जिले के सरकारी स्कूलों में सालभर में मूलभूत सुविधाएं व शिक्षक बढ़े पर विद्यार्थी घटे
जिले के सरकारी स्कूलों में सालभर में मूलभूत सुविधाएं व शिक्षक बढ़े पर विद्यार्थी घटे जिले के सरकारी स्कूलों में सालभर में मूलभूत सुविधाएं व शिक्षक बढ़े पर विद्यार्थी घटे जिले के सरकारी स्कूलों में...

हिन्दुस्तान पड़ताल : जिले के सरकारी स्कूलों में सालभर में मूलभूत सुविधाएं व शिक्षक बढ़े पर विद्यार्थी घटे एक साल में बीपीएससी से बहाल जिले को मिले 5679 शिक्षक पर बच्चे घट गए 32 हजार जिले में 17 हजार 474 शिक्षक हैं कार्यरत पर ई-शिक्षाकोष पर 15,924 की ही इंट्री कई स्कूलों में एक ही विषय के 3 शिक्षक, तो कई में एक भी नहीं जिले में छात्र-शिक्षक अनुपात करीब 28 पहुंची पर कई विद्यालयों में शिक्षकों की रह गयी कमी फोटो : रहुई हाईस्कूल : रहुई हाईस्कूल जहां इंटर के बच्चों को पढ़ाने को महज एक शिक्षक कार्यरत। बिहारशरीफ, हिन्दुस्तान संवाददाता।
जिले में दो हजार 446 सरकारी विद्यालय संचालित हैं। एक साल में सरकारी अधिकतर विद्यालयों में मूलभूत सुविधाओं के साथ शिक्षकों की संख्या बढ़ी है। लेकिन, इसी एक साल में सरकारी विद्यालयों से 34 हजार 461 विद्यार्थी घट गए। बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा तीनों चरणों की शिक्षक बहाली में जिले को 5,679 शिक्षक मिले। हालांकि, इन एक साल में जिले से कई शिक्षक सेवानिवृत्त भी हुए। शिक्षकों की बहाली होने से जिले को काफी राहत मिली है। शैक्षणिक सत्र 2024-25 में ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर चार लाख 51 हजार 165 विद्यार्थी नामांकित हैं। जबकि, शैक्षणिक सत्र 2023-24 में सरकारी विद्यालयों में ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर चार लाख 83 हजार 626 छात्रों की डाटा इंट्री थी। विभागीय सूत्रों की मानें तो जिले में वर्तमान में 17 हजार 474 शिक्षक हैं। इस हिसाव से छात्र-शिक्षक अनुपात करीब 25 के करीब पहुंच गया है। लेकिन, ई-शिक्षाकोष पोर्टल में 15 हजार 924 शिक्षक का प्रोफाइल इंट्री है। इसमें भी 676 शिक्षक ऑनलाइन हाजिरी नहीं बना रहे हैं। इस आंकड़े के हिसाब से जिले में छात्र-शिक्षक अनुपात 28 हैं। यानि, एक विद्यार्थी पर एक शिक्षक तैंनात हैं। कई विद्यालयों में मानक से अधिक शिक्षक : रहुई प्रखंड के गैबी हाईस्कूल के प्राचार्य प्रवीण कुमार पुरन्दरे ने बताया कि माध्यमिक विद्यालय में विज्ञान विषय के पांच शिक्षक कार्यरत हैं। जबकि, महज तीन शिक्षक की ही आवश्यकता है। इसी तरह, सामाजिक विज्ञान के चार शिक्षक हैं। जबकि, दो शिक्षक ही होने चाहिए। इसी तरह, गणित विषय के तीन शिक्षक है। जबकि, दो शिक्षक की जरूरत है। संस्कृत विषय के एक भी शिक्षक नहीं हैं। प्लस-टू हाईस्कूल में जीव विज्ञान, रसायन शास्त्र, भूगोल व गृह विज्ञान के एक भी शिक्षक नहीं हैं। शिक्षकों की कमी : रहुई हाईस्कूल की प्राचार्य शबाना खातून ने बताया कि हाईस्कूल में 784 तो प्लस टू हाईस्कूल में 240 विद्यार्थी पढ़ाई करते हैं। हाईस्कूल व प्लस-टू विद्यालय में गणित विषय के एक भी शिक्षक नहीं हैं। जबकि, प्लस-टू विद्यालय में महज एक भूगोल विषय की शिक्षिका कार्यरत हैं। ऐसे में शिक्षकों की कमी की वजह से विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना चुनौती बना हुआ है। जबकि, इस विद्यालय से बीपीएससी में बहाल होकर तीन शिक्षक दूसरे विद्यालय में चले गए। जिले में कोटिवार शिक्षक : नियोजित : पहली से आठवीं : 4219 शिक्षक नियमित : प्रारंभिक विद्यालय में : 700 हाईस्कूल में नियमित : 48 हाईस्कूल में नियोजित : 355 हाईस्कूल में (बीपीएससी) एचएम : 05 सक्षमता वन में विशिष्ट शिक्षक : 4540 सक्षमता टू में विशिष्ट शिक्षक : 1928 टीआरई- वन में : 2425 शिक्षक टीआरई-टू में : 1789 शिक्षक टीआरई- थ्री में : 1465 शिक्षक कुल : 17,474 शिक्षक बोले अधिकारी : जिन स्कूलों में शिक्षकों की संख्या काफी कम है, वरीय अधिकारियों से बातचीत कर समस्याओं का समाधान कराने का प्रयास किया जाएगा। किसी भी परिस्थिति में बच्चों की पढ़ाई बाधित होने नहीं दी जाएगी। राजकुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी, नालंदा
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