सीमावर्ती क्षेत्र में स्लीपर सेल के सक्रिय होने की आशंका, खुफिया विभाग अलर्ट
सीमावर्ती क्षेत्र में स्लीपर सेल के सक्रिय होने की आशंका, खुफिया विभाग अलर्ट

स्लीपर सेल द्वारा टेलीग्राम चैनल व डार्क वे का इस्तेमाल सुरक्षा एजेंसी के लिए चुनौती पाकिस्तानियों का समय सीमा खत्म ,पुलिस की बड़ी सक्रियता
शराब, स्मैक व ड्रग्स में शामिल लोगों को चिन्हित करने का विशेष निर्देश: एसपी
लॉरेंस बिश्नोई के शार्प सूटर की गिरफ्तारी के बाद और संवेदनशील हुआ बॉर्डर
फारबिसगंज, निज संवाददाता।
भारत-नेपाल अंतरराष्ट्रीय जोगबनी खुली सीमा पर यूं तो स्लीपर सेल की सक्रियता को लेकर खुफिया विभाग हमेशा से अलर्ट मोड में रहते हैं। मगर ताजा पुलगामा आतंकी घटना को लेकर स्लीपर सेल पर खुफिया विभाग की नजर सक्रिय हो गई है। स्लीपर सेल द्वारा टेलीग्राम चैनल व डार्क वे का इस्तेमाल सुरक्षा एजेंसी के लिए चुनौती बना हुआ है। क्योंकि स्लीपर सेल जैसे व्यक्ति खासकर शराब, ड्रग्स, स्मैक जैसे कारोबार में संयुक्त होने की आशंका ज्यादा जताई जा रही है। लिहाजा पुलिस सक्रिय है। भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा प्राप्त निर्देश के बाद पुलिस की सक्रियता बढ़ गई है। खासकर किसी भी तरह के वीजा प्राप्ति के बाद भी पाकिस्तानियों की समय सीमा 27 अप्रैल को समाप्त हो गई है। लिहाजा अब कोई भी पाकिस्तानी के पकड़ाने पर उसे सीधे जेल भेजा जाएगा और उसको लेकर पुलिस अतिरिक्त सतर्कता बरत रही है। इस संबंध में खुफिया अधिकारियों की माने तो अररिया जिले में किसी भी पाकिस्तानी के होने की पुष्टि नहीं है मगर स्लीपर सेल से इनकार नहीं किया जा सकता है। इसकी भूमिका को चिन्हित करना सुरक्षा एजेंसी की भी चिंता है ।क्योंकि पहले स्लीपर सेल सोशल मीडिया पर सक्रिय रहता था मगर अब ऐसे तत्वों ने सोशल मीडिया को छोड़कर टेलीग्राम चैनल एवं डार्क वे का इस्तेमाल करने लगे हैं । ऐसा करने से उन्हें चिन्हित करने में सुरक्षा एजेंसियों को परेशानी हो रही है।
इधर एसपी अंजनी कुमार सिंह ने बताया की ताजा स्थिति को लेकर हर निर्देश का अनुपालन किया जा रहा है। खासकर गृह मंत्रालय से से गलत कारोबार यथा नशा ड्रग्स आदि मामलों में शामिल लोगों पर नजर रखने के निर्देश का अनुपालन किया जा रहा है । एसपी ने बताया कि स्लीपर सेल जैसे तत्व राष्ट्र विरोधी व समाज विरोधी कार्य यथा ड्रग्स ,स्मैक, शराब जैसे कारोबार में अपनी जगह ढूंढता है। लिहाजा इस मामले में सभी थाने को विशेष निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं। सभी आपसी समन्वय स्थापित कर काम को अंजाम दिया जा रहा है । बॉर्डर से लेकर पूरे पोरस बॉर्डर सहित सीमावर्ती इलाके में ऐसे मामले पर विशेष निगरानी रखी जा रही है ।
लॉरेंस बिश्नोई के शार्प शूटर के बाद बॉर्डर की संवेदनशीलता में हुआ इजाफा:
खुफिया अधिकारियों की माने तो यूं तो जोगबनी बॉर्डर शुरू से संवेदनशील रहा है। राष्ट्र विरोधी तत्वों के घुसपैठ करने, इस सीमा पर पकड़ाने का लंबा फेहरिस्त है। बहु चर्चित पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्या के आरोपी षड्यंत्रकारी डीआईजी सिमरनजीत सिंह मान भी इसी बॉर्डर पर पकड़ाया था । इसके अलावा 2000 के दशक में पाकिस्तानी आईएसआई समर्थित लश्करे तौएबा की सक्रियता भी सामने आई थी। ऐसे कई राष्ट्र विरोधी तत्वों की गिरफ्तारी को लेकर यूं तो जोगबनी बॉर्डर एरिया शुरू से संवेदनशील रहा है। मगर पिछले वर्ष लॉरेंस बिश्नोई के शार्प सूटर की गिरफ्तारी के बाद इस बॉर्डर की संवेदनशीलता और बढ़ गई।
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