शनि की साढ़ेसाती लगने पर कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। शनि की साढ़ेसाती के प्रभाव से व्यक्ति का जीवन बुरी तरह से प्रभावित हो जाता है।
इस बार शनि जयंती 27 मई को है। यह ज्येष्ठ मास की अमावस्या के दिन मनाई जाती है। इस दिन शनि साढ़ेसाती वालों को खास उपाय करने चाहिए। यहां हम बता रहे हैं कैसे आप शनि साढ़ेसाती के उपाय सावधानी से करें
Shani Pradosh Vrat Date: शनि प्रदोष व्रत के दिन बेहद शुभ योगों का निर्माण हो रहा है, जो इस दिन को खास बना रहे हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन कुछ उपाय करने से शनि देव की साढ़ेसाती व ढैय्या के बुरे प्रभावों को भी कम किया जा सकता है।
Rashifal Saturn Transit Saturn Horoscope in Pisces: एक राशि में शनि देव लगभग ढाई साल तक विराजमान रहते हैं। इस वक्त शनि देव मीन राशि में बैठे हुए हैं। शनि के मीन गोचर से कुछ राशियों पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या शुरू होगी तो कुछ को मुक्ति भी मिलेगी।
ग्रहीय मंत्रिमंडल में अत्यंत प्रभावशाली एवं सबसे मंद गति से चलने वाले शनिदेव का गोचरीय दृष्टिकोण से परिवर्तन बृहस्पति की राशि में हो गया है। आइए जानें किन राशियों के किस भाव में प्रभाव दिखाएंगे शनिदेव
शनिदेव ने आज 29 मार्च को राशि परिवर्तन कर लिया है। शनिदेव कुंभ राशि से मीन राशि में प्रवेश कर गए है। शनिदेव के मीन राशि में प्रवेश करते ही मेष राशि पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो गई है।
शनि के मीन राशि में प्रवेश से कर्क-वृश्चिक राशि में ढैया का अंत होगा। सिंह-धनु राशि में ढैया प्रारंभ होगी। मकर राशि में साढ़ेसाती का अंत होगा। मेष राशि पर साढ़ेसाती प्रारंभ होगी। बारह राशियों पर मीन के शनि का प्रभाव
Shani gochar 2025: 29 मार्च 2025 दिन शनिवार को न्यायाधीश शनि देव अपनी राशि कुंभ से निकलकर देवगुरु बृहस्पति की राशि मीन में प्रवेश कर जाएंगे। जहां पर लगभग ढाई वर्ष रहकर अपना प्रभाव स्थापित करेंगे।
शनि की साढ़ेसाती अलग-अलग राशियों पर आती है। जीवन में सभी को साढ़ेसाती का सामना करना पड़ता है। लेकिन शनि की साढ़ेसाती को लेकर कंफ्यूज ना हों। इस दौरान बुरा ही नहीं अच्छा भी होता है।
29 मार्च को शनि का राशि परिवर्तन होगा। शनि 29 मार्च को राशि परिवर्तन करने वाले हैं। शनि का यह राशि परिवर्तन कई राशियों के लिए समीकरण बदलेगा। इससे पहले 1995 में शनि की साढ़ेसाती शुरू हुई थी।