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कन्या वार्षिक राशिफल 2024



1 जन॰ 2024
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वर्ष के प्रारंभ में मन परेशान हो सकता है। माता की सेहत का ध्यान रखें। रहन-सहन अव्यवस्थित रहेगा। कारोबार में सुस्ती का प्रभाव हो सकता है। 07 जनवरी के बाद पिता के सहयोग से कारोबार में सुधार होगा। धैर्यशीलता बनाए रखें। व्यर्थ के क्रोध से बचें। 15 जनवरी के बाद नौकरी में अफसरों का सहयोग मिलेगा। तरक्की के मार्ग प्रशस्त होंगे। 31 मई के बाद कारोबार में वृद्धि होगी। मन प्रसन्न रहेगा। माता के स्वास्थ्य में सुधार होगा। धर्म के प्रति श्रद्धा भाव बढ़ेगा। सुस्वादु खान-पान में रुचि बढ़ेगी। मित्रों के साथ यात्रा पर जा सकते हैं। चंद्र राशि पर आधारित भविष्यफल- वर्षारंभ दुविधाओं के साथ होगा। गुरु का गोचर धन, सुख-सुविधाओं को कम कर अधिक व्यय के योग बनाता है। मई के बाद से धनागमन की स्थिति सुधरेगी। इस वर्ष असंतोष हावी रहेगा। माता का चिंताग्रस्त रहना उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव देगा। व्यापार और घर के लिए ऋण लेना पड़ सकता है। दूरस्थ प्रेम संबंधों के लिए यह वर्ष बहुत अच्छा नहीं है। शारीरिक परीक्षण वाली प्रतियोगिताओं में प्रतिभागियों को अच्छी सफलता मिलेगी। नौकरी मिलने, वरिष्ठों से सहयोग, सहकर्मियों के साथ अच्छे संबंध बनाने के लिए समय अनुकूल रहेगा। धार्मिक यात्रा, अनुष्ठान या दान आदि पर भी खर्चा होगा। अंतर्जातीय विवाह के लिए समय अनुकूल है। परिवार की वृद्धि होगी, संतान आगमन हो सकता है। जमीन-जायदाद, सोने-चांदी आदि में निवेश के लिए समय अच्छा रहेगा। जुलाई-अगस्त में कटु बातों के कारण प्रतिष्ठा, कार्य की हानि होगी। संयम से काम लेना होगा। उच्च शिक्षा के लिए कठिन परिश्रम से सफलता मिलेगी। विदेश जाने के लिए साल का मध्यभाग अनुकूल रहेगा। उपाय- सवा दस रत्ती का ओपल चांदी में दाहिने हाथ की मध्यमा उंगली में पहनें। ● प्रत्येक सोमवार को पानी में दूध डालकर स्नान करें। ● प्रत्येक मंगलवार को दिन में रोटी में गुड़ रखकर गाय को खिलाएं। ● रोज दुर्गा चालीसा या सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करें। ● पूजा में चंदन की सुगंध की धूप या इत्र प्रयोग करें। ● लाल रंग के वस्त्र, बिस्तर की चादर तथा स्वेटर आदि के प्रयोग से बचें।

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Mesha Rashi

मेष राशि काल पुरुष की पहली राशि होती है। मेष राशि को अस्थिर राशि माना गया है। यह अग्नि तत्व कारक राशि होता है। इस राशि का चिन्ह भेड़ होता है। इस राशि के अंतर्गत अश्विनी एवं भरनी नक्षत्र के सभी चरण तथा कृतिका नक्षत्र का प्रथम चरण आता है। मेष राशि का वर्ण क्षत्रिय होता है। मेष राशि का स्वामी ग्रह मंगल को माना जाता है। शारीरिक बनावट में सामान्यतः मध्यम कद के होते हैं।

  • मेष राशि के स्वभाव

    मेष राशि के लोग साहसी,ऊर्जावान, दृढ़ निश्चयी और अपनी जिंदगी में गतिशीलता को पसंद करते हैं। कार्य करने के प्रति इनका स्वभाव जिद्दी होता है । अपने लक्ष्य के प्रति समझौता करना पसंद नहीं होता है। हर परिस्थिति में अपने आप को ढाल कर चुनौतियों का सामना करना इनको पसंद होता है। खेलकूद में रुचि लेते हैं।

  • मेष राशि स्वामी

    मेष राशि का स्वामी ग्रह मंगल को माना जाता है। मंगल ग्रह भूमि, भवन, वाहन, पराक्रम, साहस, भाई , बंधुओं और मित्र आदि का कारक ग्रह होता है। ऐसी स्थिति में मेष राशि के लोग मंगल के शुभ प्रभाव से सरलता पूर्वक मित्रता कर लेते हैं तथा अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेते हैं। मंगल के मजबूत होने पर सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति सहजता पूर्वक हो जाती है।

  • मेष राशि चिन्ह

    इस राशि का चिन्ह चिन्ह प्रतीक भेड़ या मेढा होता है। मेढा को साहस और निडरता का प्रतीक माना जाता है। अपने कार्यों में निरंतर लगे रहना भीड़ अथवा मेढा का स्वभाव होता है । इसी कारण मेष राशि के लोग निरंतर अपने लक्ष्य के प्रति सजग तथा क्रियाशील होते हैं।

  • मेष राशि के गुण (लक्षण)

    मेष राशि के लोग जिद्दी, ऊर्जावान, बहादुर, खुशमिजाज स्वभाव के होते हैं। मेष राशि के लोग साहस और वीरता संबंधित कार्यों में रुचि लेते हैं। इन्हें नेतृत्व करना बेहद पसंद होता है। इसलिए ये लोग जिस भी पद पर होते हैं, उस पद का निर्वहन पद के अनुरूप ही करते हैं। ये लोग पूरी तरीके से कार्य के प्रति पारदर्शी होते हैं तथा व्यक्तित्व में दूरदर्शिता रखते है। नियम विरुद्ध कार्य होने पर विद्रोही स्वरूप भी ग्रहण कर लेते हैं। वफादारी इन को बेहद पसंद होता है।

  • मेष राशि की कमियां

    मेष राशि के स्वभाव में उग्रता तथा जिद्दी होने के कारण समझौता पसंद नहीं करते है। शीघ्र क्रोध करने के कारण विवाद की स्थिति उत्पन्न होती रहती है। अस्थिर राशि होने के कारण जीवन की स्थिरता में कमी होती है। थोड़े शक करने की प्रकृति के होने के कारण आत्म सुख और पारिवारिक सुख में कमी बनी रहती है। लंबे समय तक चलने वाले कार्य को पसंद नहीं होते हैं।

  • मेष राशि का करियर (भविष्य)

    मंगल प्रधान व्यक्तित्व होने के कारण है सेना, पुलिस, प्रशासन, रक्षा व्यवस्था, खेल कूद से जुड़ना ज्यादा पसंद करते है। इसके अतिरिक्त जमीन, वाहन, इंजीनियरिंग, कला, शिक्षण , अस्त्र शास्त्र, सेल्स मैनेजर, आर्किटेक्ट तथा बिजली विभाग से जुड़कर कार्य करना अच्छा होता है। प्रकृति से चंचल होने के कारण व्यवसाय के मामले में थोड़े स्थिर होते हैं।

  • मेष राशि की सेहत

    मेष राशि के स्वामी मंगल होते हैं। मंगल के पीड़ित होने पर चोट और अग्नि भय की स्थिति बनी रहती है। पेट से संबंधित विशेषकर है। पित्त, गैस, मिर्गी की समस्या परेशान करती है । आवेशित होने के कारण चिड़चिड़ापन, तनाव, अनिद्रा, क्रोध की समस्या भी हो जाती है। मंगल के शनि और राहु से पीड़ित होने पर शल्य चिकित्सा, फोड़ा से संबंधित समस्याएं ज्यादा परेशान करती हैं।

  • जीवनसाथी के तौर पर मेष राशि

    मेष राशि के लोग ईमानदार और वफादार प्रकृति के होते हैं। इसलिए जीवनसाथी में वफादारी ज्यादा पसंद करते हैं। इन्हें लोगों की मदद करना पसंद होता हैं । मेष राशि के लोग जीवनसाथी की भावनाओं को आसानी से समझ कर उनके अनुरूप व्यवहार करते हैं।

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