सहरसा। सहरसा: सेविकाओं को दिया गया एक दिवसीय प्रशिक्षण
सिमरी बख्तियारपुर में 4 सितंबर को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के लिए सभी स्कूल के प्राध्यापक, नोडल अध्यापक और सेविका को प्रशिक्षण दिया गया। स्वास्थ्य प्रबंधक और जिला प्रोग्राम लीडर ने कृमि नियंत्रण और...
सिमरी बख्तियारपुर, निज संवाददाता। 4 सितंबर को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस को लेकर सिमरी बख्तियारपुर नप मुख्य बाजार स्थित उच्च विद्यालय के सभागार में सोमवार को प्रखंड के सभी स्कूल के प्राध्यापक एवं नोडल अध्यापक एवं अनुमंडलीय अस्पताल के सभागार में प्रखंड के सभी सेविका को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। मौके पर स्वास्थ्य प्रबंधक महबूब आलम एवं पिरामल स्वास्थ्य केंद्र के जिला प्रोग्राम लीडर अखिलेश कुमार ने कृमि के लक्षण संचरण चक्र तथा कृमि नियंत्रण से बचाव, इलाज एवं फायदे के बारे में विस्तार से बताया। साथ ही साफ-सफाई एवं एनिमिया में नियंत्रण के बारे में भी बताया गया। प्रशिक्षक ने बताया कि कृमि संक्रमण के लक्षण गंभीर कृमि संक्रमण से दस्त, पेट दर्द, कमजोरी, उल्टी एवं भूख न लगना, बच्चे में कृमि की मात्रा जितनी अधिक होगी, उसमें संक्रमण उतना अधिक होगा। प्रतिकूल लक्षण कुछ देर में सामान्य हो जाता है। उन्होंने बताया कि ऐसे में 1 से 2 वर्ष तक के बच्चों को आधी दवाई खिलाऐं। वहीं 1 दवाई को दो चम्मच के बीच करके पिलाना है। 2 से 3 वर्ष तक के बच्चों को पुरी गोली चबाकर खाना है। साथ ही 3 वर्ष से 19 वर्ष तक के बच्चों को भी पुरी गोली चबाकर खिलाने का भी निर्देश दिया गया। प्रशिक्षण में महिला पर्यवेक्षिका पल्लवी झा, सीमा कुमारी, बीसीएम कमर जहां, यूनिसेफ के बीएमसी मिथलेश कुमार, बीपीएम कुंदन कुमार एवं बबलू कुमार ने भाग लिया।
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