165 किमी तक किसी ने नहीं रोका और 14 की मौत, 20 की जगह टेंपो ट्रेवलर में सवार थे इतने पर्यटक
टेंपो ट्रैवलर हादसे ने हरिद्वार से लेकर रुद्रप्रयाग तक हाईवे पर उत्तराखंड पुलिस और परिवहन विभाग के स्तर से बरती जा रही सतर्कता की भी पोल खोल दी है। 14 पर्यटकों की मौत हो गई है।
दिल्ली से चोपता जा रहा यात्री वाहन ऋषिकेश-बदरीनाथ नेशनल हाईवे पर रुद्रप्रयाग के पास शनिवार सुबह अनियंत्रित होकर अलकनंदा नदी में जा गिरा। हादसे में 14 पर्यटकों की मौत हो गई है। जबकि 12 घायल हैं। इनमें पांच गंभीर घायलों को हेलीकॉप्टरों से एयरलिफ्ट कर ऋषिकेश एम्स में भर्ती कराया गया है।
अन्य सात घायलों का जिला अस्पताल रुद्रप्रयाग में उपचार चल रहा है। प्रथमदृष्टया हादसे का कारण ओवरलोडिंग और ड्राइवर को झपकी आना बताया जा रहा है। हालांकि हादसे के सही कारणों का खुलासा जांच पूरी होने पर होगा। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दुर्घटना की जांच के आदेश दिए हैं।
टेंपो ट्रैवलर हादसे ने हरिद्वार से लेकर रुद्रप्रयाग तक हाईवे पर उत्तराखंड पुलिस और परिवहन विभाग के स्तर से बरती जा रही सतर्कता की भी पोल खोल दी है। वरना यह सवाल खड़ा न होता कि 20 सीट वाले टैम्पो ट्रैवलर में 26 लोग इतनी दूर तक कैसे पहुंच गए? क्या इस बीच किसी भी पड़ाव पर वाहन की जांच नहीं की गई?
हरिद्वार से रुद्रप्रयाग के निकट स्थित दुर्घटनास्थल की दूरी करीब 165 किमी है। इन दिनों चारधाम यात्रा चरम पर होने के कारण, जगह- जगह हाईवे पर पुलिस और परिवहन विभाग की चेक पोस्ट पर मुस्तैदी का दावा किया जा रहा है।
पहली चेकपोस्ट हरिद्वार में है, इसके बाद ऋषिकेश, मुनि की रेती, देवप्रयाग, श्रीनगर जैसे प्रमुख पड़ाव आते हैं, लेकिन शनिवार को ओवरलोड टैम्पो ट्रैवलर बेधड़क चलता रहा। कहीं कोई जांच नहीं हुई। पूरे यात्रा मार्ग पर 48 पुलिस चेक पोस्ट बनाए गए हैं। इनका मुख्य कार्य यात्रियों को सहायता प्रदान करना है।
जांच के लिए जगह-जगह वाहन रोके जाने से हाईवे पर जाम की स्थिति बनती है, जिस कारण यात्रियों को ही मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। बेहद जरूरी स्थिति में ही वाहनों को जांच के लिए रोका जाता है।
करन सिंह नगन्याल, आईजी गढ़वाल
ग्रीन और ट्रिप कार्ड व्यवस्था पर सवाल
बद्रीनाथ हाईवे पर दुर्घटनाग्रस्त हुए टैम्पो ट्रैवलर का न तो ग्रीन कार्ड बना हुआ था और न ही उसका ट्रिप कार्ड था। परिवहन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि चोपता के लिए ग्रीन और ट्रिप कार्ड की जरूरत नहीं है। ऐसे में विभाग के नियमों पर सवाल उठ रहे हैं कि जब चारधाम के लिए ग्रीन और ट्रिप कार्ड जरूरी हैं तो आसपास के पर्यटक स्थलों के लिए क्यों नहीं?
सरकार ने चारधाम के लिए ग्रीन और ट्रिप कार्ड जरूरी कर रखा है। ग्रीन कार्ड तभी बनता है जब वाहन का रजिस्ट्रेशन, फिटनेस, बीमा के साथ ही ड्राइवर का लाइसेंस भी वैध हो। इसके साथ ही ड्राइवर को पहाड़ पर वाहन चलाने का अनुभव भी होना चाहिए। आरटीओ (प्रवर्तन) शैलेश तिवारी का कहना है कि ग्रीन और ट्रिप कार्ड सिर्फ चारधाम के लिए जरूरी है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।