Hindi Newsउत्तराखंड न्यूज़There is no hope of cheap electricity in Uttarakhand in future what is the reason for the high price

उत्तराखंड में आगे भी सस्ती बिजली के आसार नहीं, महंगी कीमत की क्या वजह?

जबकि पंजाब में 6.44 रुपए, गुजरात में 3.85 रुपये, राजस्थान में 5.96 रुपये, यूपी में 6.85 रुपये, महाराष्ट्र 4.99 रुपये, बिहार 7.57 रुपये प्रति यूनिट पर बिजली किसानों को दी जा रही है।

Himanshu Kumar Lall देहरादून, हिन्दुस्तान, Mon, 29 April 2024 01:33 PM
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 उत्तराखंड में हर साल बिजली के दाम बढ़ रहे हैं। इस स्थिति में आगामी वर्षों में भी किसी बड़े बदलाव के आसार नहीं हैं। क्योंकि उत्तराखंड को अपनी बिजली आपूर्ति सामान्य बनाने को बिजली खरीद और ट्रांसमिशन चार्जेज के रूप में 8755 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ते हैं।

जबकि उसका कुल राजस्व ही दस हजार करोड़ के करीब है। यूपीसीएल को 7609 करोड़ रुपये की बिजली खरीदनी पड़ती है। बिजली के ट्रांसमिशन पर 1146 करोड़ खर्च करने होते हैं। इन दोनों मदों में ही करीब 90 प्रतिशत पैसा खर्च हो रहा है।

ऐसे में जब तक उत्तराखंड का अपना बिजली उत्पादन नहीं बढ़ता, उपभोक्ताओं पर ये बोझ बढ़ता जाएगा। उत्तराखंड को प्रतिदिन 2600 मेगावाट बिजली उत्पादन की जरूरत है। जबकि उत्पादन एक हजार मेगावाट भी नहीं होता। गर्मियों में संकट के समय तो उत्पादन कई बार 700 मेगावाट पर ही सिमट जाता है।

ऐसे में राज्य को अपनी जरूरत पूरी करने को पूरी तरह बाजार की महंगी बिजली पर निर्भर रहना पड़ता है।उत्तराखंड में किसानों को सबसे सस्ती बिजली किसानों को सबसे सस्ती बिजली उत्तराखंड में ही मिल रही है। एमडी यूपीसीएल ने बताया कि उत्तराखंड में 2.64 रुपए प्रति यूनिट में किसानों को बिजली दी जा रही है।

जबकि पंजाब में 6.44 रुपए, गुजरात में 3.85 रुपये, राजस्थान में 5.96 रुपये, यूपी में 6.85 रुपये, महाराष्ट्र 4.99 रुपये, बिहार 7.57 रुपये प्रति यूनिट पर बिजली किसानों को दी जा रही है। घरेलू बिजली उत्तराखंड में 5.82 रुपये में मिल रही है।

पंजाब में 6.35 रुपये, यूपी 6.99 रुपये, महाराष्ट्र 8.81 रुपये, बिहार 8.62 रुपये में मिल रही है। उद्योगों के मामले में भी उत्तराखंड में 7.90 रुपये, पंजाब 8.41 रुपए, यूपी 7.99 रुपये, महाराष्ट्र 9.69 रुपये, बिहार में 11.56 रुपये प्रति यूनिट में बिजली मिल रही है।

उत्तराखंड को विद्युतापूर्ति के लिए 40 प्रतिशत बिजली बाजार से खरीदनी पड़ती है। बिजली खरीद और ट्रांसमिशन शुल्क पर कुल बजट का एक बड़ा हिस्सा खर्च हो जाता है। इन तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद उत्तराखंड, देश में सबसे सस्ती बिजली देने वाला राज्य है। पावर सरप्लस वाले प्रदेशों में भी बिजली की दरें उत्तराखंड से कहीं ज्यादा हैं। 
अनिल यादव, प्रबंध निदेशक, यूपीसीएल

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