12 महीने के लिए चार विधायक चुनेगा बिहार, विधानसभा उपचुनाव की तारीख का ऐलान आज संभव
बिहार 12 महीनों के लिए चार नए विधायक चुनने वाला है। लोकसभा चुनाव के बाद खाली हुई राज्य की चार विधानसभा सीटों तरारी, रामगढ़, बेलागंज और इमामगंज में उपचुनाव की घोषणा मंगलवार को हो सकती है। चुनाव आयोग ने दोपहर में प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है।
बिहार में चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की घोषणा मंगलवार को हो सकती है। भारत निर्वाचन आयोग ने महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान करने के लिए दोपहर साढ़े 3 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है। इस दौरान बिहार की चार खाली सीटों पर उपचुनाव का ऐलान भी संभव है। बिहार की तरारी, रामगढ़, बेलागंज और इमामगंज सीट पर उपचुनाव होने वाला है। यहां के वोटर सिर्फ 12 महीनों के लिए चार विधायक चुनेंगे। क्योंकि अगले साल फिर से राज्य में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।
बेलागंज और इमामगंज, दोनों ही गया जिले की सीटें हैं। वहीं, रामगढ़ कैमूर तो तरारी भोजपुर जिले में आती है। ये चारों सीटें इस साल हुए लोकसभा चुनाव के बाद खाली हुई थीं। इन सीटों से विभिन्न पार्टियों के विधायक रहे नेता लोकसभा चुनाव लड़कर सांसद बन गए हैं। इस वजह से अब चारों विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं।
बिहार में उपचुनाव की जंग होगी रोचक, पीके भी उतारेंगे प्रत्याशी
बिहार में चारों सीटों पर होने वाले उपचुनाव की जंग रोचक होने वाली है। चुनावी रणनीतिकार रहे प्रशांत किशोर ने हाल ही में नए राजनीतिक दल जन सुराज पार्टी का गठन कर दिया है। अब पीके की पार्टी उपचुनाव में अपने प्रत्याशी उतारने वाली है। इससे एनडीए और महागठबंधन के खेमों में खलबली भी मची हुई है।
एनडीए और महागठबंधन में कौन-सी सीट पर कौन-सी पार्टी अपना कैंडिडेट उतारेगी, यह अभी तय नहीं हुआ है। एनडीए में बीजेपी दो सीटों तरारी और रागमढ़ पर अपने प्रत्याशी उतार सकती है। वहीं, बेलागंज सीट जेडीयू तो इमामगंज हम के खाते में जाना तय माना जा रहा है। वहीं, महागठबंधन में रामगढ़, बेलागंज और इमामगंज से आरजेडी तो तरारी से सीपीआई माले के उपचुनाव लड़ने की संभावना है।
2025 के विधानसभा चुनाव से पहले होगा सेमीफाइनल?
बिहार में चार सीटों पर होने जा रहे उपचुनाव को 2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है। एनडीए, महागठबंधन के साथ ही जन सुराज पार्टी के लिए भी यह उपचुनाव प्रतिष्ठा की जंग बन गया है। सभी पार्टियां इसकी तैयारी में जुटी हुई हैं। उपचुनाव की घोषणा होते ही नेताओं के जोर-आजमाइश का दौर शुरू हो जाएगा।.
तरारी विधानसभा उपचुनाव
भोजपुर जिले के अंतर्गत आने वाली तरारी विधानसभा सीट सीपीआई माले के विधायक रहे सुदामा प्रसाद के इस्तीफे से खाली हुई थी। सुदामा प्रसाद इसी साल लोकसभा चुनाव जीतकर आरा से सांसद बन गए हैं। माले ने पिछले दो चुनावों में लगातार तरारी से जीत दर्ज की थी। अब वाम दल एवं महागठबंधन के सामने अपनी सीट बचाने की चुनौती होगी।
रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव
कैमूर जिले की रामगढ़ विधानसभा सीट आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे एवं पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह के इस्तीफे से खाली हुई थी। सुधाकर बक्सर लोकसभा से सांसद बन गए हैं।
बेलागंज विधानसभा उपचुनाव
गया जिले की बेलागंज विधानसभा सीट आरजेडी का गढ़ मानी जाती है। पूर्व मंत्री सुरेंद्र प्रसाद यादव यहां से लगातार 6 बार विधायक रहे। इस साल हुए लोकसभा चुनाव में जहानाबाद से जीत दर्ज करने के बाद वे संसद चले गए। उनके इस्तीफे से खाली हुई बेलागंज सीट पर होने वाले उपचुनाव में आरजेडी के सामने अपना गढ़ बचाने की चुनौती होगी।
इमामगंज विधानसभा उपचुनाव
गया जिले की अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित सीट इमामगंज से हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (HAM) के सुप्रीमो जीतनराम लगातार दो बार विधायक रहे। हाल ही में वे गया से लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद और केंद्र में मंत्री बन गए हैं। अब यहां पर उपचुनाव होने जा रहे हैं।