प्रदूषण में आबोहवा सुधारेंगी बेल-लताएं, देहरादून समेत इन शहरों के लिए प्लान
- इसके अलावा ऐसी कई सार्वजनिक दीवारें भी हैं तो सड़कों या गलियों में हैं। इनमें से ज्यादातर दीवारें जर्जर भी हो चुकी हैं। जिन्हें खूबसूरत बनाने के लिए पिछले साल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान इनमें पेंटिंग भी करवाई गई थी, लेकिन अब ये पेंटिंग भी खराब होने लगी हैं।
उत्तराखंड के बड़े शहरों में बढ़ते वायु प्रदूषण को रोकने के लिए अब पारंपरिक उपायों का सहारा लिया जाएगा। बेल और लताएं इन शहरों में हवा की सेहत सुधारेंगी। इसके लिए शहर की खाली और जर्जर दीवारों पर बेल और लताएं उगाई जाएंगी।
नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत दून से इस योजना की शुरुआत होगी। बाद में पीसीबी इसे अन्य शहरों में भी लागू करेगा। देहरादून शहर में बड़ी संख्या में केंद्र व राज्य सरकार के दफ्तरों की ऐसी दीवारें हैं जो सड़कों के किनारे हैं।
इसके अलावा ऐसी कई सार्वजनिक दीवारें भी हैं तो सड़कों या गलियों में हैं। इनमें से ज्यादातर दीवारें जर्जर भी हो चुकी हैं। जिन्हें खूबसूरत बनाने के लिए पिछले साल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान इनमें पेंटिंग भी करवाई गई थी, लेकिन अब ये पेंटिंग भी खराब होने लगी हैं।
जिससे इनमें धूल मिट्टी चिपकने लगी है। जो तेज हवाओं के साथ वातावरण में भी फैलती हैं। ऐसे में इन दीवारों पर अब बेल व लताएं उगाई जाएंगी। जो कि इन्हें पूरी तरह ढक देंगी। जिससे इनमें एक तो धूल मिट्टी कम चिपकेगी, दूसरा ये बेल व लताएं वातावरण से खतरनाक कार्बन व अन्य प्रदूषण फैलाने वाले तत्वों को भी सोखेगी।
जिससे आबोहवा साफ होने में मदद मिलेगी। वहीं, प्रदूषण को रोकने के लिए पीसीबी की ओर से पहले दून, ऋषिकेश और काशीपुर में ड्रोन से पानी का छिड़काव किया जा रहा था, लेकिन अब हल्द्वानी, रुद्रपुर, हरिद्वार, रुड़की सहित तमाम शहरों में ड्रोन से छिड़काव शुरू कर दिया।
बादल लगने पर बढ़ेगा प्रदूषण
दून विवि के पर्यावरण विभाग के प्रोफेसर डॉ. विजय श्रीधर ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से हवाएं चलने से वायु प्रदूषण कम हुआ है। जिससे एक्यूआई लगातार सौ से नीचे चल रहा है। लेकिन आगे बारिश से पहले बादल लगने से दिक्कत हो सकती है। जिससे हवा ना चलने के कारण प्रदूषण के कण वातावरण में ही रहेंगे और प्रदूषण बढ़ने की संभावना है। वहीं पाकिस्तान और पंजाब की ओर से आने वाले हवाओं से भी प्रदूषण बढ़ने की आशंका है।
प्रदूषण रोकने के लिए शहर की खाली दीवारों पर बेल और लताएं लगाने की येाजना है। जिससे वायु प्रदूषण रोकने में काफी मदद मिलेगी। संबंधित विभागों व निकायों के सहयोग से इस कार्यक्रम की शुरुआत दून से की जाएगी। बाद में अन्य शहरों में किया जाएगा।
डॉ. पराग मधुकर धकाते, सदस्य सचिव पीसीबी
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