सरकारी स्कूलों का एक शैक्षणिक कैलेंडर तय
हर विषय में हर महीने क्या होगी पढ़ाई किया गया तय, स्कूलों को जारी किए जा रहे शेड्यूल, होगी समीक्षा, निर्धारित समय पर संबंधित विषयों का पाठ्यक्रम करना

रांची, हिन्दुस्तान ब्यूरो। झारखंड के सरकारी स्कूलों का शैक्षणिक कैलेंडर तय कर दिया गया है। राज्य के सरकारी स्कूलों का एक शैक्षणिक कैलेंडर तैयार किया गया है। शैक्षणिक कैलेंडर और सिलेबस को 12 महीने में बांटा गया है। हर महीने किस विषय में कौन से अध्याय (चैप्टर) की पढ़ाई होगी, इसे स्पष्ट कर लिया गया है। अप्रैल 2025 से मार्च 2026 तक का शैक्षणिक कैलेंडर स्कूलों में जारी कर दिया गया है। पहली से आठवीं और नौवीं से 12वीं का शैक्षणिक कैलेंडर अलग-अलग तैयार किया गया है। इससे अब शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में एक समय में एक ही विषय और अध्याय की पढ़ाई हो सकेगी।
स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग की ओर से तैयार किये गये एक शैक्षणिक कैलेंडर के आधार पर पढ़ाई के साथ-साथ हर महीने मूल्यांकन भी होगा। जिन विषयों में बच्चे कमजोर होंगे, उन विषयों के लिए अतिरिक्त क्लास भी होगी, ताकि उन्हें विषय के बारे में समझाया जा सके। किसी विषय में हर महीने कौन-से पाठ की पढ़ाई होगी और सीखने का प्रतिफल क्या होगा, इसके बारे में पढ़ाया जाएगा। आठवीं के अधिकांश विषयों का एक बार जुलाई में रिविजन किया जाएगा, जबकि दूसरी बार वार्षिक परीक्षा के पूर्व जनवरी-फरवरी में भी रिविजन किया जाएगा। औचक निरीक्षण में की जाएगी जांच शैक्षणिक कैलेंडर के आधार पर पठन-पाठन की जांच के लिए स्कूलों का औचक निरीक्षण भी किया जाएगा। शिक्षा विभाग व जिलों के अधिकारी स्कूलों में जाकर देखेंगे कि माह वार तय किये गये चैप्टर के अनुसार पठन-पाठन हो रहा है या नहीं। अगर शैक्षणिक कैलेंडर के अनुसार पठन-पाठन नहीं पाया गया तो स्कूलों को एक बार चेतावनी के साथ एक महीने का समय सिलेबस नियमित करने के लिए दिया जा सकता है। वहीं, दूसरी बार भी ऐसा मामला सामने आने पर संबंधित विषय के शिक्षक और प्रधानाध्यापक पर कार्रवाई की जा सकती है।
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