बाजपुर में हिंदी दिवस पर बही काव्य रसधार
हिंदी दिवस के अवसर पर कला गुरुकुल सभागार में हिंदी काव्यधारा कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ, जिसमें देशभर के कवियों ने भाग लिया। डॉ. सुरेंद्र जैन ने हिंदी के महत्व पर प्रकाश डाला। कवियत्री काव्यश्री जैन और...
हिंदी दिवस के अवसर पर कला गुरुकुल सभागार में हिंदी काव्यधारा कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें देश भर के प्रसिद्ध कवियों ने हिंदी का गुणगान किया। मंच का संचालन करते हुए डॉक्टर सुरेंद्र जैन ने कहा कि हिंदी बिन कविता नहीं न ही छन्द और गीत। हिंदी तन मन में बसी हिंदी सच्ची मीत...। प्रसिद्ध कवियत्री काव्यश्री जैन ने कहा, सतत चलते रहो चलना मनुष्य का काम होता है, बिना गंतव्य तक पहुंचे कहां विश्राम होता है। निगाहें लक्ष्य पर रखकर सादा पुरुषार्थ से पथ की, करे जो पार हर बाधा उसी का नाम होता है। हास्यकवि डॉ. जयन्त शाह ने हास्य कविता से सराबोर किया। बरेली से आये कवि अमित शुक्ला ने कहा, जिससे तू भागता चला आए, एक झूठी खबर बनाउंगा। लखनऊ से आई कवयित्री हेमा पांडे ने श्रृंगार रस पढ़ते हुए कहा धूप में धूप से सांवरी हो गई, वेदना से विवश बांसुरी हो गई...। कवि सम्मेलन के पश्चात सुंदर संगीत संध्या का आयोजन किया गया। अमन कला केंद्र के सभी सदस्यों ने गीतों गजलों से समा बांध दिया, आकर्षण का केंद्र रही छोटी बच्ची पंछी ने अपने गीतों से सभी का मन मोह लिया। मौके पर मनीष पन्त, स्वरित जोशी, आकाश शर्मा, ऋषभ, अर्चित ग्रोवर, दिव्य रायपा, कौटिल्य, सिंटू धवन, अर्चित ग्रोवर, जितेन्द्र कश्यप, ऋषभ मौर्य, सोनू दिवाकर, उमर फारूक आदि मौजूद रहे।
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