गुलदार की दहशत से टिहरी में 3 दिन के लिए स्कूल बंद, 13 साल की लड़की की ले चुका जान
- गुलदार की दहशत की वजह से भौड़ गांव, पुर्वाल गांव और कोट महर गांव के प्राथमिक स्कूल सहित अंथवाल गांव के प्राथमिक और राजकीय हाईस्कूल को अगले तीन दिनों तक बंद रखने के आदेश जारी किए गए हैं।
टिहरी जिले में गुलदार के आतंक का पर्याय बनी ग्यारह गांव हिंदाव पट्टी के लोगों में गुलदार की दहशत बनी हुई है। गुलदार की दहशत के कारण प्रशासन ने गुलदार प्रभावित भौड़ गांव, पुर्वाल गांव और कोट महर गांव के प्राथमिक स्कूल सहित अंथवाल गांव के प्राथमिक और राजकीय हाईस्कूल को अगले तीन दिनों तक बंद रखने के आदेश जारी किए गए हैं।
दहशत जदा ग्रामीण घरों से बाहर निकलने में भी डर रहे है। शनिवार को गुलदार के हमले का शिकार हुई 13 साल की बच्ची के शव को रात भर घटनास्थल पर ही रखा गया। शिकारी गुलदार को मारने के लिए घात लगाए बैठे रहे। लेकिन गुलदार नहीं आया।
सुबह पोस्टमार्टम के बाद बच्ची का शव परिजनों को सौंप दिया गया। गुलदार के आतंक को देखते हुए शनिवार रात से डीएफओ पुनीत तोमर टीम के साथ मौके पर डटे हैं।
तीन दिनों तक बंद रहेंगे स्कूल
गुलदार प्रभावित भौड़ गांव, पुर्वाल गांव और कोट महर गांव के प्राथमिक स्कूल सहित अंथवाल गांव के प्राथमिक और राजकीय हाईस्कूल को अगले तीन दिनों तक बंद रखने के आदेश जारी किए गए हैं। सीईओ एसपी सेमवाल ने बताया कि इन सभी स्कूलों में सोमवार से अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं होनी थी।
लेकिन लगातार गुलदार की घटनाओं को देखते हुए डीएम मयूर दीक्षित से अनुमोदन लेकर बुधवार तक सभी स्कूलों में अवकाश घोषित किया गया है। इन तिथियों में आयोजित होने वाली परीक्षाओं को अग्रसारित किया गया है। हालात सामान्य होने के बाद नई तिथि घोषित की जाएगी।
दो और बच्चों की जा चुकी जान
बीती 22 जुलाई को भौंड़ गांव में 9 वर्षीय बालिका, 29 सितंबर को पूर्वाल गांव में 3 वर्षीय बालक को गुलदार ने निवाला बना दिया था। लोगों के आक्रोश को देखते हुए वन विभाग ने गुलदार को मारने के लिए दो शूटर तैनात किए है। साथ ही गुलदार को ट्रेस करने के लिए करीब 8 कैमरे और पिंजरे भी लगाए हैं। साथ ही वन विभाग की टीम लगातार क्षेत्र में कैंप किए हुए है।
13 साल की बच्ची की मौत के बाद ग्रामीणों में आक्रोश, डीएफओ का किया घेराव
घनसाली के मेहरगांव तल्ला में बीते शनिवार शाम को गुलदार द्वारा 13 वर्षीय बालिका को निवाला बनाने के बाद ग्रामीणों में आक्रोश के साथ ही दहशत का माहौल बना है। वहीं घटना से गुस्साएं ग्रामीणों ने शनिवार रात्रि को मौके पर पहुंचे विधायक शक्तिलाल शाह, डीएफओ और वन विभाग के अधिकारियों के प्रति कड़ा रोष जताया। ग्रामीणों ने डीएफओ का घेराव करते हुए उचित कार्रवाई की मांग की है।
गुलदार के हमले की घटना के बाद मेहरगांव पहुंचे विधायक शक्तिलाल शाह ने बताया कि गुलदार को मारने के लिए चार शूटर तैनात कर दिए गए है। जबकि दो और शूटर सोमवार को मौके पर पहुंच जाएंगे। इसके साथ ही गुलदार को ट्रेस करने के लिए पूर्व में लगाए गए आठ कैमरों की संख्या बढ़ाई गई है।
उन्होंने कहा कि गांव के चारों ओर पुलिस व वन विभाग के कर्मचारियों को तैनात किया गया है। वहीं वन विभाग ने ग्रामीणों को फिलहाल गांव से बाहर न जाने की अपील की है। जिस कारण गांव के लोग घरों में कैद होकर रह गए है।
मृतक बालिका के शव का पोस्टमार्टम करने के बाद शिकारी दल की सलाह पर मौके पर ही रखा गया। ताकि गुलदार को शिकार वाले स्थान पर आने पर शूट किया जा सके। बेटी की मौत से परिवार के लोग गहरे सदमे में है।
उसकी मां व भाई बहनों का रो रोकर बुरा हाल है, जिन्हें गांव के लोग सांत्वना देने में लगे है। विधायक ने बताया कि गांव में दो रेंज अधिकारियों, कर्मचारियों और पुलिस के जवानों को तैनात किया गया है। जबकि डीएफओ वन विभाग के गेस्ट हाउस में कैंप कर अपडेट ले रहे है।
रेंज अधिकारी आशीष नौटियाल ने कहा कि शीघ्र ही मृतका के परिजनों के खाते में छह लाख रुपये की मुआवजा राशि भी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि आदमखोर गुलदार को युद्ध स्तर पर ट्रेस करने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे हमले की घटनाओं को रोका जा सके।
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