Dev Kaise jagayein: देव उठनी एकादशी आज, कैसे बनाएं और कैसे जगाए जाते हैं देव, यहां पढ़ें विधि
सभी अलग-अलग तरह से अपने-अपने रीति-रिवाजों के साथ देवों तो उठाते हैं। इसके लिए पहले गेरु और चावल के आटे से देवताओं को बनाया जाता है। तो आइए जानते हैं, कैसे देव बनाए जाते हैं और किस तरह उन्हें उठाया जाता है।
आज है देवउठनी एकादशी। आज के दिन भगवान विष्णु निद्रा से जांगेगे और मांगलिक कार्यों की शुरुआत होगी। आज के दिन घर में महिलाएं घर में देवों को जगाती हैं। इस दिन घर में किस तरह देव बनाए जाते हैं और किस तरह उन्हें जगाया जाता है, इसके लिए सभी के अलग-अलग परंपरा होती हैं। सभी अलग-अलग तरह से अपने-अपने रीति-रिवाजों के साथ देवों तो उठाते हैं। इसके लिए पहले गेरु और चावल के आटे से देवताओं को बनाया जाता है। तो आइए जानते हैं, कैसे देव बनाए जाते हैं और किस तरह उन्हें उठाया जाता है।
देवउठनी एकादशी पर देव कैसे मण्डे, कैसे जगाएं देवता
शाम के समय प्रदोष काल में देवताओं को जगाया जाता है? इसके लिए गेरू और चावल का आटा भिगाकर लिया जाता है। फिर किसी स्टिक की सहायता से पहले एक आयताकार आकृति बना लें, जिसका एक सिरा खुला हो, जैसे किसी घर की चारदिवारी होती है। पहले इसका बॉर्डर सजा लें। इसके बाद इसमें विष्णु भगवान बनाएं और उनके हाथ में कमल और चक्र दें। फिर माता लक्ष्मी बनाएं। इसके बाद इसमें तुलसी जी की फोटो, अष्टदल कमल, स्वर्ग की सीढ़ी, सूरज , चांद, स्वास्तिक, पंचदेव आदि बनाए जाते हैं। इसके बाद विष्णु जी से होती हुईएक रेखा जमीन तक लाकर उसका चक्र बना देते हैं। जमीन पर आस-पास अपने परिवार के सदस्यों के पैर बनाए जाते हैं। फिर गेहूं, सब्जियां, सिंघाड़े, शकरकंद, आंवला, फल आदि रखना चाहिए। कुछ दक्षिणा रखें और दूध की सेवईं और कोई मिठाई रखी जाती है। इसके बाद परात से इसे ढ़ककर इस पर स्वास्तिक बनाकर इस थाली पर हाथ की थपकी दी जाती है, और गीत गाए जाते हैं, उठो देव बैठो देव, और फिर जल अर्पित करके फिर उनके हाथ जोड़कर भगवान को तिलक लगाएं और फिर पांच दीपक जलाए जाते हैं। इसके बाद प्रार्थना करें और भगवान से क्षमा याचिनी करनी चाहिए।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य है और सटीक है। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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