खेलो इंडिया यूथ गेम्स में महाराष्ट्र की काव्या ने जीता दोहरा स्वर्ण
खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 : खेलो इंडिया यूथ गेम्स में महाराष्ट्र की काव्या ने जीता दोहरा स्वर्ण खेलो इंडिया यूथ गेम्स में महाराष्ट्र की काव्या ने जीता दोहरा स्वर्ण

खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 : टेबल टेनिस के सिंगल्स व डबल्स मुकाबलों में जीता स्वर्ण तमिलनाडु व पश्चिम बंगाल को रजत पदक से करना पड़ा संतोष बिहारशरीफ, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। खेलो इंडिया यूथ गेम्स में शनिवार को राजगीर खेल परिसर में टेबल टेनिस के सिंगल्स व डबल्स मुकाबलों के फाइनल खेले गये। महाराष्ट्र की काव्या भट्ट ने दोहरा स्वर्ण पदक जीतकर धाक जमा दी। उन्होंने सिंगल्स के साथ डबल्स में भी अपनी जोड़ीदार के साथ खिताब पर कब्जा जमाया। तमिलनाडु व पश्चिम बंगाल की खिलाड़ियों को रजत पदक से संतोष करना पड़ा। अंडर-18 बालिका वर्ग के सिंगल्स के फाइनल में काव्या का मुकाबला तमिलनाडु की हंसीनी माथन राजन को 4-1 से हराकर चैम्पियन बनने का गौरव हासिल किया।
उन्होंने विरोधी को आसानी से मात दे दी। वहीं, डबल्स मुकाबले में दिव्यांगी कौशिक के साथ खिताब जीता। महाराष्ट्र की खिलाड़ियों ने बंगाल की आविशा कर्माकर और शुभांकृता दत्ता की जोड़ी को 4-0 से हरा दिया। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जीत चुकी है कई खिताब : महाराष्ट्र के अकोला में जन्मी 15 साल की काव्या ने 7 साल की आयु में टेबल टेनिस शुरू किया था। उसने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 13 और राष्ट्रीय स्तर पर 15 पदक जीते हैं। उन्होंने इसी साल यूथ गेम्स में डेब्यू किया है। पिता व्यवसायी है। माता-पिता ने उनका पूरा साथ दिया है। काव्या के नाम चेक गणराज्य में आयोजित अंतरराष्ट्रीय डब्ल्यूटीटी यूथ कंटेंडर में अंडर-17 लड़कियों के एकल में रजत पदक (मार्च 2025) के अलावा उन्होंने सऊदी अरब में आयोजित अंतरराष्ट्रीय डब्ल्यूटीटी यूथ कंटेंडर में अंडर-15 आयोजन में लड़कियों के एकल और अंडर-15 मिश्रित युगल में स्वर्ण पदक (सितंबर 2024) जीता है। काव्या ने जॉर्डन में आयोजित अंतरराष्ट्रीय डब्ल्यूटीटी यूथ कंटेंडर में अंडर-19 मिश्रित युगल में स्वर्ण पदक और अंडर-17 लड़कियों के एकल में कांस्य पदक जीता। फिर श्रीलंका में आयोजित दक्षिण एशियाई युवा चैंपियनशिप में टीम इंडिया के लिए टीम और लड़कियों के युगल में स्वर्ण पदक हासिल किया। उन्होंने बताया कि वह दो सालों से रमन टेबल टेनिस हाई परफॉरमेंस सेंटर में प्रशिक्षण ले रही है। खेलो इंडिया एथलीट होने के कारण स्कालरशिप मिलती है और यह उनके बहुत बहुत काम आती है। स्वर्ण जीतने के लिए बहुत मेहनत की है। इस जीत में परिवार, कोच महेंद्र चिपलूंकर और हेड कोच रमन सुभ्रमण्यम का बहुत योगदान है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।