आपदा की आहट तो नहीं! 46 दिनों में आठ बार डोली उत्तराखंड की धरती, देहरादून सहित इन जिलों में आया भूकंप
उत्तराखंड में आने वाले दिनों में कोई आपदा की आहट तो नहीं है। पिछले 46 दिनों में उत्तराखंड में आठ बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेपाल में आए भूकंप के झटकों को बुधवार को उत्तराखंड में भी महसूस किया।
उत्तराखंड में आने वाले दिनों में कोई आपदा की आहट तो नहीं है। पिछले 46 दिनों में उत्तराखंड में आठ बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेपाल में आए 4.4 तीव्रता के भूकंप के झटकों को बुधवार को उत्तराखंड में भी महसूस किया गया। भूकंप का केन्द्र उत्तराखंड के पिथौरागढ़ से 143 किलोमीटर दूर नेपाल के पूर्वी जुमला इलाके में रहा।
बुधवार दोपहर एक बजकर तीस मिनट 23 सेंकेंड में आए भूकंप के झटके का प्रभाव उत्तराखंड, यूपी, दिल्ली, एनसीआर तक में रहा। इसकी गहराई दस किलोमीटर रही। उत्तराखंड में कहीं जान मान के नुकसान की सूचना नहीं है। इससे पहले भी बागेश्वर में बीस फरवरी की सुबह चार बजकर 49 मिनट तीस सेकेंड पर भूकंप का झटका महसूस किया जा चुका है। जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.5 मापी गई। दस फरवरी को रुद्रप्रयाग में 2.5 तीव्रता का भूकंप आया था।
46 दिनों में उत्तराखंड में महसूस हुए आठ भूकंप के झटके
देहरादून, पिछले 46 दिनों में उत्तराखंड में भूकंप के आठ ऐसे भूकंप आ चुके हैं। जिन्हें लोगों ने महसूस किया है। 13 जनवरी को उत्तरकाशी में 2.9 तीव्रता का भूकंप आया। 20 जनवरी को देहरादून में 2.8 तीव्रता का भूकंप आया। 22 जनवरी को पिथौरागढ़ में 3.8 तीव्रता, 25 जनवरी को पिथौरागढ़ में 2.1 तीव्रता, 29 जनवरी को चमोली में 2.0 तीव्रता, 10 फरवरी को रुद्रप्रयाग में 2.5 तीव्रता व 20 फरवरी को बागेश्वर में 2.5 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया।
भूकंप के इन झटकों को नेशनल सेंटर फॉर सेस्मोलॉजी व दून के वाडिया हिमालय भू विज्ञान संस्थान में भी दर्ज किया गया। वाडिया के भू वैज्ञानिक नरेश कुमार के मुताबिक भूंकप को सामान्य भूगर्भीय हलचल के रुप में लिया जाना चाहिए। हालांकि साथ ही ये चेतावनी भी है।
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