वर्ष के प्रारंभ में मन परेशान हो सकता है। माता की सेहत का ध्यान रखें। रहन-सहन अव्यवस्थित रहेगा। कारोबार में सुस्ती का प्रभाव हो सकता है। 07 जनवरी के बाद पिता के सहयोग से कारोबार में सुधार होगा। धैर्यशीलता बनाए रखें। व्यर्थ के क्रोध से बचें। 15 जनवरी के बाद नौकरी में अफसरों का सहयोग मिलेगा। तरक्की के मार्ग प्रशस्त होंगे। 31 मई के बाद कारोबार में वृद्धि होगी। मन प्रसन्न रहेगा। माता के स्वास्थ्य में सुधार होगा। धर्म के प्रति श्रद्धा भाव बढ़ेगा। सुस्वादु खान-पान में रुचि बढ़ेगी। मित्रों के साथ यात्रा पर जा सकते हैं। चंद्र राशि पर आधारित भविष्यफल- वर्षारंभ दुविधाओं के साथ होगा। गुरु का गोचर धन, सुख-सुविधाओं को कम कर अधिक व्यय के योग बनाता है। मई के बाद से धनागमन की स्थिति सुधरेगी। इस वर्ष असंतोष हावी रहेगा। माता का चिंताग्रस्त रहना उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव देगा। व्यापार और घर के लिए ऋण लेना पड़ सकता है। दूरस्थ प्रेम संबंधों के लिए यह वर्ष बहुत अच्छा नहीं है। शारीरिक परीक्षण वाली प्रतियोगिताओं में प्रतिभागियों को अच्छी सफलता मिलेगी। नौकरी मिलने, वरिष्ठों से सहयोग, सहकर्मियों के साथ अच्छे संबंध बनाने के लिए समय अनुकूल रहेगा। धार्मिक यात्रा, अनुष्ठान या दान आदि पर भी खर्चा होगा। अंतर्जातीय विवाह के लिए समय अनुकूल है। परिवार की वृद्धि होगी, संतान आगमन हो सकता है। जमीन-जायदाद, सोने-चांदी आदि में निवेश के लिए समय अच्छा रहेगा। जुलाई-अगस्त में कटु बातों के कारण प्रतिष्ठा, कार्य की हानि होगी। संयम से काम लेना होगा। उच्च शिक्षा के लिए कठिन परिश्रम से सफलता मिलेगी। विदेश जाने के लिए साल का मध्यभाग अनुकूल रहेगा। उपाय- सवा दस रत्ती का ओपल चांदी में दाहिने हाथ की मध्यमा उंगली में पहनें। ● प्रत्येक सोमवार को पानी में दूध डालकर स्नान करें। ● प्रत्येक मंगलवार को दिन में रोटी में गुड़ रखकर गाय को खिलाएं। ● रोज दुर्गा चालीसा या सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करें। ● पूजा में चंदन की सुगंध की धूप या इत्र प्रयोग करें। ● लाल रंग के वस्त्र, बिस्तर की चादर तथा स्वेटर आदि के प्रयोग से बचें।