भूकंप से फिर होगा तगड़ा नुकसान? भूकंपीय फॉल्ट लाइन के आसपास निर्माण करेगा परेशान; उठे सवाल
भूकंप के लिहास से उत्तराखंड के गढ़वाल, और कुमाऊं मंडल के विभिन्न जिले संवेदनशील श्रेणी में आते हैं। पिछले तीन महीने में उत्तराखंड में छाटे-बड़े भूकंप हा चुके हैं। भूकंप को लेकर फिर टेंशन रहती है।
भूकंप के लिहास से उत्तराखंड के गढ़वाल, और कुमाऊं मंडल के विभिन्न जिले संवेदनशील श्रेणी में आते हैं। पिछले तीन महीने में उत्तराखंड में छाटे-बड़े भूकंप हा चुके हैं। ऐसे में भूकंप को लेकर फिर टेंशन बनी रहती है। मालमू हो कि उत्तराखंड में भूकंप से विगत वर्षों में नुकसान भी हो चुका है।
मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए-MDDA) के द्वारा तैयार करवाए गए मास्टर प्लान में दर्शाई गई भूकंपीय फॉल्ट लाइन के आसपास अनियोजित तरीके से हो रहे निर्माण कार्यों को लेकर सवाल उठने लगे हैं। एसडीसी फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल ने एमडीडीए और नियोजन विभाग से ऐसे निर्माण करने वालों को जागरूक करने की मांग की है।
कहना है कि अगर उत्तराखंड में आने वाले दिनों में भूकंप आता है तो लोगों को भूकंप से बड़ा नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि मास्टर प्लान में 29 फॉल्ट लाइनें दर्शाई गई हैं जो नथुआवाला, तिमली मान सिंह, सरखेत, भैसवाड़ गांव, राजपुर, चालंग, तरला नागल, चकतुनवाला, आईटीपार्क क्षेत्र, केदारपुर, अंबीवाला आदि क्षेत्रों से गुजर रही है।
नियोजन विभाग ने फॉल्ट लाइन के सेंटर से दोनों ओर 50 मीटर के दायरे में निर्माण पर प्रतिबंध लगाने और बफर जोन में कम ऊंचाई वाले निर्माण को ही अनुमति देने की संस्तुति की है। उन्होंने सुझाव दिया है कि इस बारे में संबंधित क्षेत्रों के लोगों को समय रहते जागरूक करना चाहिए।
राजपुर क्षेत्र, मसूरी रोड, सहस्त्रधारा रोड समेत विभिन्न इलाकों में बन रही बहुमंजिला बिल्डिंगों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाने चाहिए। साथ ही फॉल्ट लाइन के बारे में प्राधिकरण और संबंधित विभागों की वेबसाट पर भी जानकारी साझा की जानी चाहिए। लोगों को भी सरल भाषा में सटीक जानकारी दी जाए।
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