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Hindi Newsउत्तराखंड न्यूज़Will consumers get the penalty imposed on delay in electricity connection or not

बिजली कनेक्शन में देरी पर लगा जुर्माना उपभोक्ताओं को मिलेगा या नहीं? हुआ है इस बात का फैसला

  • उत्तराखंड की विषम भौगोलिक परिस्थिति के चलते कई बार कनेक्शन देने में देर हो जाती है। साथ ही कई इलाके ऐसे हैं, जहां आसपास ग्रिड कनेक्टिविटी नहीं है, ऐसे में दूर से बिजली की लाइन पहुंचानी होती है।

Himanshu Kumar Lall हिन्दुस्तानWed, 21 Aug 2024 06:34 AM
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उत्तराखंड में बिजली कनेक्शन देने में ऊर्जा निगम लगातार लापरवाही बरत रहा है। ऊर्जा निगम ने बीते 15 वर्ष में 62610 लोगों को कनेक्शन देने में देरी की। इसके चलते विद्युत नियामक आयोग, निगम पर 30 करोड़ रुपये का जुर्माना लगा चुका है। 

सवाल यह उठ रहा है कि जुर्माने की यह राशि जनता को कब मिलेगी? इस बीच, मंगलवार को ऊर्जा निगम ने आयोग में उक्त जुर्माना माफ करने की अपील की। इस मामले में सुनवाई के बाद आयोग ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।

उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग में मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान ऊर्जा निगम की ओर से अधीक्षण अभियंता मनदीप राणा ने पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि आवेदकों को समय पर बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराने के प्रयास जारी हैं। 

उत्तराखंड की विषम भौगोलिक परिस्थिति के चलते कई बार कनेक्शन देने में देर हो जाती है। साथ ही कई इलाके ऐसे हैं, जहां आसपास ग्रिड कनेक्टिविटी नहीं है, ऐसे में दूर से बिजली की लाइन पहुंचानी होती है। 

इन परिस्थितियों में कनेक्शन देने में देर हो जाती है। निगम के तर्क सुनने के बाद आयोग ने फैसला सुरक्षित रख लिया। मालूम हो कि ऊर्जा निगम ने 2009 से 2024 तक कुल 62610 उपभोक्ताओं को कनेक्शन जारी करने में देरी की। 

इस देरी पर 29.99 करोड़ रुपये का जुर्माना लगा। इस जुर्माने में सिर्फ 2.69 करोड़ रुपये ही जमा कराए गए। शेष 27.30 करोड़ रुपये माफ करने की मांग की जा रही है। इसमें मार्च 2020 से अगस्त 2021 तक कोविडकाल के दौरान का जुर्माना नहीं लगाया गया है। 

सुनवाई में कार्यवाहक अध्यक्ष एमएल प्रसाद, सदस्य विधि अनुराग शर्मा, सचिव नीरज सती, निदेशक प्रभात डिमरी, दीपक पांडे, मुख्य अभियंता डीएस खाती, एसई शिखा अग्रवाल आदि मौजूद रहे।

4.23 करोड़ का मुआवजा दबाया

वर्ष 2020 तक ऊर्जा निगम पर लगने वाले जुर्माने की राशि नियामक आयोग में ही जमा कराई जाती थी। इसके बाद उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने नई व्यवस्था लागू की। इसके तहत प्रति एक हजार रुपये पर लगने वाले 10 रुपये के जुर्माने का आधा हिस्सा आयोग में जमा करने और आधा हिस्सा उपभोक्ताओं को मुआवजे के रूप में देने की व्यवस्था की गई। इस लिहाज से उपभोक्ताओं को करीब 4.23 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाना है जो यूपीसीएल दबाकर बैठा हुआ है।

आवेदकों को विद्युत कनेक्शन देने में देरी का जुर्माना माफ करने के संबंध में यूपीसीएल की ओर से दायर पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई कर ली गई है। यूपीसीएल का पक्ष भी सुन लिया गया है। इस मामले में जल्द ही फैसला ले लिया जाएगा।

एमएल प्रसाद, कार्यवाहक अध्यक्ष, विद्युत नियामक आयोग

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