संस्कृति विश्वविद्यालय के चांसलर सचिन गुप्ता ने कहा कि लगभग हम 10-15 साल से सुनते आ रहे है कि इंडस्ट्री और अकादमी को साथ मिलकर काम करना चाहिए, आगे रोजगार के नए आयाम पैदा करने चाहिए। लेकिन मेरे ख्याल से समय आ गया है कि जब अकादमी को इंडस्ट्री पर भरोसे होकर नहीं करना, अकेले ही आज कुछ करना पड़ेगा।