दिखाई दिया करवा चौथ का चांद, सुहागिनों ने चंद्र दर्शन कर तोड़ा व्रत, देखें Photos
karwa Chauth : महिलाएं चांद के दर्शन कर व्रत संपन्न कर रही हैं। महिलाएं दिनभर निर्जला व्रत रखकर संध्या बेला साज शृंगार के साथ चलनी से चंद्रमा और अपने पति का मुख देखने के बाद इस व्रत को पूरा किया।
karwa chauth vrat : पति की लंबी उम्र की कामना को लेकर सुहागिन महिलाओं ने करवा चौथ व्रत का अनुष्ठान किया। धार्मिक मान्यता के अनुसार सच्ची निष्ठा से व्रत किया जाए तो माता पार्वती सदा सौभाग्यवती रहने का आशीर्वाद प्रदान करती हैं। करवा चौथ का व्रत चंद्र दर्शन कर चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही पूर्ण माना जाता है। देशभर के अधिकांश इलाकों में चांद का दीदार होने लगा है। सुहागिन महिलाएं चांद के दर्शन कर व्रत संपन्न कर रही हैं। महिलाएं दिनभर निर्जला व्रत रखकर संध्या बेला साज शृंगार के साथ चलनी से चंद्रमा और अपने पति का मुख देखने के बाद इस व्रत को पूरा किया।
करवा चौथ के बारे में बताया जाता है कि इस दिन चंद्रमा को सीधे नहीं देखना चाहिए। क्योंकि ऐसा करना वर्जित माना गया है। कहा जाता है कि इस दिन किसी न किसी की आड़ में चंद्रमा का दर्शन करना चाहिए। इसके अलावा यह भी कहा जाता है की चलनी से अपने पति के मुख को देखने से चलनी में सैकड़ो छेद की तरह पति की सैकड़ों वर्ष की उम्र होती है। प्रखंड क्षेत्र में व्यापक पैमाने पर यह पर्व मनाया जाता है।
करवा चौथ के दिन चंद्रोदय का अधिक महत्व होता है। इस दिन व्रती स्त्रियों को चंद्रमा का बेसब्री से इंतजार रहता है। आज चंद्र दर्शन करना जरूरी माना जाता है। भारत के सभी राज्यों में चंद्रमा अलग-अलग समय पर उदित होता है। इस समय में ज्यादा फर्क नहीं होता है। चांद के दर्शन देश के लगभग सभी हिस्सों में हो गए हैं।
चांद निकलने पर ऐसे करें पूजा-
- चंद्रमा पूजा के लिए थाली में थलनी अर्ध्य के लिए करवे में जल, व्रत खोलने के लिए पानी और मिठाई होनी चाहिए।
- चंद्रमा को प्रणाम करें। अर्ध्य दें। फिर चंदन, अक्षत, फूल, रोली और अन्य पूजा सामग्री चढ़ाई।
- पति को तिलक लगाकर पैर छुएं। मिठाई खिलाएं। उनके हाथों से पानी पिएं।
- थाली में रखी सुहाग की सामग्री सास या घर की बुजुर्ग को दे दें। उन्हें प्रणाम करते हुए करवा भेंट करें और आशीर्वाद लें।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चांद न दिखने पर इसे अपशुगन नहीं समझना चाहिए। हो सकता है मौसम की वजह से कहीं पर चांद न दिखा हो। ऐसा होना आम बात है। चांद के दर्शन न होने पर आप ऐसे तोड़ें अपना व्रत-
1. कहा जाता है कि करवा चौथ व्रत के दिन अगर आपको चांद नजर नहीं आता है तो महिलाएं अगले दिन सूर्योदय के बाद भोजन कर सकती हैं।
2. मान्यता है कि करवा चौथ के दिन अगर चंद्रमा नहीं दिखाई पड़ता तो महिलाएं भगवान शिव के मस्तक पर विराजमान चंद्रमा के दर्शन कर सकती हैं। चंद्रमा की पूजा करके क्षमा याचना करें और व्रत पूर्ण करें।
3. ऐसा कहते हैं कि चांद न नजर आने पर चंद्रमा का आह्वान करें और विधि-विधान से पूजा करें। इसके बाद मां लक्ष्मी का ध्यान करते हुए व्रत पूर्ण करें।
4. कहा जाता है कि चंद्रोदय के समय चांद निकलने की दिशा में मुख करके पूजा करें। मन ही मन मां लक्ष्मी का ध्यान लगाते हुए पति की पूजा के बाद व्रत पारण करें।
5. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गर्भवती, बुजुर्ग और बीमार महिलाएं अगर चंद्रदर्शन नहीं कर पाती हैं तो वे बिना चंद्रदर्शन ही व्रत का पारण कर सकती हैं।
इस व्रत के प्रधान देवता श्री गणेश हैं
सभी उपवास रखने वाली महिलाएं रात में चांद को अर्घ्य देकर अपने पति के हाथ से पानी पीकर ही अपना व्रत खोलती हैं। कार्तिक कृष्ण चौथ व्रत को संकष्टी गणेश चौथ व्रत भी कहते हैं। इस व्रत के प्रधान देवता श्री गणेश हैं। इस पावन दिन गणपति को लड्डु का भोग लगाना चाहिए। गणपति पूजन में तुलसी का प्रयोग उचित नहीं है। जबकि दुभ्भी (घास) और बेलपत्र गणेश पर जरूर चढ़ाना चाहिए। लोकाचार के अंतर्गत चांद को चलनी से देखने और पति के हाथ से जल पीने की परंपरा है। गणपति मंत्र का जाप और गणपति अथर्वशीर्ष पाठ कर गणेश से दसों दिशाओं से रक्षा करने की कामना करनी चाहिए।
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