Hindi Newsउत्तराखंड न्यूज़Employees raised voice on demand of OPS No pension no vote campaign on X

OPS की मांग पर कर्मचारियों ने भरी हुंकार, एक्स पर ‘नो पेंशन-नो वोट’ अभियान 

पोस्टर में ‘एक देश एक विधान सबको पेंशन एक समान’, ‘हैशटैग ओपीएस इज अवर राइट’ और ‘हैशटैग नो पेंशन नो वोट’ जैसे स्लोगन लिखे हुए हैं। कर्मचारियों का साफ कहना है कि जो दल आगे आकर अपने एजेंडा है।

Himanshu Kumar Lall अल्मोड़ा। मुकेश सक्टा, Sun, 14 April 2024 01:08 PM
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पुरानी पेंशन स्कीम-ओपीएस (OPS)मांग कर रहे कर्मचारी ने राजनीतिक दलों की धड़कनें बढ़ा दी हैं। पुरानी पेंशन बहाली संगठन ने ऐलान किया है कि आज से सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर ‘हैशटैग ओपीएस हमारा अधिकार’ अभियान शुरू किया जाएगा।

उनका कहना है कि जो उनकी बुढ़ापे की लाठी लौटाएगा, उसी को अपना वोट करेंगे। प्रदेश में पुरानी पेंशन बहाली की मांग करने वाले कर्मचारियों की संख्या 92 हजार से अधिक है। करीब आठ हजार सरकारी कर्मचारियों को नई नियुक्ति मिली है।

इस चुनाव ये एक लाख कर्मचारी राजनीतिक दलों के मंसूबों में पानी फेरने के लिए तैयार हैं। इसके लिए कर्मचारियों ने सोशल मीडिया में प्रचार तेज कर दिया है। बाकायदा कर्मचारी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पोस्ट कर अन्य से समर्थन मांग रहे हैं।

पोस्टर में ‘एक देश एक विधान सबको पेंशन एक समान’, ‘हैशटैग ओपीएस इज अवर राइट’ और ‘हैशटैग नो पेंशन नो वोट’ जैसे स्लोगन लिखे हुए हैं। कर्मचारियों का साफ कहना है कि जो दल आगे आकर अपने एजेंडे में पुरानी पेंशन बहाली का वादा करेगा उसी को वे समर्थन करेंगे। इस मुहिम में कर्मचारियों के परिजन और रिश्तेदार भी शामिल हो रहे हैं।

देहरादून में सबसे अधिक, रुद्रप्रयाग में सबसे कम
 पुरानी पेंशन बहाली की मांग करने वाले सबसे अधिक कर्मचारी देहरादून में हैं। देहरादून में 12123 और सबसे कम रुद्रप्रयाग में 2728 कर्मचारी हैं। इसके अलावा अल्मोड़ा में 7770, बागेश्वर में 3144, पिथौरागढ़ में 5512, चम्पावत में 3115, नैनीताल में 8969, ऊधमसिंह नगर में 7825, हरिद्वार में 9288, पौड़ी में 8223, चमोली में 5255, उत्तरकाशी में 5026 और टिहरी में 7058 कर्मचारी पंजीकृत हैं।

क्या है पुरानी पेंशन योजना 
पुरानी पेंशन योजना के तहत सभी कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन देने का प्रावधान था। कर्मचारी को सेवानिवृत्ति के समय मिलने वाले वेतन के आधार पर पेंशन दी जाती थी। साथ ही सेवानिवृत्त कर्मचारी की मौत होने पर परिजनों को पेंशन देने की व्यवस्था थी।

लेकिन सरकार ने 2004 के बाद भर्ती हुए कर्मचारियों की पेंशन बंद कर दी। इसके बदले पेंशन-कम-इंवेस्टमेंट योजना शुरू की। इस योजना के तहत कर्मचारी को सेवानिवृत्ति के लिए स्वयं बचत करनी होगी।बुढ़ापे की लाठी ‘पुरानी पेंशन’ की बहाली के लिए कर्मचारी एकजुट हैं।

सोशल मीडिया पर हैशटैग अभियान चलाकर कर्मचारियों से अनुरोध किया जा रहा है कि इस बार अपने हक और सम्मान को देखते हुए मतदान करें। अभियान में पूरे प्रदेश के कर्मचारियों का समर्थन मिल रहा है।
जीतमणि पैन्यूली, प्रांतीय अध्यक्ष पुरानी पेंशन बहाली संगठन।

आज एक्स पर चलेगा हैशटैग अभियान
पुरानी पेंशन बहाली की मांग कर रहे कर्मचारी आज एक्स पर अभियान चलाएंगे। राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार ‘बन्धु’ और राष्ट्रीय महासचिव स्थित प्रज्ञा की ओर से यह अभियान चलाया गया है। इसमें सरकारी कर्मचारी एक्स पर ‘हैशटैग ओपीएस इज अवर राइट’ और ‘हैशटैग नो पेशन नो वोट’ पोस्ट करेंगे। बाकायदा राष्ट्रीय और प्रांतीय पदाधिकारी अभियान को सफल बनाने की अपील कर रहे हैं।

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