भूकंप के तेज झटकों से लोगों में दहशत, दो महीने में 16 बार डोली उत्तराखंड की धरती, एक्सपर्ट को इस बात की चिंता
भूकंप के तेज झटकों से एक बार फिर उत्तराखंड की धरती डाेल गई। 21 मार्च मंगलवार रात 10:20 बजे पर तेज भूकंप के झटके महसूस किए गए। मालूम हो कि पिछले दो महीने में 16 बार उत्तराखंड में भूकंप आया है।
भूकंप के तेज झटकों से एक बार फिर उत्तराखंड की धरती डाेल गई। 21 मार्च मंगलवार रात करीब 10 बजकर 20 मिनट पर तेज भूकंप के झटके महसूस किए गए। मालूम हो कि पिछले दो महीने में 16 बार उत्तराखंड में भूकंप आया है। भूकंप के झटकों के बाद लोगगग अपने-अपने घरों से बाहर निकलकर सुरक्षित स्थान पर चले गए। भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान रहने के बावजूद प्रदेशभर में जोरदार भूकंप महसूस किया गया।
पर्यटन नगरी मसूरी के कई क्षेत्रों में 10:21 पर काफी तेज भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप आने के बाद लोगों में काफी दहशत बनी हुई है। मसूरी का साउथ रोड पर बनी बिल्डिंग भूकंप की दृष्टि से 5 जोन में आती हैं ऐसे में वहां रह रहे लोगों में भी काफी डर का माहौल बना हुआ है। भूकंप के झटके महसूस होने के बाद लोग अपने सगे संबंधियों से फोन पर इधर-उधर बात कर रहे हैं। मसूरी के मलिंगार क्षेत्र में भूकंप के झटके आने के बाद कुछ लोग घरों से बाहर निकल गए और अभी भी बाहर ही खड़े हैं।
इस बारे में स्थानीय निवासी नीरज ने बताया कि मलिंगार क्षेत्र में काफी तेज भूकंप के झटके महसूस किए गए।बताया कि पूरा बेड हिल गया वह किचन रखा सामान भी नीचे गिर गया जिसके बाद वह परिवार समेत बाहर आ गए। बताया कि भूकंप का झटका काफी तेज था जिससे लोगों में दहशत पैदा हो गई।
इससे पहले होली के दिन उत्तराखंड की धरती एक बार फिर डोली थी। उत्तरकाशी जिले में भूकंप के झटके बाद एक बार फिर लोग दहशत में आ गए थे। उत्तरकाशी जिले में 10 बजकर 08 मिनट पर भूकंप का झटका महसूस किया गया। झटका महसूस होते ही सभी अपने घरों से बाहर आए। हालांकि, भूकंप से कोई हानि की सूचना नहीं है, लेकिन भूकंप के झटकों से लोग अपने-अपने घरों से बाहर निकल कर आ गए थे।
आपको बता दें कि पिछले दो महीने में उत्तराखंड में भूकंप के 14 ऐसे भूकंप आ चुके हैं, जिन्हें लोगों ने महसूस किया है। इससे पहले पांच मार्च को उत्तरकाशी में 2.5, 1.8 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया। 13 जनवरी को उत्तरकाशी में 2.9 तीव्रता का भूकंप आया। 20 जनवरी को देहरादून में 2.8 तीव्रता का भूकंप आया। 22 जनवरी को पिथौरागढ़ में 3.8 तीव्रता, 25 जनवरी को पिथौरागढ़ में 2.1 तीव्रता, 29 जनवरी को चमोली में 2.0 तीव्रता, 10 फरवरी को रुद्रप्रयाग में 2.5 तीव्रता।
20 फरवरी को बागेश्वर में 2.5 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया। इसके अलावा 24 फरवरी को पिथौरागढ़ में 2.5, दो मार्च को पौड़ी में 2.4, दो मार्च को ही बागेश्वर में 2.6, भूकंप के इन झटकों को नेशनल सेंटर फॉर सेस्मोलॉजी और दून के वाडिया हिमालय भू विज्ञान संस्थान में भी दर्ज किया गया। वाडिया के भू वैज्ञानिक नरेश कुमार के मुताबिक भूंकप धरती की सामान्य भूगर्भीय हलचल है, जो निरंतर होती रहती है। एक तीव्रता से कम के भूकंप को बहुत अधिक आते हैं। लेकिन वह पूरी तरह असरहीन हैं। इसलिए उन्हें अध्ययन में शामिल नहीं किया जाता।
हिंदू’कुश रीजन में 10 दिन से लगातार भूकंप के झटके
अफगानिस्तान के हिंदु कुश रीजन में मंगलवार को 6.6 तीव्रता के बड़े भूकंप से पहले हाल के दिनों में कई बार धरती डोली। यहां दस दिन में लगातार भूकंप के झटके दर्ज किए गए हैं। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के डाटा के अनुसार, 18 मार्च को हिंदू- कुश रीजन अफगानिस्तान में 5 तीव्रता वाला भूकंप आया। इससे पहले 12 मार्च को 4.5 और 4.3 की तीव्रता के दो भूकंप आए। 11 मार्च को भी अफगानिस्तान में 4.5 का भूकंप गया। 10 मार्च को 4.5 की तीव्रता के एक के बाद एक तीन झटके आए।
उत्तराखंड में पिछले 12 दिन का भूकंप का ब्योरा
6 मार्च - 2.2 पिथौरागढ़, रात 10:21 बजे
5 मार्च - 1.8 उत्तरकाशी, सुबह 10:09 बजे
5 मार्च - 2.5 उत्तरकाशी, रात 12:45 बजे
2 मार्च - 2.6 बागेश्वर, सुबह 4:47 बजे
2 मार्च - 2.4 पौड़ी, सुबह 10:31 बजे
24 फरवरी - 2.5 पिथौरागढ़, दोपहर 2:07 बजे
स्रोत- नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी
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