शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों को कैसे पकड़ेंगे? एल्कोमीटर से जांच के लिए पुलिस के पास पाइप ही नहीं
- पुलिस का कहना है कि रात के समय नशे में वाहन चलाने वालों को पकड़ने के लिए चौराहों पर एल्कोमीटर से जांच होती है। बीते सोमवार की देर रात कार हादसे के बाद अफसरों ने एल्कोमीटर से जांच पर सख्ती की है।
शराब पीकर वाहन चलाने वालों पर शिकंजा कसने के लिए दून पुलिस एल्कोमीटर का इस्तेमाल कर रही है। इसके साथ जरूरी पाइप की कमी लोगों के बीच असंतोष का कारण बन रही है। नियमों के अनुसार एल्कोमीटर में पाइप लगाकर फूंक मारने का प्रावधान है।
पर, कई जगह बिना पाइप के ही एल्कोमीटर से लोगों की जांच की जा रही है। पुलिस का कहना है कि रात के समय नशे में वाहन चलाने वालों को पकड़ने के लिए चौराहों पर एल्कोमीटर से जांच होती है।
बीते सोमवार की देर रात कार हादसे के बाद अफसरों ने एल्कोमीटर से जांच पर सख्ती की है। गुरुवार रात शहर में 12 से अधिक स्थानों पर पुलिस एल्कोमीटर लेकर चेकिंग कर रही थी। अधिकांश जगह पुलिस कर्मचारी जिन एल्कोमीटर में लोगों से फूंक लगवा रहे थे, वहां बदलने के लिए पाइप नहीं थे।
दिलाराम, घंटाघर, किशननगर चौक पर तो फूंक लगवाते वक्त एल्कोमीटर को मुंह से कुछ दूर किया जा रहा था। वहीं, घंटाघर पर पाइप को लेकर एक व्यक्ति ने आपत्ति की। इस दौरान कर्मचारी ने जेब से स्ट्रॉ निकाला, जिसे एल्कोमीटर पर लगवाकर फूंक लगवाई और वापस उतारकर जेब में रख लिया।
ड्रिंक एंड ड्राइव में इस वर्ष 1126 वाहन सीज
दून पुलिस ने शराब पीकर वाहन चलाने के मामलों में इस वर्ष 1126 चालकों पर कार्रवाई की। इनके वाहन सीज किए गए। एल्कोमीटर से जांच के दौरान जब आठ से दस लोगों की चेकिंग की जाती है तब औसतन एक व्यक्ति नशे में मिलता है।
एल्कोमीटर जांच के लिए पाइप की कमी बारे में मुझे नहीं बताया गया। चेकिंग व्यवस्था पर शुक्रवार को समीक्षा बैठक की। सभी स्थानों पर 10 से 12 पाइप लेकर जाने के निर्देश हैं। पाइप की कमी है तो समस्या दूर कराएंगे।
अजय सिंह, एसएसपी
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