प्रशासन ने नजर रखी है।

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इससे पहले राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने 12 परीक्षार्थियों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की थी। उन्होंने आश्वासन दिया था कि वो संवैधानिक दायरे में रहकर जो भी बनेगा, वो करेंगे। राज्यपाल ने प्रशांत किशोर से अनशन खत्म करने की अपील की थी। वहीं पटना हाईकोर्ट में बीपीएससी अभ्यर्थियों की दोबारा परीक्षा कराने की मांग को लेकर जन सुराज के सहयोग से याचिका भी दाखिल की गई है।

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