आनंद मोहन और चिराग पासवान का झगड़ा बढ़ा, केंद्रीय मंत्री ने बाहुबली को याद दिलाई नीतीश की कृपा
जीतनराम मांझी की बहू दीपा मांझी के लिए इमामगंज में प्रचार न करने पर आनंद मोहन ने चिराग पासवान पर सवाल उठाए। इसके बाद चिराग ने आनंद मोहन को याद दिलाया कि वह नीतीश कुमार की कृपा से ही जेल से बाहर आए।
बिहार में विधानसभा उपचुनाव के बाद केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान और बाहुबली पूर्व सांसद आनंद मोहन के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है। राजपूत समाज से आने वाले आनंद मोहन ने गया जिले की एससी आरक्षित सीट इमामगंज सीट पर लोजपा रामविलास के मुखिया चिराग पासवान के उपचुनाव में प्रचार नहीं करने पर सवाल उठाए। इसके बाद चिराग ने पूर्व सांसद को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कृपा याद दिला दी। उन्होंने कहा कि आनंद मोहन नीतीश की बदौलत ही जेल से बाहर आ पाए और सीएम की वजह से उनके परिवार के सदस्य राजनीति में हैं।
चिराग पासवान ने बुधवार को मीडिया से बताचीत में पूर्व सांसद आनंद मोहन के आरोपों पर पलटवार किया। उन्होंने कहा, “वो (आनंद मोहन) सक्रिय राजनीति से नहीं जुड़े हुए हैं। उनकी बात पर किसी तरह की प्रतिक्रिया देना जरूरी नहीं है। हालांकि, उनके परिवार के कई सदस्य सक्रिय राजनीति में हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कृपा पर वे जेल से बाहर आए हैं। संगीन आरोपों की वजह से वे जेल में थे। अब उसी समाज (दलित) के लोगों पर फिर से वे उंगली उठा रहे हैं।” बता दें कि चिराग लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक दिवंगत रामविलास पासवान के बेटे हैं। उनकी पार्टी दलितों को केंद्र में रखकर राजनीति करती है।
इससे पहले विधानसभा उपचुनाव के दौरान गया जिले की इमामगंज सीट पर एनडीए प्रत्याशी के समर्थन में प्रचार न करने को लेकर आनंद मोहन ने चिराग को घेरा था। दो दिन पहले आनंद मोहन ने एक बयान में कहा कि इमामगंज से केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी की बहू (दीपा मांझी) के लिए चिराग प्रचार करने नहीं गए। इस सीट पर प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी के कैंडिडेट जितेंद्र पासवान 37 हजार वोट ले आए। यह चिराग पासवान के ऊपर सवालिया निशान हैं।
पूर्व सांसद ने कहा कि चिराग एनडीए में हैं भी या नहीं? वह पासवानों के नेता हैं या नहीं? इस पर सवाल खड़ा होता है। उन्हें तय करना होगा कि वह किस पक्ष में हैं। अगर एनडीए में हैं तो इमामगंज में उनकी जाति का एक नौजवान एनडीए प्रत्याशी के खिलाफ इतने वोट कैसे ला सकता है।
इसके बाद आनंद मोहन के बेटे एवं विधायक चेतन आनंद ने भी चिराग पासवान को आड़े हाथों लिया। चेतन ने एक फेसबुक पोस्ट में लिखा कि इमामगंज जैसी प्रतिष्ठा वाली एनडीए की सीट फंसी हुई थी। वहां पर आप (चिराग पासवान) प्रचार करने नहीं गए। वह जीतनराम मांझी को उनके घर में ही नीचा दिखाना चाहते थे, इसलिए वहां नहीं गए। चेतन ने चिराग की जन सुराज से अंदरखाने कोई डील होने पर भी आशंका जाहिर की।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने इस विवाद से पल्ला झाड़ लिया है। जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने बुधवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि यह दो नेताओं के आपस का मामला है। उन्होंने एनडीए के एकजुट होने का दाव भी किया। बता दें कि आनंद मोहन की पत्नी शिवहर से जेडीयू की लोकसभा सांसद हैं।