वर्ष के प्रारंभ में आत्मविश्वास तो बहुत रहेगा। परंतु मन परेशान भी हो सकता है। 05 जनवरी के बाद कारोबार में कठिनाइयां आ सकती हैं। कार्यक्षेत्र में परिश्रम अधिक रहेगा। जीवनसाथी के स्वास्थ्य में सुधार होगा। 15 जनवरी के बाद माता के स्वास्थ्य में सुधार होगा। 20 फरवरी के बाद कारोबार में सुखद समाचार सुनने को मिल सकते हैं। माता-पिता का सान्निध्य मिलेगा। शैक्षिक कार्यों में सुधार होगा। धन की स्थिति में सुधार होगा। नौकरी में तरक्की के मार्ग प्रशस्त होंगे। वस्त्र उपहार में मिल सकते हैं। संतान सुख में वृद्धि होगी। चंद्र राशि पर आधारित भविष्यफल- साल की शुरुआत अच्छी रहेगी। बौद्धिक एवं आध्यात्मिक स्तर अच्छा रहेगा। अपनी विवेकशीलता के कारण मान-सम्मान पाएंगे। कला के क्षेत्र में सक्रिय लोगों के लिए यह साल मान-सम्मान देने वाला होगा। मार्च-अप्रैल में बड़े भाई-बहन या मित्रों से विवाद हो सकता है। स्थान परिवर्तन के भी योग हैं। घर खरीदने के लिए यह साल अच्छा रहेगा। जीवनसाथी का स्वास्थ्य चिंता का विषय बनेगा। साझेदारी में किया जा रहा व्यवसाय मंदा चलेगा या साझेदारी टूट सकती है। नौकरीपेशा लोगों की साल के उत्तरार्र्द्ध में पद-प्रतिष्ठा बढ़ेगी। संतान का स्वास्थ्य या पढ़ाई चिंता का विषय रहेगी। प्रतियोगी परीक्षा में बैठने वाले छात्रों को कड़ी मेहनत करनी होगी। पैतृक संपत्ति या बड़ों से आर्थिक मदद मिलने का योग अंतिम दो महीनों में बनेगा। शनि इस साल योगकारक अवस्था में होकर लंबित कामों को पूरा करवाएगा। जिनका विवाह नहीं हुआ है, उनको मई से अच्छे रिश्ते मिलने शुरू होंगे। घर की सज्जा या नवीनीकरण पर व्यय होगा। दान आदि के रूप में लोगों की मदद भी करेंगे। उपाय- सवा छह रत्ती का नीलम या सवा सात रत्ती का लाजवर्त चांदी में दाहिने हाथ की मध्यमा उंगली में धारण करें। रोज हनुमान चालीसा का पाठ करें और गुड़-चने का भोग लगाने के बाद किसी बंदर या सांड को खिलाएं। ● प्रतिदिन दुर्गा चालीसा या सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करें। ● प्रतिदिन सुबह तांबे के लोटे में जल भरकर उसमें चावल, चीनी या गुड़ तथा रोली डालकर सूर्य को अर्पित करें।