Srijan Scam CBI Court Denies Bail to Bank Officials Amid New Chargesheet सृजन घोटाला : कई बैंककर्मियों पर फिर लटकी गिरफ्तारी की तलवार, Bhagalpur Hindi News - Hindustan
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सृजन घोटाला : कई बैंककर्मियों पर फिर लटकी गिरफ्तारी की तलवार

हिन्दुस्तान एक्सक्लूसिव सीबीआई कोर्ट से चार बैंकरों की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज बीओआई के दिलीप

Newswrap हिन्दुस्तान, भागलपुरMon, 24 March 2025 05:53 AM
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सृजन घोटाला : कई बैंककर्मियों पर फिर लटकी गिरफ्तारी की तलवार

हिन्दुस्तान एक्सक्लूसिव भागलपुर, वरीय संवाददाता। सृजन घोटाला की नई चार्जशीट में आरोपित कई बैंककर्मियों पर फिर से गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है। सीबीआई की विशेष अदालत ने चार बैंककर्मियों की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी है। बीते दिनों बैंक अधिकारी हरेकृष्ण अदक, प्रेम कुमार सिन्हा, वरुण कुमार और तपन राय को स्पेशल जज ने जमानत देने से इंकार कर दिया। अब पांचवें बैंककर्मी दिलीप कुमार ठाकुर की अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई शेष है। दिलीप ठाकुर की अर्जी पर सोमवार को यानी 24 मार्च को स्पेशल कोर्ट में सुनवाई होगी। जिला कल्याण पदाधिकारी द्वारा करीब 100 करोड़ के मामले में वर्ष 2020 में दर्ज कराई गई प्राथमिकी में आरोपित बनाए गए हैं। सीबीआई की नई चार्जशीट में कई अधिकारी ऐसे हैं, जो पूर्व के मामले में जेल भी गए थे।

जानिए, किस मामले में ये अधिकारी हैं आरोपित

1. हरेकृष्ण अदक : 23 दिसंबर 2020 को कोतवाली थाना में दर्ज प्राथमिकी संख्या 808/2020 में आरोपित हैं। सीबीआई ने इस प्राथमिकी को री-रजिस्टर्ड करते हुए आरसी 10एस/2021 में बदलकर जांच शुरू की थी। स्पेशल केस संख्या 24/2024 में सीबीआई ने जांच में पाया कि अदक ही सृजन के नाम से कुल 1,36,76,000 रुपये के वाउचर के मेकर्स थे। अदक पटल बाबू रोड स्थित इंडियन बैंक में 3 जून 2008 से 14 मई 2011 तक सहायक प्रबंधक थे। वे सृजन घोटाला से संबंधित 10 अन्य मुकदमे में भी आरोपित हैं।

2. प्रेम कुमार सिन्हा : बैंक ऑफ बड़ौदा के मेन ब्रांच में पदस्थ रहे प्रेम कुमार सिन्हा भी कल्याण विभाग की नई एफआईआर में आरोपित हैं। सिन्हा जुलाई 2007 से अगस्त 2010 तक पदस्थ रहे। सीबीआई का आरोप है कि प्रेम सिन्हा ने 1,30,88,160 रुपये के आठ विपत्रों के भुगतान में चेकर्स की भमिका निभाई। गलत तरीके से सरकारी राशि सृजन के खाते में डालकर सिन्हा ने मैनेजर पद का गलत फायदा उठाया। वे सात अन्य मुकदमे में भी आरोपित हैं। कई मामले में जेल गए हैं, फिलहाल जमानत पर बाहर हैं।

3. वरुण कुमार : बैंक ऑफ बड़ौदा की मुख्य शाखा में सीनियर मैनेजर की हैसियत से यहां 13 जुलाई 2013 से 26 जुलाई 2015 तक पदस्थ थे। सीबीआई ने आरोप लगाया है कि वरुण ने जिला कल्याण पदाधिकारी के नाम के तीन चेक की राशि 13,75,81,101 रुपये सृजन के खाते में 21 अगस्त 2013 से 20 नवंबर 2014 तक गलत तरीके से ट्रांसफर किया था। वे पूर्व में दाखिल चार्जशीट में जेल जा चुके हैं। जमानत पर फिलहाल बाहर हैं।

4. तपन राय : वे बैंक ऑफ बड़ौदा मुख्य शाखा में अधिकारी थे। उनपर आरोप है कि उन्होंने पीरपैंती के बीडीओ के नाम का 35.50 लाख रुपये के चेक (संख्या 590274 दिनांक 4.12.2007) का भुगतान सृजन के खाते में कर दिया। इस चेक के पेमेंट के लिए मेकर्स की भूमिका तपन ने निभाई थी। जबकि चेकर्स के रूप में वरिष्ठ अधिकारी एसी गड़ई ने क्यू पास किया था। यह एफआईआर 20 सितंबर 2017 में तत्कालीन बीडीओ सुनील कुमार ने कोतवाली थाना में 658/2017 दर्ज कराई थी।

बिहार का सबसे बड़ा वित्तीय घोटाला है सृजन

सृजन घोटाला बिहार का सबसे बड़ा वित्तीय घोटाला माना गया है। यह वर्ष 2017 में तब सामने आया, जब कई चेक बाउंस होने लगे। तत्कालीन डीएम आदेश तितरमारे ने गोपनीय तरीके से इसकी जांच कराई तो नजारत, भू-अर्जन, डीआरडीए, कल्याण, जिला परिषद, सिविल सर्जन आदि विभागों के खाते खाली मिले। बड़े पैमाने पर सरकारी धन की हेराफेरी और भ्रष्टाचार के मामले की जानकारी जब शासन को मिली तो सीएम के निर्देश पर विशेष जांच टीम ने मोर्चा संभाला। घोटाले की रकम बढ़ता देख करीब एक सप्ताह बाद राज्य सरकार ने इसकी जांच सीबीआई को सौंप दी। सीबीआई ने कई लोगों की गिरफ्तारी की। सृजन महिला विकास सहकारी समिति नामक संस्था द्वारा करीब दो हजार करोड़ रुपये के सरकारी धन के गबन की जांच कर रही सीबीआई ने अब तक 26 केस में चार्जशीट दाखिल की है। कई आरोपी अब तक जेल में बंद हैं। प्रमुख आरोपी रजनी प्रिया भी जेल में है। केस के सह आरोपी सह उनके पति अमित कुमार की मौत होने की जानकारी रजनी ने कोर्ट एवं सीबीआई को दी। लेकिन सीबीआई अब तक अमित का क्लोजर रिपोर्ट दाखिल नहीं कर सकी है।

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