स्पेशल बीएड, टीईटी धारकों को नैनीताल हाईकोर्ट से राहत नहीं, जानिए क्या है वजह?
- मामले के अनुसार, गोपाल सिंह गौनिया एवं अन्य ने हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर कर कहा था कि उनके पास प्राथमिक विद्यालयों के बतौर अध्यापक नियुक्त होने की पूरी योग्यता है। इसके लिए उन्होंने स्पेशल बीएड एवं टीईटी की परीक्षा भी उत्तीर्ण की है।
स्पेशल बीएड और टीईटी धारकों को हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली है। कोर्ट ने प्राथमिक स्कूलों की शिक्षक भर्ती में प्राथमिकता देने संबंधी याचिका को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले को बरकरार रखा है, जिसमें स्पेशल बीएड और टीईटी योग्यताओं को प्राथमिक विद्यालयों के लिए आवश्यक नहीं बताया गया था।
मामले के अनुसार, गोपाल सिंह गौनिया एवं अन्य ने हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर कर कहा था कि उनके पास प्राथमिक विद्यालयों के बतौर अध्यापक नियुक्त होने की पूरी योग्यता है। इसके लिए उन्होंने स्पेशल बीएड एवं टीईटी की परीक्षा भी उत्तीर्ण की है।
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि राज्य सरकार ने संबंधित पदों को भरने के लिए पूर्व में विज्ञप्ति जारी की और उनके आवेदन स्वीकार भी किए। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आधार पर उनके आवेदन निरस्त कर दिए गए।
याचिकाकर्ताओं ने अनुरोध किया था कि उन्हें प्राथमिक स्कूलों की अध्यापक भर्ती में प्राथमिकता दी जाए। इसी बीच कुछ अभ्यर्थियों ने इस विज्ञप्ति को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
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