सहकारी समितियों में 33 फीसदी महिला आरक्षण पर अंतरिम रोक हटी: नैनीताल हाईकोर्ट
- अधिसूचना में सहकारी समितियों के अध्यक्षों और प्रतिनिधि पदों पर महिला आरक्षण घोषित किया गया था। अधिसूचना के अनुसार, सहकारी समितियों में 33 प्रतिशत पदों को महिलाओं के लिए आरक्षित कर दिया गया।
नैनीताल हाईकोर्ट ने प्राथमिक सहकारी समितियों में लिए जारी 33 प्रतिशत महिला आरक्षण पर लगी अंतरिम रोक हटा दी है। साथ ही हाईकोर्ट ने राज्य सरकार, सहकारिता विभाग और सहकारिता चुनाव प्राधिकरण को शपथ पत्र दाखिल कर जवाब देने के लिए निर्देशित किया है।
बीते मंगलवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी एवं न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ में खटीमा निवासी प्रकाश सिंह की याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में राज्य सरकार की ओर से चार जुलाई 2024 को जारी अधिसूचना को चुनौती दी गई थी।
अधिसूचना में सहकारी समितियों के अध्यक्षों और प्रतिनिधि पदों पर महिला आरक्षण घोषित किया गया था। अधिसूचना के अनुसार, सहकारी समितियों में 33 प्रतिशत पदों को महिलाओं के लिए आरक्षित कर दिया गया।
याचिका में कहा गया था कि इसके परिणामस्वरूप ऊधमसिंह नगर जिले की 35 सहकारी समितियों में से 12 समितियों के अध्यक्ष पदों को महिलाओं के लिए आरक्षित कर दिया गया। यह सभी समितियां स्ववित्त पोषित हैं।
याचिकाकर्ता ने कहा था कि सरकार का यह कदम गलत है। इस याचिका पर पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने सहकारी समितियों के अध्यक्ष पदों के लिए आरक्षण पर अंतरिम रोक लगा दी थी।
खंडपीठ ने सहकारिता में डायरेक्टर के पद पर एक परिवार से एक ही डायरेक्टर चुने जाने और अन्य संशोधन को चुनौती देती याचिका पर सरकार को जवाब देने के निर्देश दिए हैं। इन याचिकाओं पर अगली सुनवाई दो दिसंबर को होगी।
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