दिन में दो घंटे की पूजा फिर रात में कत्लेआम, महिला कॉन्स्टेबल नीतू के पड़ोसी बोले - अब यहां रहना मुश्किल
सिपाही नीतू कुमारी अक्सर देर सुबह तक सोती थी। सोमवार की सुबह सात बजे ही जगकर पड़ोसी के घर से फूल और बेलपत्र तोड़कर लाई थी। इस तरह की तमाम जानकारी देते हुए पड़ोसी ने बताया कि सोमवार को नीतू काफी खुश भी थी। इस तरह की बात सुनकर पड़ोसी भी हतप्रभ है।
भागलपुर जिले में पुलिस लाइन के कांस्टेबल बैरक संख्या 38 में रहने वाली सिपाही नीतू कुमारी सोमवार को दोपहर दो बजे अपने दोनों बच्चों के साथ पूजा करने के लिए पुलिस लाइन स्थित शिव मंदिर गई थी। मंदिर जाने से पहले पुलिस मेंस एसोसिएशन के एक पदाधिकारी को फोन कर मंदिर में होने वाली पूजा के समय के बारे में जानकारी ली थी। दोनों बच्चों के साथ मंदिर गई थी और दो घंटे से अधिक समय तक मंदिर परिसर में रहने के बाद देर शाम को आवास पर लौटी थी।
सिपाही नीतू कुमारी अक्सर देर सुबह तक सोती थी। सोमवार की सुबह सात बजे ही जगकर पड़ोसी के घर से फूल और बेलपत्र तोड़कर लाई थी। इस तरह की तमाम जानकारी देते हुए पड़ोसी ने बताया कि सोमवार को नीतू काफी खुश भी थी। इस तरह की बात सुनकर पड़ोसी भी हतप्रभ है।
क्या बोले पड़ोसी
पड़ोसियों ने कहा, अब रहना मुश्किल नीतू के पड़ोसियों ने कहा कि आसपास में रहना काफी मुश्किल होगा। इस तरह की घटना के बाद पड़ोसियों के बीच तरह-तरह की चर्चाएं हो रही थीं। बताया जाता है कि इस घटनास्थल से कुछ ही दूरी पर करीब एक साल पहले सार्जेंट मेजर ने भी आत्महत्या कर ली थी। घटना के बाद किसी के भी घर में चूल्हा नहीं जला था। पूरा रोड में सन्नाटा पसरा हुआ था।
रोज की किचकिच बदल गयी सन्नाटे में
सिपाही नीतू और सास के बीच अक्सर छोटी-छोटी बात को लेकर किचकिच होती थी। यही वजह है कि सोमवार की रात्रि भी चीख पुकार की आवाज सुनने के बाद पड़ोसियों ने यह सोचकर घ्यान नहीं दिया कि यह मसला प्रतिदिन का है। जिस घर में बच्चों की किलकारी गूंजती थी वहां सन्नाटा पसरा था। शव को देखने के लिए आयी महिलाओं की जुबान पर एक ही बात थी कि आखिर दोनों नौनिहालों का क्या कसूर था। मां के साथ सोए दोनों बच्चों को देखने के बाद सभी का कलेजा फट रहा था। उपस्थित लोग शव को देखने के बाद अपने आंखों के आंसू नहीं रोक पा रहे थे।