बिजली कनेक्शन लेने के तय होंगे नए रेट, पॉवर सप्लाई कोड में उपभोक्ताओं को फायदा या नुकसान?
- यूपीसीएल की ओर से जो एलटी और एचटी लाइनों का निर्माण किया जाता है, उसके रेट तय किए जाएंगे। ताकि आवासीय क्षेत्रों में नई बिजली लाइनों का निर्माण किया जा सके। इसके साथ ही ऊर्जा निगम अपने ठेकेदारों के साथ किस रेट पर काम कराएगा।
उत्तराखंड में विद्युत नियामक आयोग पॉवर सेक्टर के लिए नए पॉवर सप्लाई कोड तैयार कर रहा है। आयोग जल्द ड्राफ्ट जारी करने जा रहा है। नए सप्लाई कोड में बिजली कनेक्शन लेने के रेट तय होंगे। घरों, उद्योगों तक पहुंचने वाली एलटी, एचटी लाइन निर्माण का बजट भी तय होगा। नए सिरे से रेट निर्धारित होंगे।
हर पांच साल में नियामक आयोग बिजली के नए सप्लाई कोड जारी करता है। इसमें स्पष्ट किया जाता है कि प्रति किलोवाट अस्थाई और स्थाई कनेक्शन किस रेट पर जारी किए जाएंगे। इसमें सिक्योरिटी निर्धारण भी होगा।
यूपीसीएल की ओर से जो एलटी और एचटी लाइनों का निर्माण किया जाता है, उसके रेट तय किए जाएंगे। ताकि आवासीय क्षेत्रों में नई बिजली लाइनों का निर्माण किया जा सके। इसके साथ ही ऊर्जा निगम अपने ठेकेदारों के साथ किस रेट पर काम कराएगा, उसके भी बेस रेट आयोग के स्तर से जारी किए जाएंगे।
हर साल जारी होते हैं एक लाख कनेक्शन
ऊर्जा निगम हर साल औसतन एक लाख बिजली कनेक्शन जारी करता है। मौजूदा समय में उत्तराखंड में बिजली उपभोक्ताओं की संख्या 28 लाख को भी पार कर गई है। पिछले एक दशक में बिजली कनेक्शन जारी किए जाने की प्रक्रिया तेज हुई है। तेजी से बढ़ती आवासीय गतिविधियों से बिजली कनेक्शन जारी किए जाने की संख्या लगातार बढ़ रही है।
बिजली कनेक्शन देने का समय भी होगा तय
ऊर्जा निगम उपभोक्ताओं को बिजली के कनेक्शन देने में लगातार देरी कर रहा है। इसके लिए ऊर्जा निगम पर विद्युत नियामक आयोग के स्तर से नियमित रूप से करोड़ों का जुर्माना भी लगाया जा रहा है। नए कोड में बिजली कनेक्शन देने का समय और सख्त किया जाएगा।
150 किलोवाट तक फ्लैट होंगे रेट
इस बार नए सप्लाई कोड में कंज्यूमर प्रोटेक्शन रूल 2020 को ध्यान में रखा जाएगा। इसके तहत बिजली कनेक्शन जारी किए जाने के अलग अलग किलोवाट के हिसाब से रेट तय नहीं होंगे। बल्कि 150 किलोवॉट तक फ्लैट रेट रहेंगे। उसी के हिसाब से कनेक्शन जारी किए जाने के रेट तय होंगे।
लाइन लॉस को लगातार कम किया जा रहा है। 21 प्रतिशत से घट कर ये 14.85 प्रतिशत तक पहुंचा है। रुड़की सर्किल में लाइन लॉस वाले क्षेत्रों में शत प्रतिशत एबी केबिल बिछा कर चोरी पर लगाम कसने का प्रयास किया जा रहा है। वसूली अभियान में आए दिन यूपीसीएल के इंजीनियरों के साथ मारपीट हो रही है। अब सख्ती से निपटा जाएगा।
अजय अग्रवाल, निदेशक परियोजना यूपीसीएल
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