मांझे से कटी गर्दन का ऑपरेशन कर नया जीवन दिया
एम्स ऋषिकेश के ट्रॉमा सर्जरी विभाग ने जानलेवा मांझे से गर्दन कटने के बाद घायल व्यक्ति की जान बचाई। नरेश कुमार, जो गंभीर स्थिति में थे, को तुरंत उपचार दिया गया और सफल सर्जरी के बाद उन्हें नया जीवन...

एम्स ऋषिकेश ट्रॉमा सर्जरी विभाग के विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम ने जानलेवा मांझे से गर्दन कटने पर जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे घायल व्यक्ति की सर्जरी कर उसे नया जीवन दिया है। चिकित्सकों के अनुसार यह केस ग्रेड 4 शॉक केटेगरी का था। घायल व्यक्ति की भोजन और सांस नली के साथ ही हृदय से मस्तिष्क में रक्त सप्लाई करने वाली दाईं तरफ की कोशिकाएं पूरी तरह से कट चुकी थीं, जिससे उसका काफी रक्त बह चुका था। बताया गया है एम्स के ट्रॉमा सर्जरी विभाग में बीते फरवरी माह से अब तक जानलेवा मांझे से सात घायलों का सफल उपचार किया जा चुका है। इनमें से सबसे गंभीर स्थिति में बिजनौर, उत्तर प्रदेश निवासी नरेश कुमार (43) का मामला अत्यधिक जटिल श्रेणी का था। परिजनों के मुताबिक नरेश कुमार अपने बीमारे बेटे का इलाज कराने दोपहिया वाहन से बिजनौर से एम्स आ रहा था। हरिद्वार हाईवे पर जानलेवा मांझे की चपेट में आकर वह गंभीर रूप से घायल हो गया। चिकित्सकों के अनुसार जिस वक्त घायल को एम्स ट्रॉमा सेंटर की इमरजेंसी में लाया गया, तब तक घायल के शरीर से काफी रक्त बह चुका था। ट्रॉमा इमरजेंसी टीम ने तत्काल घायल को प्रारंभिक जांच, उपचार के साथ रक्त चढ़ाकर स्टेबल किया और ऑपरेशन शुरू किया। ट्रॉमा सर्जरी के विभागाध्यक्ष प्रो. कमर आजम, ट्रॉमा सर्जन डॉ. मधुर उनियाल और डॉ. नीरज कुमार की देखरेख में ट्रॉमा सर्जन डॉ. रूबी के नेतृत्व में ओपरेटिंग टीम के सदस्य डॉ. संतोष, डॉ. रोहित और एनेस्थीसिया विभाग के डॉ. अंकिन और डॉ. रीना ने जटिलतम सर्जरी को अंजाम देकर घायल को नया जीवन प्रदान किया।
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