रानीगंज प्रखंड क्षेत्र की विभिन्न नदियों से अवैध खनन धड़ल्ले जारी
रानीगंज में अवैध खनन का खेल जारी है, जहां ग्रामीणों ने थाना में आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की है। धनेश यादव ने चार लोगों पर अवैध खनन का आरोप लगाया है। पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई केवल अस्थायी है,...

कई बार हुई कार्रवाई, पकड़े जा चुके हैं कई बालू लदे ट्रैक्टर, पर नहीं लग रहा अंकुश अवैध खनन रोकने के लिए रानीगंज के ग्रामीणों ने थाना में दिया आवेदन कार्रवाई की मांग
नदी के चारों और मक्के के खेती रहने से अवैध खनन करने में होती है आसानी
रानीगंज। एक संवाददाता।
यूं तो प्रखंड क्षेत्र के कई जगहों पर दिन दहाड़े धड़ल्ले अवैध खनन हो रहा है। हर दिन नदियों से खुलेआम बालू का खनन होता है। इन खनन माफियाओं पर पुलिस की कार्रवाई केवल कुछ दिनों के लिए होती है। कुछ छोटे-छोटे ट्रैक्टर पकड़े जाते है लेकिन कुछ दिनों के बाद अवैध खनन का खेल बदस्तूर जारी रहता है। रानीगंज निवासी धनेश यादव ने रानीगंज थाना में आवेदन देकर अवैध खनन करने वालों पर कार्रवाई की मांग की है। इससे पहले भी कई ग्रामीणों ने अवैध खनन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर चुके हैं। धनेश यादव ने बताया है कि पिछले कई दिनों से भिट्ठा स्कूल से पूरब कोशी नदी में सुबह के नौ बजे से शाम के छह बजे तक बालू का खनन किया जाता है। धनेश यादव ने अपने आवेदन में अवैध खनन करने वाले चार लोगों पर आरोप लगाया है। बताया है कि भिट्ठा गांव का चार लोग अवैध तरीक़े से बालू निकालकर खनन करता है। हर रोज अवैध खनन होने से नदी की धारा में परिवर्तन हो रहा है। इसके कारण मकई व मूंग के फसल बर्बाद हो रहा है। जब हम अवैध खनन का विरोध करते है तो मारपीट करने पर उतारू हो जाता है।
सरकारी कामों में होता है लोकल बालू का उपयोग:
ग्रामीणों ने हैरत जताते हुए कहा कि कि जिस बालू के अवैध खनन पर रोक है। वहीं नदी का लोकल बालू का सरकारी कामों में प्रयोग किया जाता है। पंचायतों में बन सके सड़कों की ढलाई कार्य में लगभग जगहों पर लोकल बालू का प्रयोग किया जाता है। जबकि अधिकारी के नाक के नीचे लोकल बालू का जमकर प्रयोग किया जाता है। खनन माफियाओं के द्वारा दिन दहाड़े खेतों व नदियों से बालू निकाला जाता है। यही नहीं खनन माफिया के द्वारा कई जगहों पर सरकारी जमीन से भी मिट्टी काटा जा रहा है। सुदूर देहाती क्षेत्रों में पुलिस की गस्ती नहीं होने के कारण खनन करने वालों का मनोबल बढ़ने लगा है।
नदियों से खनन माफिया बालू निकालकर काट रहे चांदी:
नदी के चारों और मक्के की खेती से बालू खनन करने में आसानी होती है । इस समय नदी के चारों और मक्के की खेती लगी हुई है। मक्के की खेती के बीच से टैक्टर से आने जाने का रास्ता निकाल लिया जाता है। जिससे बालू खनन करने में आसानी होती है। अभी खनन माफिया एक ट्रेलर लोकल बालू की कीमत 25 सौ से तीन हजार रुपये तक लेती है। कई जगहों पर बालू माफियाओं के द्वारा बालू खनन कर बड़ा डेम्प लगाकर रखा गया है। इन बालू के बड़े बड़े डेम्प से रोजाना सैकड़ो टेक्टर बालू की बिक्री होती है।
दो दिन पहले पुलिस व खनन माफिया ने हुई थी नोकझोंक:
ऐसा नहीं है कि पुलिस अवैध खनन माफियाओं पर कार्रवाई नहीं करती है। अवैध खनन करने वालों पर पुलिस लगातार कार्रवाई करती है लेकिन अवैध खनन करने वालों का मनोबल इतना ऊंचा है कि पुलिस के साथ ही मारपीट करने पर उतारू हो जाते है। इधर दो तीन दिन पहले रानीगंज पुलिस के साथ खनन माफियाओं ने अभद्र व्यवहार व नोकझोंक किया था। रानीगंज नगर पंचायत क्षेत्र के कविलसा गांव में अवैध खनन रोकने गयी पुलिस के साथ हाथापाई किया गया है।
बोली पुलिस पदाधिकारी:
रानीगंज थाना के अपर थानाध्यक्ष कनकलता कुमारी ने बताया कि एक महिला पुलिस पदाधिकारी के साथ नोकझोंक हुई है। इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है। अवैध खनन करने वालों को किसी कीमत पर बख्शा नहीं जायेगा।
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