अतुल सुभाष सुसाइड केस: इंजीनियर की मां ने मांगी पोते की कस्टडी, सुप्रीम कोर्ट से इन तीन राज्यों को नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने बेंगलुरु में खुदकुशी करने वाले एआई इंजीनियर अतुल सुभाष की मां अंजू देवी मोदी की ओर से दाखिल याचिका पर उत्तर प्रदेश, हरियाणा और कर्नाटक सरकार को नोटिस जारी कर बच्चे को अदालत में पेश करने को कहा।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बेंगलुरु में खुदकुशी करने वाले एआई इंजीनियर अतुल सुभाष की मां अंजू देवी मोदी की ओर से दाखिल याचिका पर उत्तर प्रदेश, हरियाणा और कर्नाटक सरकार को नोटिस जारी कर बच्चे को अदालत में पेश करने को कहा। शीर्ष अदालत में दाखिल याचिका में उन्होंने अपने साढ़े 4 साल के पोते (अतुल का बेटा) की कस्टडी मांगी है।
जस्टिस बी.वी. नागरत्ना और एन.के. सिंह की पीठ ने मामले में संक्षिप्त सुनवाई के बाद तीनों राज्यों को नोटिस जारी कर अगली सुनवाई 7 जनवरी से पहले अपना-अपना पक्ष रखने को कहा। शीर्ष अदालत में दाखिल बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में याचिकाकर्ता अंजू देवी ने याचिका में कहा कि उनके पोते को दादा-दादी के साथ रहने की अनुमति दी जाए। शीर्ष अदालत को बताया गया कि निकिता का परिवार बच्चे को खोजने में बाधा डाल रहा है।
याचिकाकर्ता अंजु देवी ने कहा कि निकिता के परिवार वालों के साथ अतुल का बेटा सुरक्षित नहीं है। अंजू देवी ने कहा कि अतुल की पत्नी निकिता सिंघानिया और उसका परिवार जेल में है, ऐसे में अतुल का साढ़े 4 साल का बेटा कहां है, इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। समस्तीपुर की अंजू देवी ने याचिका में पोते की कस्टडी देने की मांग की है ताकि उसकी समुचित देखभाल और पालन पोषण हो सके। इसके बाद पीठ ने तीनों राज्यों (हरियाणा, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक) के पुलिस को नोटिस जारी किया और बच्चे को पेश करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने सुनवाई की अलगी तारीख 7 जनवरी तय किया है।
सु्प्रीम कोर्ट के इस आदेश से इंजीनियर के परिजनों में खुशी है। उन्हें उम्मीद है कि अब उन्हें अपने बेटे की अंतिम निशानी के तौर पर पोता मिल जाएगा। अतुल के पिता पहले से ही कहते आ रहे हैं कि निकिता का परिवार क्रिमिनल है। उनका पोता उन लोगों के साथ रहकर बिगड़ जाएगा। अतुल ने भी अपने वीडियो में जिक्र किया कि वह बेटे से मिलना चाहता था। अब सबकी नजरें उच्चतम न्यायालय के फैसले पर टिकी हैं।