एआई टूल से निगरानी और गोल्ड कमांडर सिस्टम, भीड़ मैनेजमेंट के लिए बना यह खास प्लान
- भीड़ प्रबंधन के लिए कंट्रोल पैनल, साउंड सिस्टम, पुलिस बल की तैनाती और अफवाहों के खंडन जैसी व्यवस्थाओं पर ध्यान देना होगा। हम सुनिश्चित करेंगे कि हर आयोजन स्थल पर आपात सेवाएं उपलब्ध हों। रिमोट सेंसिंग, मशीन लर्निंग जैसे एआई टूल से निगरानी की जाएगी।
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महाकुंभ हादसे के बाद बिहार में भीड़ प्रबंधन के लिए कार्ययोजना (एसओपी) बनाने की कवायद शुरू हो गई है। आपदा प्रबंधन प्राधिकरण सभागार में मंगलवार को राज्य के 14 विभागों के पदाधिकारियों की बैठक में भीड़ प्रबंधन की कार्ययोजना बनाने का फैसला लिया गया। मेला और पर्व-त्योहार जैसे आयोजनों में भगदड़ रोकने के उपाय किए जाएंगे। रिमोट सेंसिंग, मशीन लर्निंग के जरिए मेला पर निगरानी होगी।
बैठक में गृह, स्वास्थ्य, नगर विकास एवं आवास, ऊर्जा, पथ निर्माण, परिवहन, पर्यटन, कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार, गृह रक्षा वाहिनी, सिविल डिफेंस, नगर निगम, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ आदि के अधिकारी थे। अधिकारियों ने भगदड़ से बचाव और पूर्व तैयारी पर व्यापक चर्चा की।
भीड़ प्रबंधन, भगदड़ से सुरक्षित रखने पर सहमति बनी। धार्मिक-सामाजिक आयोजनों के दौरान इसका कड़ाई से पालन होगा। सभी 14 विभाग मिलकर काम करेंगे। दुर्गा पूजा, छठ, मुहर्रम आदि पर्वों व आयोजनों के दौरान सुरक्षा मानकों को का कड़ाई से पालन करने का निर्णय हुआ।
कार्ययोजना में क्या
● गोल्ड कमांडर सिस्टम अपनाने का निर्णय। आयोजन स्थल पर मुख्य कमांडर और डिप्टी कमांडर तैनात होंगे
● धार्मिक-सामूहिक आयोजनों में पूर्व निर्धारित योजना, उसका समयबद्ध क्रियान्वयन और नियमित मॉक ड्रिल होंगे
● पुलिस, नगर निगम, स्वास्थ्य, बिजली, जलापूर्ति, आपात सेवाओं के बीच समन्वय
● सीसीटीवी से कैमरों की निगरानी होगी ताकि समय रहते भीड़ प्रबंधन हो
● कंट्रोल पैनल और साउंड सिस्टम से सूचनाएं प्रसारित की जाएंगी, ताकि अफवाहों को रोका जा सके
● पुलिस बल की पर्याप्त प्रतिनियुक्ति सुनिश्चित की जाएगी और उन्हें विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा
● पूर्व की घटनाओं से सीख लेकर नई प्रभावित रणनीति बनेगी
● स्थानीय स्टेकहोल्डर्स, स्वयंसेवकों और आपदा प्रबंधन टीमों को शामिल कर सुरक्षा सुनिश्चित होगी
संभावित खतरों की पहचान हो सकेगी
प्राधिकरण के सदस्य पीएन राय ने कहा कि सुरक्षा चक्र मजबूत करने के लिए खतरों की पहचान करनी होगी। उचित लॉजिस्टिक्स व्यवस्था, फायर सेफ्टी, निकासी मार्ग और प्राथमिक चिकित्सा सेवाओं को सुनिश्चित करना जरूरी है। नागिरक सुरक्षा महानिदेशक जितेंद्र सिंह गंगवार ने कहा कि गोल्ड कमांडर सिस्टम अपनाने से आयोजन स्थल पर स्पष्ट कमांड संरचना स्थापित होगी।
राज्य में एआई टूल से निगरानी की जाएगी
प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ. उदयकांत ने कहा कि भगदड़ की घटनाओं को रोकने के लिए हमें सतर्कता बरतनी होगी। भीड़ प्रबंधन के लिए कंट्रोल पैनल, साउंड सिस्टम, पुलिस बल की तैनाती और अफवाहों के खंडन जैसी व्यवस्थाओं पर ध्यान देना होगा। हम सुनिश्चित करेंगे कि हर आयोजन स्थल पर आपात सेवाएं उपलब्ध हों। रिमोट सेंसिंग, मशीन लर्निंग जैसे एआई टूल से निगरानी की जाएगी।