बिहार में 37,000 संस्थाओं का रजिस्ट्रेशन रद्द होने का खतरा, नोटिस के बाद भी नहीं दिया आय का ब्योरा
कागज पर संगठन चलाने वाले लोग इसका फायदा उठा रहे थे। इसको देखते हुए निबंधन विभाग ने सभी संगठनों का ब्योरा विभागीय वेबसाइट पर अपलोड करते हुए संचालकों को 2024-25 की वार्षिक रिपोर्ट के साथ ही पिछले पांच साल का ब्योरा अपलोड करने का निर्देश दिया है।

बिहार में अब कागज पर चलने वाली संस्थाएं और स्वयंसेवी संगठन (एनजीओ) अब बंद होंगे। मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने फाइलों में दबी राज्य की करीब 41 हजार निबंधित संस्थाओं को विभाग की वेबसाइट पर अपडेट करते हुए उनको ऑनलाइन कर दिया है। इसके साथ ही इन संस्थाओं को व्यक्तिगत रूप से उनके निबंधित पते के साथ ही सार्वजनिक नोटिस जारी कर वार्षिक आय व्यय एवं अन्य दस्तावेजों को ऑनलाइन अपडेट करने की चेतावनी भी दी गयी है। निबंधित संस्थाओं में से अब तक मात्र चार हजार संस्थाओं ने ही आय-व्यय का ब्योरा अपलोड किया है। लगातार नोटिस के बाद भी ब्योरा नहीं देने वाले एनजीओ व संगठनों का निबंधन रद्द करते हुए उनके बैंक खाते व संपत्तियों को जब्त कर लिया जाएगा। जाहिर है करीब 37,000 संस्थाओं पर बंद होने की तलवार लटक रही है।
विभाग के मुताबिक सभी निबंधित संगठनों को हर साल संस्था की वार्षिक रिपोर्ट, ऑडिट रिपोर्ट, फॉर्म सी तथा विदेशी अंशदान (एफसीआरए) की प्राप्ति एवं उपयोगिता से संबंधित रिपोर्ट जमा कराना अनिवार्य है। पूर्व में रिपोर्ट जमा कराने का तरीका मैनुअल होने से अस्तित्वहीन या मृतप्राय संस्थाओं की पहचान संभव नहीं हो पा रही थी। कागज पर संगठन चलाने वाले लोग इसका फायदा उठा रहे थे। इसको देखते हुए निबंधन विभाग ने सभी संगठनों का ब्योरा विभागीय वेबसाइट पर अपलोड करते हुए संचालकों को 2024-25 की वार्षिक रिपोर्ट के साथ ही पिछले पांच साल का ब्योरा अपलोड करने का निर्देश दिया है। ऐसा नहीं करने वाली संस्थाओं को अस्तित्वहीन मानते हुए उनको रद्द करने की कार्रवाई की जा रही है।
वेबसाइट पर लॉगिन कर कागजात अपलोड की सुविधा
निबंधन विभाग के मुताबिक किसी भी व्यक्ति को संस्था से जुड़े कागजातों को जमा करने के लिए कार्यालय आने की जरूरत नहीं है। विभाग की वेबसाइट https://nibandhan. bihar.gov.in/Home पर वार्षिक प्रतिवेदन अपलोड कराने को लेकर लिंक उपलब्ध कराया गया है। संस्था के संचालक मोबाइल नंबर या ई-मेल आईडी की मदद से खुद का लॉगिन बनाने के बाद रजिस्ट्रेशन नंबर डाल कर संस्था से जुड़े तमाम कागजात स्वयं ही अपलोड कर सकते हैं।
विभाग ने चेतावनी देते हुए कहा है कि एक बार निबंधन रद्द होने के बाद कोई पद धारक या सदस्य संस्था के नाम से कोई भी कार्रवाई संचालित नहीं कर सकेंगे। साथ ही संस्था से संबंधित किसी भी बैंक खाते का संचालन नहीं किया जा सकेगा। संस्था के नाम पर किसी चल-अचल संपत्ति की खरीद-बिक्री भी नहीं हो सकेगी। संबंधित जिले के डीएम संस्था की संपत्ति से जुड़ी जानकारी लेकर विभाग को रिपोर्ट भेजेंगे ताकि उनके निष्पादन की कार्रवाई की जा सके।
रजनीश कुमार सिंह, आईजी, निबंधन, बिहार ने कहा कि करीब 41 हजार निबंधित संस्थाओं का ब्योरा वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है। सभी संस्थाओं को व्यक्तिगत और सार्वजनिक नोटिस जारी कर निर्धारित समय सीमा के भीतर वार्षिक रिपोर्ट अपलोड करने की चेतावनी दी गयी है। कागज पर चलने वाली संस्थाएं अब बंद होंगी।