कोरोना इफेक्ट: आउटसोर्स ड्राइवर-कंडक्टरों के सामने वेतन का संकट
कोरोना इफेक्ट: आउटसोर्स ड्राइवर-कंडक्टरों के लिए वेतन का संकट उत्तराखंड परिवहन निगम (रोडवेज) में संविदा, विशेष श्रेणी और आउटसोर्स के ड्राइवर-कंडक्टरों के वेतन पर संकट खड़ा हो गया। रोडवेज...
कोरोना इफेक्ट: आउटसोर्स ड्राइवर-कंडक्टरों के लिए वेतन का संकट
उत्तराखंड परिवहन निगम (रोडवेज) में संविदा, विशेष श्रेणी और आउटसोर्स के ड्राइवर-कंडक्टरों के वेतन पर संकट खड़ा हो गया। रोडवेज अब बसों का संचालन नियमित ड्राइवर और कंडक्टरों से करवाया जाएगा। जरूरत पड़ने पर ही संविदा, विशेष श्रेणी और आउटसोर्स के ड्राइवर और कंडक्टर को ड्यूटी पर बुलाया जाएगा। ऐसे में इन ड्राइवर-कंडक्टरों को वेतन नहीं बन पाएगा।
रोडवेज में साढ़े चार हजार से अधिक ड्राइवर और कंडक्टर हैं। इसमें साढ़े तीन हजार संविदा, विशेष श्रेणी और आउटसोर्स से हैं। इनको किलोमीटर के हिसाब से वेतन का भुगतान किया जाता है। मई महीने में बसों का संचालन नहीं हुआ। इसलिए निगम ने जीवन निर्वाह के लिए श्रम विभाग के तय न्यूनतम वेतन दिया। अभी भी इन्हें जून, जुलाई और अगस्त का वेतन नहीं मिल पाया है। वहीं जिस तरह का फैसला अब रोडवेज प्रबंधन ने लिया है, उससे आगे भी संकट बरकरार रहने के आसार हैं।
निगम प्रबंधन ने प्राथमिकता तौर पर नियमित ड्राइवर और कंडक्टर से ड्यूटी लेने का आदेश जारी किया है। जरूरत पड़ने पर संविदा, विशेष श्रेणी और आउटसोर्स के ड्राइवर और कंडक्टर को ड्यूटी पर बुलाने को कहा है। ड्यूटी नहीं मिलने से ड्राइवर और कंडक्टर किलोमीटर नहीं कर पाएंगे, जिससे आगे भी उनके सामने वेतन का संकट खड़ा हो सकता है। क्योंकि इन्हें किमी के हिसाब से वेतन दिया जाता है।
रोस्टर बनाकर दें ड्यूटी : प्रबंधन ने आदेश में कहा कि यदि किसी डिपो में संविदा, विशेष श्रेणी और आउटसोर्स ड्राइवर-कंडक्टर से विशेष परिस्थितियों में काम लिया जा रहा है तो सभी को क्रमवार रोस्टर बनाकर ड्यूटी दें, ताकि सभी को बराबर ड्यूटी मिले सके।
संविदा, विशेष श्रेणी और आउटसोर्स के ड्राइवर व कंडक्टरों का शोषण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इनका नियमितीकरण किया जाए। रोडवेज में समान काम के लिए समान वेतन मिलना चाहिए। नौ सितंबर से विभिन्न मांगों को लेकर यूनियन कार्यबहिष्कार करेगी।
अशोक चौधरी, प्रदेश महामंत्री, उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन
नियमित ड्राइवर और कंडक्टरों को ड्यूटी पर आना होगा। संविदा, विशेष श्रेणी और आउटसोर्स के ड्राइवर-कंडक्टर तभी आएंगे जब उनको बुलाया जाएगा। इससे डिपो में भीड़ नहीं होगी और सोशल डिस्टेंस भी बनी रहेगी।
दीपक जैन, महाप्रबंधक (संचालन), रोडवेज
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